औरंगाबाद: जिले में लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हुए परिवारों को मनरेगा के तहत रोजगार दिया जाएगा. जिला प्रशासन की ओर से ये कदम उठाया गया है. वहीं, रोजगार के लिए जिले में बाहर से आए प्रवासी मजदूरों का भी जॉब कॉर्ड बनाया जाएगा.
बता दें कि जिला प्रशासन की ओर से बताया कि लॉकडाउन के दौरान रोजगार देने के बाद काम करने वाले सभी जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा. साथ ही कहा गया है कि जिले में जो बाहर से आए प्रवासी मजदूर हैं, उनका 21 दिनों के बाद क्वॉरेंटाइन समय खत्म हो जाएगा तो उनका जॉब कार्ड निर्गत किया जाएगा. जिसके बाद उन्हें रोजगार भी उपलब्ध करवाया जाएगा.
प्रवासी मजदूरों को भी रोजगार देने का वादा
बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के बाद से दूसरे राज्यों से भारी संख्या में प्रवासियों मजदूरों का जिले में आगमन हुआ है. सभी बाहर में रहकर काम करते थे. इसमें अधिकतर मजदूर संघ के लोग हैं. ऐसे में जिला प्रशासन उन्हें राहत देते हुए मनरेगा के तहत रोजगार देने का वादा किया है.
8 हजार परिवार को रोजगार
औरंगाबाद जिले के उप विकास आयुक्त अंशुल कुमार ने बताया कि जिले के सभी 204 पंचायतों में से 200 पंचायत के 8 हजार परिवारों को रोजगार दिया गया है. जिले के 313 वर्क साइट पर काम कर रहे हैं. शेष चार पंचायतों के भी लोगों को जल्द ही चिन्हित कर रोजगार दिया जाएगा.