भोजपुर: जिले के सदर अस्पताल में स्थित जिला यक्ष्मा केन्द्र का भवन जर्जर हो चुका है. यहां काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को अब किसी भी वक्त बड़े हादसे का डर सताने लगा है.
बड़े हादसे को न्योता दे रहा भवन
वर्षों पुराना ये भवन अब बड़े हादसे को न्योता दे रहा है. इसके साथ ही यक्ष्मा केन्द्र के परिसर में कीचड़ और गंदगी का अंबार लगा है. भवन देखकर बिल्कुल भी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि ये किसी अस्पताल का भवन हो सकता है. ग्राउंड फ्लोर पर लैब और बरामदा है. इनकी हालत बेहद जर्जर हो चुकी है.
जानकारी के बाद भी नहीं बदले हालात
छत के फ्लोर से गिरता सीमेंट लोगो को काफी डरा देता है. कर्मी किसी तरह अपना काम करने को विवश हैं. अस्पताल कर्मी की माने तो जर्जर भवन की जानकारी कई बार वरीय अधिकारियों को दी गई है, लेकिन ना तो इस भवन की मरम्मत हो सकी है ना ही नया भवन बना है.
'यहां काम करना डरावना अनुभव'
अस्पताल कर्मी कहते है कि छत की परत कई बार टूट-टूटकर जमीन पर गिरती रहती है. इन हालातों में काम करना हमें काफी डरावना लगता है. लॉकडाउन से पहले करीब 15 से 20 मरीज टीबी की जांच के लिए आते थे, लेकिन अस्पताल की जर्जरता को देखकर वो दुबारा आना नहीं चाहते.
सिविल सर्जन का मिला आश्वासन
इस जर्जर भवन में 18 स्वास्थ्यकर्मी हैं जो 8 जर्जर कमरों में बैठकर कार्यालय का कार्य करते हैं. वही सीडीओ सुरेश सिन्हा ने बताया कि भवन के जर्जर होने की सूचना सिविल सर्जन को दिया गया है. उनकी तरफ से आश्वासन मिला है.