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भोजपुरः छात्र संगठन आइसा और छात्र राजद ने कुलपति के समक्ष किया विरोध प्रदर्शन

आइसा राज्यसचिव सबीर कुमार ने कहा कि कुलपति का यह नोटिस पूरी तरह से नियम के खिलाफ है और इस तरह के तुगलकी फरमान जारी करना उनके तानाशाही रवैये को दिखाता है.

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Published : Dec 10, 2019, 10:56 AM IST

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भोजपुरः जिले में छात्र संगठन आइसा और छात्र राजद के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को कुलपति के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया. महाराज विधि महाविद्यालय की मान्यता रदद् कर दूसरे महाविद्यालय से टैग करने की कुलपति की ओर से जारी किए गए नोटिस के खिलाफ और लोकप्रशासन, प्राकृत, भोजपुरी विभाग में स्नातकोत्तर में नामांकन नहीं लेने के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.

छात्र संगठन आइसा और छात्र राजद ने किया प्रदर्शन
आइसा और छात्र राजद ने सैकड़ों छात्रों को गोलबंद कर इतिहास विभाग से मार्च निकाला और प्रशासनिक भवन पहुंच कर सभा में तब्दील हो गया. कुलपति के खिलाफ जमकर आक्रोशपूर्ण नारेबाजी की. छात्रों ने “कुलपति की तानाशाही नहीं चलेगी, टैगिंग के नाम पर लॉ कॉलेज को बंद करने का फरमान वापस लो" जैसे आक्रोशपूर्ण नारे लगाए. सभा का संचालन आइसा जिलासचिव रंजन कुमार ने किया.

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छात्रों का विरोध प्रदर्शन

शिक्षा के बजट में लगातार कटौती
सभा को संबोधित करते हुए आइसा के पूर्व राज्यसचिव और इंनौस के राज्य अध्यक्ष अजित कुशवाहा ने कहा कि टैगिंग के नाम पर लॉ कॉलेज को बंद करने का खेल बंद करे विश्वविद्यालय प्रशासन. पूरे देश मे भाजपा सरकार सार्वजनिक शैक्षणिक संस्थानों को मर्ज करने के नाम पर बंद कर रही है और निजी शैक्षणिक संस्थानों को खोल रही है. भाजपा सरकार शिक्षा के बजट में लगातार कटौती कर रही है. शिक्षा पर खर्च करने के लिए सरकारी फण्ड से बड़े-बड़े उद्योगपतियों को खुली छूट दे रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

जिले में एकमात्र सस्ता लॉ कॉलेज
आइसा राज्यसचिव सबीर कुमार ने कहा कि कुलपति का यह नोटिस पूरी तरह से नियम के खिलाफ है और इस तरह के तुगलकी फरमान जारी करना उनके तानाशाही रवैये को दिखाता है. पूरे जिले में एकमात्र यहीं सस्ता लॉ कॉलेज है जिसकी फीस बहुत ही कम है, जिसमें आम छात्र अपनी पढ़ाई कर सकते हैं. लेकिन कुलपति इसको भी मान्यता रदद् कर किसी दूसरे महाविद्यालय से टैग करना चाहती हैं. जबकि महाराजा विधि महाविद्यालय को 1965 में ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त है और कुलपति का कोई अधिकार नहीं बनता इस महाविद्यालय को बंद करने का.

कुलानुशासक ने की छात्रों से बात
2 घंटे लगातार सभा चलने के बाद प्रतिकुलपति, रजिस्ट्रार और कुलानुशासक छात्रों से वार्ता करने के लिए आए. सभी मुद्दों पर गंभीरता से बात हुई और 12 दिसंबर 2019 को आइसा और छात्र राजद के 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को कुलपति से वार्ता कराने की बात अधिकारियों ने कहा. सभा को एस. बी. कॉलेज छात्र संघ प्रतिनिधि और आइसा नेता लालजी शर्मा, राजेश कुमार, छात्र राजद नेता रवि ठाकुर, मंटू कुमार और अन्य लोगों ने संबोधित किया.

भोजपुरः जिले में छात्र संगठन आइसा और छात्र राजद के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को कुलपति के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया. महाराज विधि महाविद्यालय की मान्यता रदद् कर दूसरे महाविद्यालय से टैग करने की कुलपति की ओर से जारी किए गए नोटिस के खिलाफ और लोकप्रशासन, प्राकृत, भोजपुरी विभाग में स्नातकोत्तर में नामांकन नहीं लेने के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.

छात्र संगठन आइसा और छात्र राजद ने किया प्रदर्शन
आइसा और छात्र राजद ने सैकड़ों छात्रों को गोलबंद कर इतिहास विभाग से मार्च निकाला और प्रशासनिक भवन पहुंच कर सभा में तब्दील हो गया. कुलपति के खिलाफ जमकर आक्रोशपूर्ण नारेबाजी की. छात्रों ने “कुलपति की तानाशाही नहीं चलेगी, टैगिंग के नाम पर लॉ कॉलेज को बंद करने का फरमान वापस लो" जैसे आक्रोशपूर्ण नारे लगाए. सभा का संचालन आइसा जिलासचिव रंजन कुमार ने किया.

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छात्रों का विरोध प्रदर्शन

शिक्षा के बजट में लगातार कटौती
सभा को संबोधित करते हुए आइसा के पूर्व राज्यसचिव और इंनौस के राज्य अध्यक्ष अजित कुशवाहा ने कहा कि टैगिंग के नाम पर लॉ कॉलेज को बंद करने का खेल बंद करे विश्वविद्यालय प्रशासन. पूरे देश मे भाजपा सरकार सार्वजनिक शैक्षणिक संस्थानों को मर्ज करने के नाम पर बंद कर रही है और निजी शैक्षणिक संस्थानों को खोल रही है. भाजपा सरकार शिक्षा के बजट में लगातार कटौती कर रही है. शिक्षा पर खर्च करने के लिए सरकारी फण्ड से बड़े-बड़े उद्योगपतियों को खुली छूट दे रही है.

देखें पूरी रिपोर्ट

जिले में एकमात्र सस्ता लॉ कॉलेज
आइसा राज्यसचिव सबीर कुमार ने कहा कि कुलपति का यह नोटिस पूरी तरह से नियम के खिलाफ है और इस तरह के तुगलकी फरमान जारी करना उनके तानाशाही रवैये को दिखाता है. पूरे जिले में एकमात्र यहीं सस्ता लॉ कॉलेज है जिसकी फीस बहुत ही कम है, जिसमें आम छात्र अपनी पढ़ाई कर सकते हैं. लेकिन कुलपति इसको भी मान्यता रदद् कर किसी दूसरे महाविद्यालय से टैग करना चाहती हैं. जबकि महाराजा विधि महाविद्यालय को 1965 में ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त है और कुलपति का कोई अधिकार नहीं बनता इस महाविद्यालय को बंद करने का.

कुलानुशासक ने की छात्रों से बात
2 घंटे लगातार सभा चलने के बाद प्रतिकुलपति, रजिस्ट्रार और कुलानुशासक छात्रों से वार्ता करने के लिए आए. सभी मुद्दों पर गंभीरता से बात हुई और 12 दिसंबर 2019 को आइसा और छात्र राजद के 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को कुलपति से वार्ता कराने की बात अधिकारियों ने कहा. सभा को एस. बी. कॉलेज छात्र संघ प्रतिनिधि और आइसा नेता लालजी शर्मा, राजेश कुमार, छात्र राजद नेता रवि ठाकुर, मंटू कुमार और अन्य लोगों ने संबोधित किया.

Intro:*महाराज विधि महाविद्यालय की मान्यता रदद् कर दूसरे महाविद्यालय से टैग करने का फरमान वापस ले कुलपति- आइसा-छात्र राजद*

*टैगिंग और कम छात्रों के नामांकन के नाम पर कॉलेज और विभागों को सरकार बंद कर आम छात्रों को शिक्षा से बेदखल कर रही - आइसा-छात्र राजद*

भोजपुर
छात्र संगठन आइसा और छात्र राजद ने महाराज विधि महाविद्यालय की मान्यता रदद् कर दूसरे महाविद्यालय से टैग करने की कुलपति द्वारा जारी किए गए नोटिस के खिलाफ और लोकप्रशासन, प्राकृत, भोजपुरी विभाग में स्नातकोत्तर में नामांकन नहीं लेने के खिलाफ आज कुलपति के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया.
आइसा और छात्र राजद ने सैकड़ों छात्रों को गोलबंद कर इतिहास विभाग से मार्च निकाला और प्रशासनिक भवन पहुँच कर सभा मे तब्दील हो गया. कुलपति के खिलाफ जमकर आक्रोशपूर्ण नारेबाजी की. छात्रों ने “कुलपति की तानाशाही नहीं चलेगी, टैगिंग के नाम पर लॉ कॉलेज को बंद करने का फरमान वापस लो, कैंपस है हम छात्रों का VC की जागीर नहीं” जैसे आक्रोशपूर्ण नारे लगाए. सभा का संचालन आइसा जिलासचिव रंजन कुमार ने किया. Body:सभा को संबोधित करते हुए आइसा के पूर्व राज्यसचिव और इंनौस के राज्य अध्यक्ष अजित कुशवाहा ने कहा कि टैगिंग के नाम पर लॉ कॉलेज को बंद करने का खेल बंद करे विश्वविद्यालय प्रशासन. पूरे देश मे भाजपा सरकार सार्वजनिक शैक्षणिक संस्थानों को मर्ज करने के नाम पर बंद कर रही है और निजी शैक्षणिक संस्थानों को खोल रही है. भाजपा सरकार शिक्षा के बजट में लगातार कटौती कर रही है. शिक्षा पर खर्च करने के लिए सरकारी फण्ड से बड़े बड़े उद्योगपतियों को खुली छूट दे रही. सरकार आम छात्रों को शिक्षा से वंचित कर अम्बानी-अडानी जैसे लोगों का गुलाम बना देना चाहती है और जब छात्र आंदोलन करते हैं तो उनके आवाज़ों को दबाने के लिए सरकार उनपर लाठी चार्ज करवा रही है. इस तानाशाही के खिलाफ आज छात्र पूरे देश मे एकजुट होकर सरकार के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं. आइसा राज्यसचिव सबीर कुमार ने कहा कि कुलपति का यह नोटिस पूरी तरह से नियम के खिलाफ है और इस तरह के तुग़लकी फरमान जारी करना उनके तानाशाही रवैये को दिखाता. पूरे जिले में एकमात्र यही सस्ता लॉ कॉलेज है जिसकी फीस बहुत ही कम है, जिसमें आम छात्र अपनी पढ़ाई कर सकते हैं. लेकिन कुलपति इसको भी मान्यता रदद् कर किसी दूसरे महाविद्यालय से टैग करना चाहते हैं. जबकि महाराजा विधि महाविद्यालय को 1965 में ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त है और कुलपति का कोई अधिकार नहीं बनता इस महाविद्यालय को बंद करने का. वहीं दूसरी तरफ विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा  लोकप्रशासन, प्राकृत, भोजपुरी सहित कई अन्य विभागों को बंद करने की साजिश है. इन विभागों में स्नातकोत्तर में नामांकन बंद है. सरकार छात्रों के लिए नए कॉलेज-विश्वविद्यालय नहीं बना रही लेकिन टैग के नाम पे, छात्रों के कम नामांकन होने के नाम पर पूरे देश भर में कॉलेज और विभागों को बंद कर रही है.Conclusion:2 घंटे लगातार सभा चलने के बाद प्रतिकुलपति, रजिस्ट्रार और कुलानुशासक छात्रों से वार्ता करने के लिए आए. सभी मुद्दों पर गंभीरता से बात हुई और 12 दिसंबर 2019 को आइसा और छात्र राजद के 7 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को कुलपति से वार्ता कराने की बात अधिकारियों ने कहा.
सभा को एस. बी. कॉलेज छात्र संघ प्रतिनिधि व आइसा नेता लालजी शर्मा, राजेश कुमार, छात्र राजद नेता रवि ठाकुर, मंटू कुमार और अन्य लोगों ने संबोधित किया. इस प्रदर्शन में शामिल थे आइसा जिलाध्यक्ष पप्पू कुमार, छात्र राजद पूर्व जिलाध्यक्ष भीम यादव, एस. बी. कॉलेज छात्र संघ अध्यक्ष सुधीर कुमार, अंशु राज, धीरन, चंदन, रणधीर, कमलेश, दीपांकर, संजीत, गांगुली, चंदन, दीपक सहित कई लोग शामिल थे.
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