भोजपुर: जिले के गड़हनी से सटे एक छोटा सा गांव तीनघरवा टोला बसा है. इस गांव का आजादी की लड़ाई में अतुलनीय योगदान रहा है. फिर भी सरकार और जनप्रतिनिधियों ने यहां कोई विकास का काम नहीं किया है. आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी गड़हनी प्रखंड के तीनघरवा टोले की सूरत नहीं बदली है. आज भी यह गांव विकास की एक किरण पाने के लिए तरस रहा है.
गांव में आजतक नहीं पहुंची सड़क
तीनघरवा टोला गड़हनी पंचायत के वार्ड संख्या एक में स्थित है. गड़हनी बाजार से सटे होने के बावजूद भी आजतक शहर के किसी सड़क से नहीं जुड़ पाया है. आज भी यहां पहुंचने के लिए न तो कोई सड़क है न ही रास्ते में पड़ने वाली बनास नदी और बरसाती नदी में पुल और पुलिया. गर्मी के दिनों में नदी का जलस्तर काफी नीचे रहने की वजह से आवागमन प्रभावित नहीं होता है. परन्तु बरसात के शुरू होते ही बनास नदी और बरसाती नदी के पानी से भरी होती है. जिसको पार करना मौत को बुलावा देने के समान है. बरसात में लोग अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार कर बाजार पहुंचते हैं. पुल-पुलिया नहीं होने के कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह बंद हो जाती है.
विकास से कोसों दूर है यह गांव
गड़हनी निवासी अविनाश राव ने कहा कि आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने यहां की समस्या पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वर्ष पंचायत के मुखिया ने मनरेगा के तहत मिट्टी भराई का कार्य शुरू किया था. लेकिन किसी मामले में जेल जाने के बाद काम रुका तो आज तक रुका ही रह गया. सरकार की *सात-निश्चय योजना* के तहत वार्ड नंबर एक में काम शुरू तो हुआ जरुर लेकिन उसमें भी तीनघरवा टोला को कोसों दूर रखा गया है.
आजादी की लड़ाई में थी गांव की अहम भूमिका
तीन तरफ नदी से घिरा यह गांव बरसात में टापू बन जाता है. जहां कोई आसानी से नहीं पहुंच सकता है. आजादी की लड़ाई के वक्त यह गांव स्वतंत्रता सेनानियों के लिए वरदान साबित हुआ करता था. स्वतंत्रता सेनानी इस गांव का भरपूर फायदा उठाते थे. प्रखंड के तमाम स्वत्रंत्रता सेनानी गांव-गांव जाकर अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंकने के लिए लोगों का अलख जगाते थे. ग्रामीणों को अग्रेजों के खिलाफ खड़ा होने के लिए प्रेरित करते थे. इसकी भनक जैसे ही अग्रेजों को लगती और वो उन्हें ढूंढते इसके पहले वे गड़हनी के तीनघरवा टोला आकर छुप जाते थे. जहां अंग्रेज चाहकर भी नहीं पहुच पाते थे.
जदयू विद्यायक प्रभुनाथ राम का गांव है नजदीक
अगिआंव विधानसभा के वर्तमान क्षेत्रीय विद्यायक से यहां के ग्रामीणों को काफी उम्मदें थी. तीन वर्ष बीतने के बाद अब लोगों के मन में घोर निराशा और हताशा नजर आती है. क्योंकि विद्यायक का गांव देवढ़ी तीन घरवा टोला से महज 2-3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जो यहां की समस्याओं से वे पूर्ण रूप से वाकिफ हैं. अपने कार्यकाल पूरा होने तक यहां सड़क और पुल का निर्माण करा पाते हैं या गांव के लोगों को यह बदहाली का दंश झेलने की आदत बनाये रखनी होगी.
लोक शिकायत निवारण केंद्र में पहुंच चुका है मामला
गड़हनी निवासी युवा नेता अविनाश राव ने तीन घरवा टोला को बरसात से पूर्व सड़क का निर्माण और नदी पर पुल निर्माण के लिए फरवरी 2018 में ही लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी आरा से मांग की थी. जिसकी जांच के मांग को जायज बताते हुए पत्रांक/दिनांक 329, 7/4/2018 को ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल जगदीशपुर को जल्द से जल्द संर्पकता प्रदान करने का प्रस्ताव भेजा गया था. किंतु एक साल बीत जाने के बाद भी कार्य शुरू नहीं हो पाया है.