भोजपुरः कोरोना महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन ने बिहार सहित पूरे देश के गरीबों की परेशानी बढ़ा दी है. सरकार इनकी मदद करने के दावे करती है. लेकिन कई बार सरकारी बदइंतजामी इनकी मुसीबत बढ़ा देती है. ऐसा ही एक उदाहरण जिले के कोईलवर पुल के पास देखने को मिला.
लॉकडाउन में छिन गया था काम
रोहतास जिले के शिवसागर थाना क्षेत्र अंतर्गत कुमायूं निवासी मुन्ना अंसारी पुल के पास पैदल जा रहे थे. वहां से गुजर रहे ईटीवी भारत के संवाददाता की नजर उन पर पड़ी. उनसे बात करने पर पता चला कि वे हैदराबाद में रहते थे और वहींं गाड़ी चलाकर परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे. लॉकडाउन के बाद काम छिन गया.
बस से जबरन उतार दिया गया
जमा पूंजी से कुछ दिनों तक खाना-पीना चलता रहा. पैसे खत्म होने लगे और लॉकडाउन भी बढ़ता ही जा रहा था. फिर उन्होंने श्रमिक स्पेशल ट्रेन से घर लौटने की सोची. वे ट्रेन से हैदराबाद से सीतामढ़ी पहुंचे. वहां से उन्हें बस से रवाना किया गया. बस पर वो रोहतास के अकेले यात्री थे. बाकी यात्री दूसरे जिलों के थे. ड्राइवर ने सभी यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के बाद मुन्ना अंसारी को पटना के बिहटा में बस से जबरन उतार दिया.
प्रशासन कर रहा रोहतास भेजने की तैयारी
वहां से घर पहुंचने का उनके पास कोई साधन नहीं था. उन्होंने पैदल चलना शुरू किया. रास्ते में एक ट्रैक्टर वाले की मदद से वे कोईलवर पहुंचे. ईटीवी भारत संवाददाता ने इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी. अब प्रशासन उन्हें रोहतास भेजने की तैयारी कर रहा है.