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भोजपुरः पिकअप और साइकिल से पीरो पहुंचे प्रवासी, कहा- किसी तरह जुगाड़ लगाकर पहुंच गए घर

लॉक डाउन में हरियाण और पुणे से प्रवासी मजदूर पीरो पहुंचे. अपने घर तक पहुंचने के लिए इन मजदूरों को पापड़ बेलने पड़े. कोई ट्रक और पिकअप के जरिए तो कोई साइकिल चलाकर सात दिन में वापस अपने प्रखंड पहुंचा.

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Published : May 17, 2020, 9:35 PM IST

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भोजपुरः लॉक डाउन में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों के आने का सिलसिला लगातार जारी है. श्रमिक स्पेशल ट्रेन के अलावा मजदूर अन्य साधन से भी घर वापस लौट रहे हैं. रविवार को पीकअप पर सवार होकर 20 की संख्या में कामगार पीरो पहुंचे. इससे पहले हरियाणा से सभी मजदूर ट्रक से यूपी की सीमा तक पहुंचे. वहीं, इसके बाद एक पीकअप वाहन पर सवार होकर वापस अपने प्रखंड में पहुंचे. जबकि पूणे से 8 की संख्या में साइकिल चलाकर पीरो पहुंचे.

अलग-अलग वाहनों से पीरो प्रखंड के प्रवासियों का आना जारी है. इन सभी को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद सभी को क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा जा रहा है. हालांकि, छोटे-छोटे वाहनों परर सवार होकर पहुंच रहे लोग सोशल डिस्टेंस की धज्जियां भी उड़ा रहे हैं. हरियाणा के अलावा पुणे से साइकिल चलाकर रविवार को 8 कामगार पीरो पहुंचे. ज्यादातर प्रवासी अगिआंव बाजार के रहने वाले हैं. जगदीशपुर पाठक के रोहित कुमार, अजय कुमार, मनीष कुमार, सोनू कुमार के अलावा तेन्दुनी के दिनेश कुमार, राहुल कुमार, गुड्डु सिंह ने अपना दुखड़ा सुनाया.

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थर्मल स्क्रीनिंग करते स्वास्थ्य कर्मी

सात दिन में साइकिल के जरिए पुणे से पहुंचे पीरो

इन प्रवासियों ने कहा कि कुछ दिन पहले ही रोजी-रोटी की तलाश में महाराष्ट्र गए. जहां, एक क्रसर कंपनी में ट्रक और डंफर चलाने का काम मिला. लेकिन काम बंद होने से भुखमरी की कगार पर पहुंच गए. किसी तरह आधे दाम पर साइकिल का जुगाड़ कर घर के लिए दिए. पुणे से पीरो पहुंचने में कामगारों को सात दिन लगे. सभी लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजा गया है.

पंचायत स्तर के सेंटर पर शिकायत

पीरो बीडीओ मानेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि पीरो प्रखंड के सभी पंचायतो में 43 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाये गए हैं. जहां, 1877 प्रवासी रह रहे हैं. हालांकि, पंचायतों में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में बदइंतजामी कि शिकायतें भी आ रही है. क्वॉरेंटाइन सेंटर के व्यक्तियों ने बदहाली का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है. तार पंचायत के चक टोला में पहुंचे 22 कामगारों ने शिकायत की है जबकि पचरूखिया गांव के केन्द्र का भी यहीं हाल है.

भोजपुरः लॉक डाउन में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों के आने का सिलसिला लगातार जारी है. श्रमिक स्पेशल ट्रेन के अलावा मजदूर अन्य साधन से भी घर वापस लौट रहे हैं. रविवार को पीकअप पर सवार होकर 20 की संख्या में कामगार पीरो पहुंचे. इससे पहले हरियाणा से सभी मजदूर ट्रक से यूपी की सीमा तक पहुंचे. वहीं, इसके बाद एक पीकअप वाहन पर सवार होकर वापस अपने प्रखंड में पहुंचे. जबकि पूणे से 8 की संख्या में साइकिल चलाकर पीरो पहुंचे.

अलग-अलग वाहनों से पीरो प्रखंड के प्रवासियों का आना जारी है. इन सभी को थर्मल स्क्रीनिंग के बाद सभी को क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा जा रहा है. हालांकि, छोटे-छोटे वाहनों परर सवार होकर पहुंच रहे लोग सोशल डिस्टेंस की धज्जियां भी उड़ा रहे हैं. हरियाणा के अलावा पुणे से साइकिल चलाकर रविवार को 8 कामगार पीरो पहुंचे. ज्यादातर प्रवासी अगिआंव बाजार के रहने वाले हैं. जगदीशपुर पाठक के रोहित कुमार, अजय कुमार, मनीष कुमार, सोनू कुमार के अलावा तेन्दुनी के दिनेश कुमार, राहुल कुमार, गुड्डु सिंह ने अपना दुखड़ा सुनाया.

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थर्मल स्क्रीनिंग करते स्वास्थ्य कर्मी

सात दिन में साइकिल के जरिए पुणे से पहुंचे पीरो

इन प्रवासियों ने कहा कि कुछ दिन पहले ही रोजी-रोटी की तलाश में महाराष्ट्र गए. जहां, एक क्रसर कंपनी में ट्रक और डंफर चलाने का काम मिला. लेकिन काम बंद होने से भुखमरी की कगार पर पहुंच गए. किसी तरह आधे दाम पर साइकिल का जुगाड़ कर घर के लिए दिए. पुणे से पीरो पहुंचने में कामगारों को सात दिन लगे. सभी लोगों को क्वॉरेंटाइन सेंटर में भेजा गया है.

पंचायत स्तर के सेंटर पर शिकायत

पीरो बीडीओ मानेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि पीरो प्रखंड के सभी पंचायतो में 43 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाये गए हैं. जहां, 1877 प्रवासी रह रहे हैं. हालांकि, पंचायतों में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में बदइंतजामी कि शिकायतें भी आ रही है. क्वॉरेंटाइन सेंटर के व्यक्तियों ने बदहाली का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है. तार पंचायत के चक टोला में पहुंचे 22 कामगारों ने शिकायत की है जबकि पचरूखिया गांव के केन्द्र का भी यहीं हाल है.

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