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शहीद चंदन और कुंदन का पार्थिव शरीर पहुंचेगा भोजपुर, गांव में मातम

गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भोजपुर के दो लाल ने देश के प्रति अपनी शहादत दी है. गुरुवार शाम तक उनका शव उनके पैतृक गांव लाया जाएगा.

भोजपुर के दो जवान शहीद
भोजपुर के दो जवान शहीद
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Published : Jun 18, 2020, 12:33 PM IST

भोजपुर: भारत-चीन की सीमा पर देश की रक्षा करते हुए भोजपुर के चंदन कुमार और कुंदन कुमार शहीद हो गए. खबर के बाद से उनके गांव में मातम पसरा हुआ है. परिजन समेत पूरा गांव देश के वीरों के अंतिम दर्शन के लिए इंतजार कर रहा है. गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर पटना पहुंचेगा. जिसके बाद शव को उनके पैतृक गांव लाया जाएगा. जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया होगा.

शहीद कुंदन और चंदन दोनों 16 बिहार रेजिमेंट में तैनात थे. सोमवार देर रात भारत-चीन गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के दौरान इन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. शहादत की खबर जैसे ही उनके परिवार और गांव वालों को मिली, वहां मातमी सन्नाटा पसर गया है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

BHOJPUR
गांव में मातम का माहौल

शहादत को गांव वालों का नमन
भोजपुर के जवानों की शहादत पर पूरा गांव गर्व कर रहा है. साथ ही लोग शहीदों के परिवार के प्रति अपनी संवेदना जताने के लिए उनके घरों पर पहुंच रहे हैं. लोगों में इस कदर गुस्सा है कि वे केंद्र सरकार से चीन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. उन्होंने देशवासियों से अपील की है कि चीनी सामानों का बहिष्कार करें और चीन को मुंह तोड़ जवाब दें.

मई में होनी थी चंदन की शादी
शहीद जवान चंदन कुमार मूलरूप से जिले के जगदीशपुर प्रखंड के कोरा ज्ञानपुरा गांव निवासी ह्रदानंद सिंह के चौथे और सबसे छोटे बेटे थे. देश के लिए बलिदान होने वाले चंदन की शादी इसी साल बीती मई में होने वाली थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से शादी को टाल दी गई थी.

ईटीवी भारत संवाददाता ने दी जानकारी

बेटी को गोद में लेने से पहले शहीद हुए कुंदन
वहीं, शहीद कुंदन कुमार ओझा के जगदीशपुर प्रखंड के कोरा ज्ञानपुरा गांव के रहने वाले थे. उनके परिवार में उनके माता, पिता, पत्नी और उनकी 17 दिन की बेटी है. कुंदन ने अपनी 17 दिन की बेटी को कभी करीब से नहीं देखा था, वे हमेशा उसे वीडियो कॉलिंग के माध्यम से देखा करते थे. अपनी बेटी को गोद में लेने की हसरत अब कभी पूरी नहीं हो सकेगी.

दशकों बाद हिंसक हुए हालात
बता दें कि 45 साल बाद भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हिंसक झड़प हुई. जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए हैं. सूत्रों के अनुसार चीन के 35 सैनिक हताहत हुए हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों ने पुष्टि की है कि गलवान घाटी में मारे गए लोगों में चीनी यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल हैं. चीनी कमांडर की मौत 15/16 जून की रात हुई हिंसक झड़प में हुई है.

भोजपुर: भारत-चीन की सीमा पर देश की रक्षा करते हुए भोजपुर के चंदन कुमार और कुंदन कुमार शहीद हो गए. खबर के बाद से उनके गांव में मातम पसरा हुआ है. परिजन समेत पूरा गांव देश के वीरों के अंतिम दर्शन के लिए इंतजार कर रहा है. गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर पटना पहुंचेगा. जिसके बाद शव को उनके पैतृक गांव लाया जाएगा. जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया होगा.

शहीद कुंदन और चंदन दोनों 16 बिहार रेजिमेंट में तैनात थे. सोमवार देर रात भारत-चीन गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के दौरान इन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. शहादत की खबर जैसे ही उनके परिवार और गांव वालों को मिली, वहां मातमी सन्नाटा पसर गया है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

BHOJPUR
गांव में मातम का माहौल

शहादत को गांव वालों का नमन
भोजपुर के जवानों की शहादत पर पूरा गांव गर्व कर रहा है. साथ ही लोग शहीदों के परिवार के प्रति अपनी संवेदना जताने के लिए उनके घरों पर पहुंच रहे हैं. लोगों में इस कदर गुस्सा है कि वे केंद्र सरकार से चीन के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. उन्होंने देशवासियों से अपील की है कि चीनी सामानों का बहिष्कार करें और चीन को मुंह तोड़ जवाब दें.

मई में होनी थी चंदन की शादी
शहीद जवान चंदन कुमार मूलरूप से जिले के जगदीशपुर प्रखंड के कोरा ज्ञानपुरा गांव निवासी ह्रदानंद सिंह के चौथे और सबसे छोटे बेटे थे. देश के लिए बलिदान होने वाले चंदन की शादी इसी साल बीती मई में होने वाली थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से शादी को टाल दी गई थी.

ईटीवी भारत संवाददाता ने दी जानकारी

बेटी को गोद में लेने से पहले शहीद हुए कुंदन
वहीं, शहीद कुंदन कुमार ओझा के जगदीशपुर प्रखंड के कोरा ज्ञानपुरा गांव के रहने वाले थे. उनके परिवार में उनके माता, पिता, पत्नी और उनकी 17 दिन की बेटी है. कुंदन ने अपनी 17 दिन की बेटी को कभी करीब से नहीं देखा था, वे हमेशा उसे वीडियो कॉलिंग के माध्यम से देखा करते थे. अपनी बेटी को गोद में लेने की हसरत अब कभी पूरी नहीं हो सकेगी.

दशकों बाद हिंसक हुए हालात
बता दें कि 45 साल बाद भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हिंसक झड़प हुई. जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हुए हैं. सूत्रों के अनुसार चीन के 35 सैनिक हताहत हुए हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के सूत्रों ने पुष्टि की है कि गलवान घाटी में मारे गए लोगों में चीनी यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल हैं. चीनी कमांडर की मौत 15/16 जून की रात हुई हिंसक झड़प में हुई है.

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