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भोजपुर: बालू उत्खनन से खिसक रहा सोन नदी का जलस्तर, खतरे में निर्माणाधीन पुल - सोन नदी का जलस्तर

भोजपुर में सोन नदी से बालू की अवैध की जा रही है. जिसकी वजह से सोन नदी का जलस्तर खिसक रहा है. साथ ही जलीय जीव भी खत्म हो रहे हैं.

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सोन नदी में बालू की अवैध निकासी
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Published : Jun 25, 2020, 3:11 PM IST

भोजपुर: जिले के कोइलवर सोन नदी में बालू माफिया बेखौफ होते जा रहे हैं. सोन नदी में पानी आने के साथ ही सारण, पटना और वैशाली जिले के सैकड़ों नाव जलस्तर के बढ़ने का फायदा उठाते हुए अवैध रूप से बालू की निकासी कर रहे हैं. साथ ही बालू माफिया प्रतिदिन सड़क और नाव से कोइलवर नव निर्माणाधीन 6 लेन पुल के पास ही बालू उत्खनन कर रहे हैं.

खत्म हो रहे जलीय जीव
सोन नदी में अवैध उत्खनन के रोक के लिए एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने 3 मीटर से ज्यादा बालू खनन पर रोक लगा दी है. एनजीटी के अनुसार इस तरह उत्खनन से सोन नदी का जलस्तर खिसक रहा है. जिससे आस-पास के गांव का चापाकल सूख गया है. वहीं नदी में उत्खनन से जलीय जीव भी खत्म हो रहे हैं. जिसका दुष्परिणाम पर्यावरण पर पड़ रहा है.

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नाव से बालू ले जाते माफिया

बालू की अवैध निकासी
इसके बावजूद लगातार सोन नदी से बालू माफिया बालू की अवैध निकासी कर रहे हैं. जिला प्रशासन इसे रोकने में नाकाम साबित हो रहा है. हालांकि जैसे ही सोन नदी में बालू निकासी की खबर मीडिया की ओर से प्रकाशित की जाती है, उसके बाद खानापूर्ति के लिए जिले से खनन विभाग की टीम आती है और कार्रवाई के नाम पर इन्हें भगाकर वापस लौट जाती है.

कई लोगों की डूबने से मौत
स्थानीय लोग बताते हैं कि सोन नदी में लगातार बालू के उत्खनन से गहराई का पता भी नहीं चलता है. जिससे सोन नदी में नहाने गए कई लोगों की डूबने से मौत भी हो जाती है .वहीं ये बालू माफिया पहले रात के अंधरे में बालू निकासी करते थे. अब तो ये दिन के उजाले में भी बालू उत्खनन करते हैं. एक नाव में करीब 3 ट्रक बालू निकालकर उसे बेचने के लिए छपरा की तरफ जाते हैं.

भोजपुर: जिले के कोइलवर सोन नदी में बालू माफिया बेखौफ होते जा रहे हैं. सोन नदी में पानी आने के साथ ही सारण, पटना और वैशाली जिले के सैकड़ों नाव जलस्तर के बढ़ने का फायदा उठाते हुए अवैध रूप से बालू की निकासी कर रहे हैं. साथ ही बालू माफिया प्रतिदिन सड़क और नाव से कोइलवर नव निर्माणाधीन 6 लेन पुल के पास ही बालू उत्खनन कर रहे हैं.

खत्म हो रहे जलीय जीव
सोन नदी में अवैध उत्खनन के रोक के लिए एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने 3 मीटर से ज्यादा बालू खनन पर रोक लगा दी है. एनजीटी के अनुसार इस तरह उत्खनन से सोन नदी का जलस्तर खिसक रहा है. जिससे आस-पास के गांव का चापाकल सूख गया है. वहीं नदी में उत्खनन से जलीय जीव भी खत्म हो रहे हैं. जिसका दुष्परिणाम पर्यावरण पर पड़ रहा है.

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नाव से बालू ले जाते माफिया

बालू की अवैध निकासी
इसके बावजूद लगातार सोन नदी से बालू माफिया बालू की अवैध निकासी कर रहे हैं. जिला प्रशासन इसे रोकने में नाकाम साबित हो रहा है. हालांकि जैसे ही सोन नदी में बालू निकासी की खबर मीडिया की ओर से प्रकाशित की जाती है, उसके बाद खानापूर्ति के लिए जिले से खनन विभाग की टीम आती है और कार्रवाई के नाम पर इन्हें भगाकर वापस लौट जाती है.

कई लोगों की डूबने से मौत
स्थानीय लोग बताते हैं कि सोन नदी में लगातार बालू के उत्खनन से गहराई का पता भी नहीं चलता है. जिससे सोन नदी में नहाने गए कई लोगों की डूबने से मौत भी हो जाती है .वहीं ये बालू माफिया पहले रात के अंधरे में बालू निकासी करते थे. अब तो ये दिन के उजाले में भी बालू उत्खनन करते हैं. एक नाव में करीब 3 ट्रक बालू निकालकर उसे बेचने के लिए छपरा की तरफ जाते हैं.

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