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Arrah Bomb Blast: लंबू शर्मा को एक बार फिर फांसी की सजा, जानिए क्या है पूरा मामला - Lambu Sharma sentenced to death

बिहार के आरा में बम बलास्ट मामले में कोर्ट ने एक बार फिर लंबू शर्मा को फांसी की सजा सुनाई. बुधवार को कोर्ट ने यह फैसला दिया. इससे पहले भी साल 2019 में उसे फांसी की सजा सुनाई थी, जिस समय पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में दोबारा फैसला करने का आदेश दिया था. जानिए क्या है पूरा मामला...

लंबू शर्मा को कोर्ट में ले जाती पुलिस
लंबू शर्मा को कोर्ट में ले जाती पुलिस
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Published : Apr 5, 2023, 4:13 PM IST

भोजपुरः बिहार के आरा बम बलास्ट में लंबू शर्मा को फांसी की सजा (Bomb Blast In Arrah) सुनाई गई. कोर्ट आरोपी लंबू शर्मा को पहले भी दोषी करार दिया था, जिसमें फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन पटना हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाते हुए केस को फिर से निचली अदालत में भेज दिया था. इस मामले में एक बार फिर आरा की कोर्ट ने लंबू शर्मा को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई.

यह भी पढ़ेंः Bihar Violence : सासाराम में बमबाजी पर बोले जिलाधिकारी- 'मामूली सुतली बम था, FSL करेगी जांच'

क्या है मामलाः मामला 23 जनवरी 2015 से जुड़ा है. उस समय आरा कोर्ट बम धमाका से थर्रा गया था. घटना के बाद से हड़कंप मच गयी थी. छानबीन में खुलास हुआ था कि यूपी की रहने वाली एक महिला नगीना देवी के बैग में रखा बम फट गया था. बम फटने से नगिना चिथड़े चिथड़े हो गई थी. इस घटना में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे, जिसमें एक सिपाही अमित कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.

पेशी के दौरान हुआ था बलास्टः जिस दिन यह घटना हुई थी, उसी दिन लंबू शर्मा और अखिलेश उपाध्याय को पेशी के लिए कोर्ट में लाया गया था. इसी दौरान साजिश के तहत कोर्ट में बम धमका किया गया था. लंबू शर्मा ने जेल से ही बम धमका का प्लान बनाया था. उसने इसके लिए नगीना देवी से सौदा तय किया था. जिस समय लंबू शर्मा और अखिलेश उपाध्याय को पेशी के लिए लाया गया था, उसी समय नगीना भी बैग में बम लेकर आ गई थी. ज्यों ही लंबू कोर्ट पहुंचा, बम धमका हो गया, धमाका का फायदा उठाकर दोनों फरार हो गया था. घटना के बाद लंबू शर्मी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कुछ दिन बाद अखिलेश भी पकड़ा गया था.

एक आरोपी की हो चुकी है माैतः इस मामले में कोर्ट ने पहले भी 2019 में लंबू को फांसी की सजा सुनाई थी. साथ ही अन्य दोषी, जिसमें नईम मियां, अखिलेश उपाध्य, अंशू कुमार, श्याम विनय वर्मा, चांद मियां, प्रमोद सिंह और रिंकू यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. लेकिन पटना हाईकोर्ट ने मामले को निचली अदालत भेजते हुए दोबारा फैसला करने के लिए कहा था. जिसके तहत एक बार फिर कोर्ट ने लंबू शर्मी को फांसी की सजा सुनाई है. इस मामले का दोषी प्रमोद सिंह की 2020 में मौत हो गई थी. जेल प्रशासन ने हार्ट अटैक से मौत का कारण बताया था.

भोजपुरः बिहार के आरा बम बलास्ट में लंबू शर्मा को फांसी की सजा (Bomb Blast In Arrah) सुनाई गई. कोर्ट आरोपी लंबू शर्मा को पहले भी दोषी करार दिया था, जिसमें फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन पटना हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगाते हुए केस को फिर से निचली अदालत में भेज दिया था. इस मामले में एक बार फिर आरा की कोर्ट ने लंबू शर्मा को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई.

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क्या है मामलाः मामला 23 जनवरी 2015 से जुड़ा है. उस समय आरा कोर्ट बम धमाका से थर्रा गया था. घटना के बाद से हड़कंप मच गयी थी. छानबीन में खुलास हुआ था कि यूपी की रहने वाली एक महिला नगीना देवी के बैग में रखा बम फट गया था. बम फटने से नगिना चिथड़े चिथड़े हो गई थी. इस घटना में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे, जिसमें एक सिपाही अमित कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई थी.

पेशी के दौरान हुआ था बलास्टः जिस दिन यह घटना हुई थी, उसी दिन लंबू शर्मा और अखिलेश उपाध्याय को पेशी के लिए कोर्ट में लाया गया था. इसी दौरान साजिश के तहत कोर्ट में बम धमका किया गया था. लंबू शर्मा ने जेल से ही बम धमका का प्लान बनाया था. उसने इसके लिए नगीना देवी से सौदा तय किया था. जिस समय लंबू शर्मा और अखिलेश उपाध्याय को पेशी के लिए लाया गया था, उसी समय नगीना भी बैग में बम लेकर आ गई थी. ज्यों ही लंबू कोर्ट पहुंचा, बम धमका हो गया, धमाका का फायदा उठाकर दोनों फरार हो गया था. घटना के बाद लंबू शर्मी को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. कुछ दिन बाद अखिलेश भी पकड़ा गया था.

एक आरोपी की हो चुकी है माैतः इस मामले में कोर्ट ने पहले भी 2019 में लंबू को फांसी की सजा सुनाई थी. साथ ही अन्य दोषी, जिसमें नईम मियां, अखिलेश उपाध्य, अंशू कुमार, श्याम विनय वर्मा, चांद मियां, प्रमोद सिंह और रिंकू यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. लेकिन पटना हाईकोर्ट ने मामले को निचली अदालत भेजते हुए दोबारा फैसला करने के लिए कहा था. जिसके तहत एक बार फिर कोर्ट ने लंबू शर्मी को फांसी की सजा सुनाई है. इस मामले का दोषी प्रमोद सिंह की 2020 में मौत हो गई थी. जेल प्रशासन ने हार्ट अटैक से मौत का कारण बताया था.

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