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भोजपुरः सोन नदी में थम नहीं रहा बालू का अवैध खनन, हजारों नाव बालू का हर दिन हो रहा उठाव

सोन नदी के कोइलवर, धंधिया और फरहंगपुर घाट पर रोजाना हजारों नाव बालू का उठाव हो रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन कार्रवाई के नाम पर दिखावा कर रहा है.

सोन
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Published : Aug 23, 2020, 12:05 PM IST

Updated : Aug 23, 2020, 6:58 PM IST

भोजपुरः जिले से होकर बहने वाली सोन नदी में बालू का अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. छपरा, पटना और वैशाली से हजारों नाव कोइलवर घाट पहुंच रही है. जो कि रात के अंधेरे में बालू लेकर यहां से निकलती है.

खनन विभाग ने सोन नदी में बालू के खनन पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है. लेकिन बालू माफिया विभाग को चुनौती दे रहे हैं. यहां से रोजाना हजारों नाव बालू का उठाव हो रहा है. फिर भी विभाग पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. एनजीटी( नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने 3 मीटर से ज्यादा बालू खनन पर रोक लगा रखा है. लेकिन बालू माफिया बेतरतीब तरीके से खनन करते हैं.

पेश है रिपोर्ट

कार्रवाई के नाम पर दिखावा करता है प्रशासन
स्थानीय लोगों ने बताया कि देर शाम होते ही हजारों की संख्या में नाव कोइलवर, धंधिया और फरहंगपुर के पास पहुंच जाती है. उसके बाद अवैध खनन कर नावों पर लादा जाता है. जोकि गंगा के रास्ते छपना, पटना और वैशाली तक जाती है. उन्होंने बताया कि प्रशासन कार्रवाई के नाम पर दिखावा करता है. प्रशासन नदी पहुंचा है तो बालू माफियां और मजदूर फरार हो जाते हैं. फिर प्रशासन के लौटते ही खनन चालू हो जाता है.

भोजपुरः जिले से होकर बहने वाली सोन नदी में बालू का अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. छपरा, पटना और वैशाली से हजारों नाव कोइलवर घाट पहुंच रही है. जो कि रात के अंधेरे में बालू लेकर यहां से निकलती है.

खनन विभाग ने सोन नदी में बालू के खनन पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है. लेकिन बालू माफिया विभाग को चुनौती दे रहे हैं. यहां से रोजाना हजारों नाव बालू का उठाव हो रहा है. फिर भी विभाग पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. एनजीटी( नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने 3 मीटर से ज्यादा बालू खनन पर रोक लगा रखा है. लेकिन बालू माफिया बेतरतीब तरीके से खनन करते हैं.

पेश है रिपोर्ट

कार्रवाई के नाम पर दिखावा करता है प्रशासन
स्थानीय लोगों ने बताया कि देर शाम होते ही हजारों की संख्या में नाव कोइलवर, धंधिया और फरहंगपुर के पास पहुंच जाती है. उसके बाद अवैध खनन कर नावों पर लादा जाता है. जोकि गंगा के रास्ते छपना, पटना और वैशाली तक जाती है. उन्होंने बताया कि प्रशासन कार्रवाई के नाम पर दिखावा करता है. प्रशासन नदी पहुंचा है तो बालू माफियां और मजदूर फरार हो जाते हैं. फिर प्रशासन के लौटते ही खनन चालू हो जाता है.

Last Updated : Aug 23, 2020, 6:58 PM IST
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