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यूपी में गैंगस्टर एक्ट लगा हुआ है फरहान खान पर, पांच साल से तलाश रही थी UP STF

रांची में सुषमा बड़ाइक पर फायरिंग मामले (Firing on Sushma Badaik Case) में गिरफ्तार फरहान खान पर यूपी में लगा है गैंगस्टर एक्ट लगा हुआ है. यूपी एसटीएफ पांच साल से उसे तलाश रही थी. फरहान सलीम-शोहराब गिरोह का शूटर है. (Salim Shohrab gang shooter)

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Published : Jan 7, 2023, 9:46 PM IST

रांची/भोजपुर : सुषमा बड़ाइक पर फायरिंग मामले (Firing on Sushma Badaik Case) में यूपी से गिरफ्तार किए गया फरहान खान एक कुख्यात अपराधी है. फरहान तिहाड़ जेल में बंद सलीम सोहराब गिरोह के लिए काम किया करता था. यूपी एटीएस को फरहान की तलाश पिछले 5 सालों से थी.

ये भी पढ़ें- हम प्रवक्ता दानिश रिजवान आरा कोर्ट के बाहर गिरफ्तार, ट्रांजिट रिमांड पर रांची ले गयी झारखंड पुलिस

नबालिग रहते शुरू कर दिया था अपराध: पुलिस की पूछताछ में फरहान ने बताया है कि वह तिहाड़ जेल में बंद सलीम-शोहराब गिरोह का शूटर (Salim Shohrab gang shooter) है. सलीम-शोहराब दोनों सगे भाई हैं और इनका गिरोह लखनऊ के आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय है. फरहान के अनुसार उसका बॉस फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. दरअसल, फरहान खान आदतन अपराधी है. जब वह नाबालिग था उसी दौरान उसने एक हत्याकांड को अंजाम दिया था. उस दौरान उसे बाल सुधार गृह में रखा गया था. सुधार गृह से निकलने के बाद वह सलीम गिरोह से जुड़ गया और सलीम गिरोह के लिए उसने मर्डर, हाफ मर्डर और किडनैपिंग जैसे कई कांडों को अंजाम दिया. लखनऊ के विभिन्न थानों में फरहान खान के ऊपर तीन हत्या सहित एक दर्जन से ज्यादा कांड दर्ज है. हत्या के मामले में वह जेल भी जा चुका है. जमानत पर बाहर निकलने के बाद एक बार फिर से वह आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगा.

गैंगस्टर एक्ट लगा हुआ है फरहान पर: फरहान खान के आपराधिक इतिहास को देखते हुए यूपी एटीएस उस पर लगातार नजर रख रही थी, लेकिन जमानत पर बाहर निकलने के बाद वह फरार हो गया. पिछले 5 सालों से यूपी एटीएस उसकी तलाश कर रही थी. पुलिस अधिकारियों के अनुसार फरहान पर यूपी में गैंगस्टर एक्ट भी लगा हुआ है.

रांची पुलिस लखनऊ में डाले हुई थी डेरा: अपने जीजा दानिश रिजवान के कहने पर रांची में आकर बीते साल 13 दिसम्बर को बेखौफ तरीके से सुषमा बड़ाइक पर फायरिंग करने के बाद अपने साथियों के साथ फरहान खान वापस लखनऊ फरार हो गया था. उसकी गिरफ्तारी के लिए पिछले 28 दिनों से रांची की अरगोड़ा पुलिस बेहद परेशान थी. अरगोड़ा थाने के सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार और संजय कुमार यादव 13 दिनों से लखनऊ में फरहान की तलाश में भटक रहे थे. टीम को बीते गुरुवार को सूचना मिली कि सुषमा बड़ाइक को गोली मारने वाले शूटर फरहान खान और मुद्दसिर लक्ष्मण विहार फाटक के पास ताज काम्प्लेक्स के सामने पारा रोड, राजाजीपुरम में मौजूद हैं, दोनों सब इंस्पेक्टर ने उसकी गिरफ्तारी के लिए यूपी एटीएस से मदद मांगी जिसके बाद यूपी एटीएस के सहयोग से दोनों को धर दबोचा गया.

गुड्डु उर्फ उमर बाइक से ही लखनऊ से पहुंच गया था रांची: पूरे मामले में फरहान का खास दोस्त गुड्डू उर्फ उमर अभी भी फरार चल रहा है. सुषमा बड़ाइक पर फायरिंग के लिए जिस बाइक का प्रयोग किया गया था वह बाइक लखनऊ से ही चोरी की गई थी. फरहान ने बाइक चोरी कर उसका नंबर प्लेट बदलकर रांची लाने का जिम्मा गुड्डू और उमर को ही दिया था. गुड्डू चोरी की बाइक चलाकर लखनऊ से रांची तक पहुंच गया था जिसके बाद उसी बाइक पर बैठकर फरहान, मुदस्सर और गुड्डू ने सुषमा पर गोलियां चलाई. गोलीबारी की वारदात को अंजाम देने के बाद रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में चोरी की बाइक को लावारिस अवस्था में छोड़कर तीनों लखनऊ भाग गए थे.

रांची/भोजपुर : सुषमा बड़ाइक पर फायरिंग मामले (Firing on Sushma Badaik Case) में यूपी से गिरफ्तार किए गया फरहान खान एक कुख्यात अपराधी है. फरहान तिहाड़ जेल में बंद सलीम सोहराब गिरोह के लिए काम किया करता था. यूपी एटीएस को फरहान की तलाश पिछले 5 सालों से थी.

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नबालिग रहते शुरू कर दिया था अपराध: पुलिस की पूछताछ में फरहान ने बताया है कि वह तिहाड़ जेल में बंद सलीम-शोहराब गिरोह का शूटर (Salim Shohrab gang shooter) है. सलीम-शोहराब दोनों सगे भाई हैं और इनका गिरोह लखनऊ के आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय है. फरहान के अनुसार उसका बॉस फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. दरअसल, फरहान खान आदतन अपराधी है. जब वह नाबालिग था उसी दौरान उसने एक हत्याकांड को अंजाम दिया था. उस दौरान उसे बाल सुधार गृह में रखा गया था. सुधार गृह से निकलने के बाद वह सलीम गिरोह से जुड़ गया और सलीम गिरोह के लिए उसने मर्डर, हाफ मर्डर और किडनैपिंग जैसे कई कांडों को अंजाम दिया. लखनऊ के विभिन्न थानों में फरहान खान के ऊपर तीन हत्या सहित एक दर्जन से ज्यादा कांड दर्ज है. हत्या के मामले में वह जेल भी जा चुका है. जमानत पर बाहर निकलने के बाद एक बार फिर से वह आपराधिक वारदातों को अंजाम देने लगा.

गैंगस्टर एक्ट लगा हुआ है फरहान पर: फरहान खान के आपराधिक इतिहास को देखते हुए यूपी एटीएस उस पर लगातार नजर रख रही थी, लेकिन जमानत पर बाहर निकलने के बाद वह फरार हो गया. पिछले 5 सालों से यूपी एटीएस उसकी तलाश कर रही थी. पुलिस अधिकारियों के अनुसार फरहान पर यूपी में गैंगस्टर एक्ट भी लगा हुआ है.

रांची पुलिस लखनऊ में डाले हुई थी डेरा: अपने जीजा दानिश रिजवान के कहने पर रांची में आकर बीते साल 13 दिसम्बर को बेखौफ तरीके से सुषमा बड़ाइक पर फायरिंग करने के बाद अपने साथियों के साथ फरहान खान वापस लखनऊ फरार हो गया था. उसकी गिरफ्तारी के लिए पिछले 28 दिनों से रांची की अरगोड़ा पुलिस बेहद परेशान थी. अरगोड़ा थाने के सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार और संजय कुमार यादव 13 दिनों से लखनऊ में फरहान की तलाश में भटक रहे थे. टीम को बीते गुरुवार को सूचना मिली कि सुषमा बड़ाइक को गोली मारने वाले शूटर फरहान खान और मुद्दसिर लक्ष्मण विहार फाटक के पास ताज काम्प्लेक्स के सामने पारा रोड, राजाजीपुरम में मौजूद हैं, दोनों सब इंस्पेक्टर ने उसकी गिरफ्तारी के लिए यूपी एटीएस से मदद मांगी जिसके बाद यूपी एटीएस के सहयोग से दोनों को धर दबोचा गया.

गुड्डु उर्फ उमर बाइक से ही लखनऊ से पहुंच गया था रांची: पूरे मामले में फरहान का खास दोस्त गुड्डू उर्फ उमर अभी भी फरार चल रहा है. सुषमा बड़ाइक पर फायरिंग के लिए जिस बाइक का प्रयोग किया गया था वह बाइक लखनऊ से ही चोरी की गई थी. फरहान ने बाइक चोरी कर उसका नंबर प्लेट बदलकर रांची लाने का जिम्मा गुड्डू और उमर को ही दिया था. गुड्डू चोरी की बाइक चलाकर लखनऊ से रांची तक पहुंच गया था जिसके बाद उसी बाइक पर बैठकर फरहान, मुदस्सर और गुड्डू ने सुषमा पर गोलियां चलाई. गोलीबारी की वारदात को अंजाम देने के बाद रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में चोरी की बाइक को लावारिस अवस्था में छोड़कर तीनों लखनऊ भाग गए थे.

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