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भोजपुर: खास अंदाज में डांडिया का किया गया आयोजन, जमकर थिरके लोग

भोजपुर में डांडिया उत्सव मनाया गया. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं, युवतियों समेत बच्चे और बूढ़े भी शामिल हुए.

बच्चे-बूढ़े भी हुए शामिल
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Published : Oct 6, 2019, 9:40 PM IST

भोजपुरः नवरात्रि का समय आते ही भारतवर्ष में डांडिया की धूम मच जाती है. महानगरों और बड़े शहरों में डांडिया का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाता है. जिसमें नामचीन कलाकारों को गेस्ट के रूप में बुलाया जाता है. लेकिन छोटे कस्बों और शहरों में ऐसे डांडिया का आनंद लेने के लिए लोग तरसते रहते हैं. वहीं इस माहौल को तैयार करने के लिए अम्बा एसोसिएशन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

Bhojpur
झूमती महिलाएं

सभी लोग रहे शामिल

एसोसिएशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जिले भर की तमाम महिलाएं और युवतियों समेत बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हुए. सभी ने एकसाथ मिलकर डांडिया का आनंद लिया. आयोजन में भारी भीड़ उमड़ी थी. लोगों के मनोरंजन के लिए यहां खास तैयारियां की गई थी.

Bhojpur
डांडिया कार्यक्रम में झूमे लोग

महिलाओं को भी मिला उत्सव मनाने का मौका
वहीं, कवि निलय उपाध्याय ने कहा कि डांडिया का उदगम गुजरात का है और यह प्रेम के अभिव्यक्ति की एक कला है. भोजपुरवासी जब किसी के कल्चर को अपनाते हैं तो हमेशा के लिए अपना बना लेते हैं. उन्होंने आयोजकों को ऐसे शानदार कार्यक्रम के लिए बहुत बधाई दी. वहीं मेयर रूबी तिवारी ने भी कहा कि नवरात्रि के समय ऐसे आयोजन से घर की महिलाओं को भी उत्सव मनाने का मौका मिलेगा. आयोजनकर्ता ओ पी पांडेय और अपूर्वा ने बताया कि इस डांडिया में शामिल होने के लिए लोग मुम्बई, पुणे, दिल्ली, कोलकाता, नासिक और मसूरी से आये.

डांडिया की धुन पर थिरके लोग

भोजपुरः नवरात्रि का समय आते ही भारतवर्ष में डांडिया की धूम मच जाती है. महानगरों और बड़े शहरों में डांडिया का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाता है. जिसमें नामचीन कलाकारों को गेस्ट के रूप में बुलाया जाता है. लेकिन छोटे कस्बों और शहरों में ऐसे डांडिया का आनंद लेने के लिए लोग तरसते रहते हैं. वहीं इस माहौल को तैयार करने के लिए अम्बा एसोसिएशन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

Bhojpur
झूमती महिलाएं

सभी लोग रहे शामिल

एसोसिएशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में जिले भर की तमाम महिलाएं और युवतियों समेत बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल हुए. सभी ने एकसाथ मिलकर डांडिया का आनंद लिया. आयोजन में भारी भीड़ उमड़ी थी. लोगों के मनोरंजन के लिए यहां खास तैयारियां की गई थी.

Bhojpur
डांडिया कार्यक्रम में झूमे लोग

महिलाओं को भी मिला उत्सव मनाने का मौका
वहीं, कवि निलय उपाध्याय ने कहा कि डांडिया का उदगम गुजरात का है और यह प्रेम के अभिव्यक्ति की एक कला है. भोजपुरवासी जब किसी के कल्चर को अपनाते हैं तो हमेशा के लिए अपना बना लेते हैं. उन्होंने आयोजकों को ऐसे शानदार कार्यक्रम के लिए बहुत बधाई दी. वहीं मेयर रूबी तिवारी ने भी कहा कि नवरात्रि के समय ऐसे आयोजन से घर की महिलाओं को भी उत्सव मनाने का मौका मिलेगा. आयोजनकर्ता ओ पी पांडेय और अपूर्वा ने बताया कि इस डांडिया में शामिल होने के लिए लोग मुम्बई, पुणे, दिल्ली, कोलकाता, नासिक और मसूरी से आये.

डांडिया की धुन पर थिरके लोग
Intro:भोजपुर
नवरात्रि का समय आते ही भारतवर्ष में डांडिया की धूम मच जाती है. महानगरों और बड़े शहरों में डांडिया का आयोजन भव्य पैमाने पर किया जाता है जिसमें नामचीन कलाकारों को गेस्ट के रूप में बुलाया भी जाता है लेकिन छोटे कस्बों और शहरों में ऐसे डांडिया का आनंद लेने के लिए लोग तरसते रहते हैं. लेकिन ऐसे माहौल को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई अश्लीलता मुक्त भोजपुरी एसोसिएशन आरा जिसने शहर में 4 साल पूर्व डांडिया नाइट के नाम से डांडिया उत्सव का प्रारंभ किया जिसे छोटे रूप में आयोजित किया. डांडिया के इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य था बुजुर्गों का सम्मान और एक ऐसा माहौल देना, जिसमें उत्सव का एंजॉयमेंट परिवार के साथ मस्ती और धमाल के साथ किया जा सके. अक्सर पर्व त्यौहार और खुशियों के धमाल में बुजुर्गों को अनदेखा कर दिया जाता है. बुजुर्ग भी हर खुशियों में शामिल होना चाहते हैं लेकिन युवाओं की नजरअंदाज की वजह से वे मन रहते हुए भी ऐसे धमाल मस्ती में शामिल होने से कतराने का का नाटक करते हैं. क्योंकि आप कितने भी बुरे क्यों ना हो जाए हर दिल में एक बच्चा जिंदा रहता है जो फन और मस्ती की आवश्यकता को तलाशता रहता है. ऐसा नहीं है कि अंबा ने पहली बार जिले में डांडिया का आयोजन कराया है इसके पूर्व भी कई सालों से शहर में डांडिया का आयोजन छोटे पैमाने पर होते रहा है. लेकिन ऐसे आयोजनों में सिर्फ महिलाएं शामिल होती रही है जो उच्च और संभ्रांत घरानों से से ताल्लुक रखती थी. अंबा के आयोजन में आम लोगों को अपनी ओर आकृष्ट किया और जब युवाओं और बच्चों के साथ बुजुर्गों की सहभागिता हुई तो बुजुर्गों को ऐसा लगा जैसे उन्हें कोई चमकता हीरा मिल गया. आंखों की रोशनी से ओझल होती जिंदगी में नई जिंदगी की किरण दिखने लगी. जिसने कई बुजुर्गों की आयु रेखा ही बढ़ा दी. जिंदगी जीने की इच्छा दे दी और फिर क्या था दूसरे साल के आयोजन में लोगों का कॉल आना शुरू हुआ जिसने लोगों की संख्या में इजाफा किया तीसरे साल यह स्थिति हुई की 300 लोगों के लिए की गई व्यवस्था भी कम पड़ गई.Body:कई लोगों को अंबा डांडिया नाइट में नहीं शामिल होने का मलाल है. अंबा के सदस्यों को भी अफसोस है कि वह कि वह बहुत से नए लोगों को इस आयोजन में नहीं जोड़ पाए जिसका एकमात्र कारण सुव्यवस्थित माहौल, लोगों को देना है. केवल भीड़ जुटाने का मकसद नही है. आयोजन समिति ने कहा कि अंबा का आयोजन अब हॉल से बाहर निकलने के लिए व्याकुल हो चुका है देखिये अब कब खुले मैदान में हम बहुत से नए लोगो को जोड़ वह भब्य आयोजन करते हैं.Conclusion:दुर्गा पूजा के अवसर पर संस्था अम्बा ने आरा के रीगल होटल में डांडिया कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आरा नगर की मेयर रूबी तिवारी और कवि निलय उपाध्याय ने माँ दुर्गा की पूजा कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. कवि निलय उपाध्याय ने कहा कि डांडिया का उदगम गुजरात का है और यह प्रेम के अभिव्यक्ति की एक कला है. भोजपुरवासी जब किसी के कल्चर को अपनाते हैं तो हमेशा के लिए अपना बना लेते हैं. उन्होंने आयोजको को ऐसे शानदार कार्यक्रम के बहुत बधाई दी. मेयर रूबी तिवारी ने कहा कि नवरात्रि के समय ऐसे आयोजन से घर की महिलाओं को भी उत्सव मनाने का मौका मिलेगा जहां इसे सामूहिक रूप में मनाएगी. उन्होंने अम्बा के इस चौथे साल के आयोजन के लिए बधाई दिया और कहा कि ऐसे आयोजनों में उनके लिए यह पहला मौका है और वे ऐसे आयोजन में हर साल सम्मिलित होना चाहेंगी. आयोजकर्ता ओ पी पांडेय और अपूर्वा ने बताया कि इस डांडिया में शामिल होने के लिए लोग मुम्बई, पुणे,दिल्ली, कोलकाता,नासिक और मंसूरी से आये. आयोजक को सफल बनाने में मुख्य भूमिका सत्य प्रकाश सिंह, गोलू प्रताप सिंह,मनीष सिंह उर्फ दुलदुल, अभिषेक द्विवेदी, मंगलेश तिवारी, गौरी तिवारी, चांदनी सिंह,अमित मौर्या, राकेश राजपूत और गुड्डू की थी.
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