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भोजपुर: साल को श्रीमदभागवत कथा सुन विदाई दे रहे हैं श्रद्धालु, 5वें दिन उमड़ी सैकड़ों की भीड़

कथा के 5 वें दिन पंडाल में भक्ति की गंगा बहती रही. मौके पर हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे. कथावाचक श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी महाराज के पंडाल मेंआगमन होने पर भीड़ ने खड़ा होकर जयकारे के साथ स्वामी जी का स्वागत किया.

श्रीमदभागवत कथा
श्रीमदभागवत कथा
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Published : Dec 23, 2019, 3:17 AM IST

भोजपुर: साल 2019 अंतिम चरण में हैं. इसके चलते कई जगहों पर श्रीमदभागवत कथा का आयोजन किया गया है. जिले के बड़हरा प्रखंड अंतर्गत बबुरा गांव के गढदेवी माई मंदिर प्रंगण में भी श्रीमदभागवत ज्ञान महायज्ञ का आयोजन किया गया. आयोजन के 5 वें दिन कथावाचक श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने प्रवचन दिया. इस मौके पर कथा पंडाल में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे.

'कर्मों के हिसाब से मिलता है फल'
अपने संबोधन में कथावाचक श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी महाराज ने कहा कि मानव जीवन पर पाप, पुण्य, सौभाग्य, दुर्भाग्य,सभी कारक हावी होते है. इसलिए मानव को किसी भी हाल में सत्य का दामन नहीं छोड़ना चाहिए. मनुष्य को उसके किए गए कर्म के अनुसार फल मिलता है.

श्रीमदभागवत कथा में बह रही भक्ति की गंगा

'सत्य का दामन न छोडे़ मानव'
अपने कथा वाचन स्वामी महाराज ने बताया कि मानव जीवन के लिए मंदिर बनाने और पूजा करने से भी अहम सत्य का पालन करना है. अच्छे कार्यों का संकल्प लेना है. इस जीवन को सफल बनाने के लिए कर्तव्यों की प्राथमिकता तय करना भी अति आवश्यक है. सत्य मार्ग पर चलने के दौरान कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है. इसलिए गलती होने पर प्रायश्चित भी करना चाहिए.

कथावाचक श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज
कथावाचक श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज

हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़
कथा के 5 वें दिन पंडाल में भक्ति की गंगा बहती रही. मौके पर हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे. कथावाचक श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी महाराज के पंडाल में आगमन होने पर भीड़ ने खड़ा होकर जयकारे के साथ स्वामी जी का स्वागत किया. लोग भक्ति में भाव विभोर थे. श्रद्धालुओं का उत्साह देखते बन रहा था.

भोजपुर: साल 2019 अंतिम चरण में हैं. इसके चलते कई जगहों पर श्रीमदभागवत कथा का आयोजन किया गया है. जिले के बड़हरा प्रखंड अंतर्गत बबुरा गांव के गढदेवी माई मंदिर प्रंगण में भी श्रीमदभागवत ज्ञान महायज्ञ का आयोजन किया गया. आयोजन के 5 वें दिन कथावाचक श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने प्रवचन दिया. इस मौके पर कथा पंडाल में हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे.

'कर्मों के हिसाब से मिलता है फल'
अपने संबोधन में कथावाचक श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी महाराज ने कहा कि मानव जीवन पर पाप, पुण्य, सौभाग्य, दुर्भाग्य,सभी कारक हावी होते है. इसलिए मानव को किसी भी हाल में सत्य का दामन नहीं छोड़ना चाहिए. मनुष्य को उसके किए गए कर्म के अनुसार फल मिलता है.

श्रीमदभागवत कथा में बह रही भक्ति की गंगा

'सत्य का दामन न छोडे़ मानव'
अपने कथा वाचन स्वामी महाराज ने बताया कि मानव जीवन के लिए मंदिर बनाने और पूजा करने से भी अहम सत्य का पालन करना है. अच्छे कार्यों का संकल्प लेना है. इस जीवन को सफल बनाने के लिए कर्तव्यों की प्राथमिकता तय करना भी अति आवश्यक है. सत्य मार्ग पर चलने के दौरान कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है. इसलिए गलती होने पर प्रायश्चित भी करना चाहिए.

कथावाचक श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज
कथावाचक श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज

हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़
कथा के 5 वें दिन पंडाल में भक्ति की गंगा बहती रही. मौके पर हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे. कथावाचक श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी महाराज के पंडाल में आगमन होने पर भीड़ ने खड़ा होकर जयकारे के साथ स्वामी जी का स्वागत किया. लोग भक्ति में भाव विभोर थे. श्रद्धालुओं का उत्साह देखते बन रहा था.

Intro:अच्छे कर्मो का संकल्प है भगवत भक्ति : जीयर स्वामी

भोजपुर
बड़हरा प्रखंड के बबुरा ग्राम के गढदेवी माई के प्रांगण में चल रहे सात दिवसीय श्रीमदभागवत ज्ञान महायज्ञ के पांचवें दिन तपस्या के साक्षात प्रति मूर्ति परम पूज्य श्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज द्वारा पाप, पूण्य, सौभाग्य, दुर्भाग्य, पुराण श्रवण और मानव के सत्कार्य और पाप कर्मों की जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव की चर्चा करते हुए आये हुए जनमानस को सन्मार्ग पर चलने, परोपकार करने और सत्य का पालन करने की सीख दी.Body:साथ ही उन्होंने अपने कथा वाचन में कहा कि मनुष्य को उसके किए गए कर्म के अनुसार ही फल मिलता है. मंदिर बनाने एवं पूजा करने से भी जरूरी है अच्छे काम का संकल्प लेना. अर्थात कर्तव्यों की प्राथमिकता तय करना भी जरूरी है. गलती होने पर प्रायश्चित करना चाहिए. कथा में हजारों की संख्या में उपस्थित भीड़ ने खड़े होकर जय-जयकार के साथ उनका स्वागत किया.Conclusion:हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ पुराण के श्रवण में इतनी भावविभोर थी और ईश्वर की लीला और भक्ति में ऐसे लीन थी कोई हिलने को तैयार नही था. श्रद्धालुओं का उत्साह और लगन देखते बन रहा था. जीवन दर्शन और भक्ति रस की गंगा बही. आरती के साथ कथा का विराम हुआ.

बाइट:- प्रवचन श्री जीयर स्वामी जी महाराज
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