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भोजपुर: रिमांड होम में बाल कैदी ने की आत्महत्या, मौके का फायदा उठाकर 10 अन्य बच्चे फरार - रिमांड होम में बाल कैदी ने की आत्महत्या

भोजपुर के धनुपरा बाल रिमांड होम में एक बाल कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बाल संरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि बाल कैदी कुछ दिनों से मानसिक रूप से परेशान चल रहा था.

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Published : Oct 16, 2021, 10:50 AM IST

भोजपुर: बिहार के भोजपुर में स्थित बाल रिमांड होम धनुपरा (Dhanupara Child Remand Home) में एक बाल कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या (Child Prisoner Commits Suicide) कर ली है. इसके साथ ही 10 बाल कैदी मौके का फायदा उठाकर फरार हो गए. घटना के बाद पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है. सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अधिकारी मामले की जांच में जुटे हुए हैं.

इसे भी पढ़ें: इलाज कराकर बाल गृह लौट रहा बाल कैदी चकमा देकर फरार, नाकाबंदी कर गिरफ्तार करने में जुटी पुलिस

घटना के संबंध में रिमांड होम के अधिकारियों ने बताया कि बाल कैदी बाथरूम गया हुआ था. बाथरूम से काफी देर बाद भी बाहर नहीं निकलने पर अन्य कैदियों ने इसकी सूचना रिमांड होम के लोगों को दी. रिमांड होम की सुरक्षा में तैनात कर्मियों ने दरवाजा तोड़ा तो बाल कैदी गमछा लगाकर फांसी से झूल रहा था.

ये भी पढ़ें: छपरा: बाल सुधार गृह से भागे 16 में से 8 बच्चे बरामद, RPF ने ट्रेन की शौचालय से पकड़ा

घटना के बाद आनन-फानन में बाल कैदी को आरा सदर अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद परिजनों और आला अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई. मौके पर पहुंचे परिजनों ने सीधे रिमांड होम प्रशासन पर साजिश के तहत हत्या का आरोप लगाया है. मृतक बाल कैदी बक्सर जिले के नगर थाना क्षेत्र का रहने वाला बताया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट.

मृतक के बड़े भाई ने बताया कि उसका भाई बिल्कुल ठीक था. आत्महत्या करने का कोई उसके पास कारण नहीं था. मृतक के भाई का कहना है कि उसे रिमांड होम में पीट-पीटकर मार दिया गया है. भाई ने बताया कि मृतक के चेहरे और शरीर पर कई जख्म के निशान पाए गए हैं. आंख के पास भी चोट के निशान हैं.

'मृत लड़का मानसिक रूप से परेशान था. कुछ दिन पहले भी उसने जान देने का प्रयास किया था. उस समय उसका इलाज कराकर ठीक करवाया गया था. आज उसने गले में गमछा बांधकर आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद मौके का फायदा उठाकर रिमांड होम से 10 बाल कैदी दरवाजा तोड़कर फरार हो गए. हालांकि देर रात तीन बाल कैदी वापस भी आ गए. लेकिन 7 बाल कैदी अभी तक फरार बताये जा रहे है.' -रवि वर्मा, बाल संरक्षण पदाधिकारी

बाल संरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि भागे हुए बाल कैदी भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर जिले के रहने वाले हैं. इतनी बड़ी घटना होने के बाद से पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है. वहीं, देर रात तक एसपी हिमांशु कुमार बल रिमांड होम में पहुंच कर पूरे मामले की जांच करते रहे.

'इस मामले में प्रशासन का हाथ है. मेरे भाई के गले में फांसी का कोई निशान नहीं है. यदि कोई फांसी लगाएगा तो बाथरूम में थोड़ी लगाएगा. मेरे भाई का सिर फटा है. आंख के पास फटा हुआ था और आंख लाल भी था. लड़की के मामले इस महीने के 6 या 7 तारीख से बंद था. हमलोग बक्सर टाउन थाना में उसे सरेंडर किए थे. हमलोग से झूठ बोला गया कि मेरे भाई की सांस चल रही है. लेकिन उसकी सांस नहीं चल रही थी.' -मृतक बाल कैदी का भाई

भोजपुर: बिहार के भोजपुर में स्थित बाल रिमांड होम धनुपरा (Dhanupara Child Remand Home) में एक बाल कैदी ने फांसी लगाकर आत्महत्या (Child Prisoner Commits Suicide) कर ली है. इसके साथ ही 10 बाल कैदी मौके का फायदा उठाकर फरार हो गए. घटना के बाद पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है. सूचना पाकर मौके पर पहुंचे अधिकारी मामले की जांच में जुटे हुए हैं.

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घटना के संबंध में रिमांड होम के अधिकारियों ने बताया कि बाल कैदी बाथरूम गया हुआ था. बाथरूम से काफी देर बाद भी बाहर नहीं निकलने पर अन्य कैदियों ने इसकी सूचना रिमांड होम के लोगों को दी. रिमांड होम की सुरक्षा में तैनात कर्मियों ने दरवाजा तोड़ा तो बाल कैदी गमछा लगाकर फांसी से झूल रहा था.

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घटना के बाद आनन-फानन में बाल कैदी को आरा सदर अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद परिजनों और आला अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई. मौके पर पहुंचे परिजनों ने सीधे रिमांड होम प्रशासन पर साजिश के तहत हत्या का आरोप लगाया है. मृतक बाल कैदी बक्सर जिले के नगर थाना क्षेत्र का रहने वाला बताया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट.

मृतक के बड़े भाई ने बताया कि उसका भाई बिल्कुल ठीक था. आत्महत्या करने का कोई उसके पास कारण नहीं था. मृतक के भाई का कहना है कि उसे रिमांड होम में पीट-पीटकर मार दिया गया है. भाई ने बताया कि मृतक के चेहरे और शरीर पर कई जख्म के निशान पाए गए हैं. आंख के पास भी चोट के निशान हैं.

'मृत लड़का मानसिक रूप से परेशान था. कुछ दिन पहले भी उसने जान देने का प्रयास किया था. उस समय उसका इलाज कराकर ठीक करवाया गया था. आज उसने गले में गमछा बांधकर आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद मौके का फायदा उठाकर रिमांड होम से 10 बाल कैदी दरवाजा तोड़कर फरार हो गए. हालांकि देर रात तीन बाल कैदी वापस भी आ गए. लेकिन 7 बाल कैदी अभी तक फरार बताये जा रहे है.' -रवि वर्मा, बाल संरक्षण पदाधिकारी

बाल संरक्षण पदाधिकारी ने बताया कि भागे हुए बाल कैदी भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर जिले के रहने वाले हैं. इतनी बड़ी घटना होने के बाद से पुलिस महकमे में खलबली मची हुई है. वहीं, देर रात तक एसपी हिमांशु कुमार बल रिमांड होम में पहुंच कर पूरे मामले की जांच करते रहे.

'इस मामले में प्रशासन का हाथ है. मेरे भाई के गले में फांसी का कोई निशान नहीं है. यदि कोई फांसी लगाएगा तो बाथरूम में थोड़ी लगाएगा. मेरे भाई का सिर फटा है. आंख के पास फटा हुआ था और आंख लाल भी था. लड़की के मामले इस महीने के 6 या 7 तारीख से बंद था. हमलोग बक्सर टाउन थाना में उसे सरेंडर किए थे. हमलोग से झूठ बोला गया कि मेरे भाई की सांस चल रही है. लेकिन उसकी सांस नहीं चल रही थी.' -मृतक बाल कैदी का भाई

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