भोजपुर: केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने पटना लाठीचार्ज को लेकर बिहार सरकार पर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं. साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला. आरा में प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि मैं सीएम और उनकी सरकार से पूछना चाहता हूं कि जब हमारे कार्यकर्ता शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, तब मार्च को क्यों डाक बंगला चौराहे पर रोका गया.
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'साजिश के तहत BJP कार्यकर्ता की हत्या की गई': आरके सिंह ने कहा कि बीजेपी ने विधानसभा मार्च के लिए प्रशासन से अनुमति ली थी, इसके बावजूद क्यों बलपूर्वक कार्रवाई की गई. उन्होंने सवाल किया कि जब डाक बंगला चौराहे पर धारा 144 लागू नहीं थी, तो फिर क्यों लाठीचार्ज किया गया. ऐसा लगता है कि साजिश के तहत कार्रवाई की गई. जिस वजह से सांसदों और विधायकों को पीटा गया. हमारे एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई. यह कार्रवाई नीतीश कुमार की बौखलाहट को दर्शाती है.
"नीतीश कुमार और उनकी सरकार का ये आखिरी चरण है. मेरा उनसे सवाल है कि किस अधिकार से उनकी पुलिस ने प्रदर्शन को डाक बंगला चौराहे पर रोका था. जब 144 लागू नहीं थी तो कार्यकर्ताओं पर बलपूर्वक कार्रवाई क्यों की गई. मुझे लगता है कि सीएम बौखलाहट में हैं. 2014 में तेजस्वी यादव के खिलाफ समन जारी होने पर आरजेडी का साथ छोड़ने वाले नीतीश कुमार आज चार्जशीट दाखिल होने के बावजूद कुर्सी नहीं छोड़ रहे हैं"- आरके सिंह, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री
तेजस्वी से इस्तीफा क्यों नहीं लेते?: आरके सिंह ने कहा कि इस सरकार का अब कोई नैतिक आधार नहीं रह चुका है. नीतीश कुमार आया राम गया राम की तर्ज पर इधर-उधर भटक रहे हैं. इन्हें लोग कुर्सी कुमार के नाम पहचानने लगे हैं. उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर चार्जशीट दाखिल होने के बावजूद नीतीश कुमार चुप हैं. 2017 में जब समन जारी हुआ था, तब नीतीश कुमार ने उसी का बहाना बनाकर आरजेडी से गठबंधन तोड़ लिया था लेकिन अब कुर्सी के लिए खामोश हो गए हैं.
भ्रष्टाचार को लेकर नीतीश सरकार पर हमला: वहीं खगड़िया में पुल गिरने के मामले को लेकर भी केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री नीतीश सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि 1700 करोड़ का इतना बड़ा पुल पल भर में धाराशायी हो गया और इस पर अभी तक कोई जांच नहीं हुई. ये साफ दर्शाता है कि उनकी भ्रष्टाचार के खिलाफ क्या सोच है. हम लोग मांग करते हैं कि इस पुल को बनाने वाली सिंगला कंपनी की सीबीआई या अन्य एजेंसियों से जांच कराई जाय.