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अलर्ट: भागलपुर में फिर डरा रही गंगा, बीते 24 घंटे में जलस्तर में 6 सेंटीमीटर की वृद्धि

बिहार के भागलपुर (Bhagalpur Flood) में गंगा एक बार फिर डराने लगी है. उत्तराखंड और नेपाल में बारिश होने के कारण बूढ़ी गंडक के जलस्तर में वृद्धि हुई है, जिसके कारण भागलपुर में गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है. ऐसे में भागलपुर के सबौर प्रखंड के गंगा से सटे पंचायत और गांव को अलर्ट किया है.

flood in Bhagalpur
flood in Bhagalpur
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Published : Sep 4, 2021, 7:37 PM IST

भागलपुर: जिले में गंगा के जलस्तर में वृद्धि (Water Level Of Ganga) होने के बाद फिर से अलग-अलग इलाकों में बाढ़ का पानी घरों तक पहुंचने लगा है. पिछले एक पखवाड़े से बाढ़ के पानी के कारण लोग परेशान थे, लेकिन जलस्तर में कमी होने के बाद बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ था. लेकिन बीते 3 दिन से उत्तराखंड और नेपाल में बारिश होने के कारण बूढ़ी गंडक (Gandak River) के जलस्तर में वृद्धि हुई है, जिसके कारण भागलपुर में गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है.

यह भी पढ़ें- बोले जल संसाधन मंत्री- हर साल बाढ़ के कारण होता है खर्च, परमानेंट सॉल्यूशन पर हो रहा विचार

ऐसे में गंगा के नजदीक रहने वाले निचले इलाके के लोग फिर से पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. शनिवार को भागलपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है. बीते 24 घंटे में जलस्तर में 6 सेंटीमीटर वृद्धि हुई है.

देखें वीडियो

वहीं केंद्रीय जल आयोग ने जलस्तर में 80 सेंटीमीटर वृद्धि होने का अनुमान लगाया है. ऐसे में भागलपुर के सबौर प्रखंड के गंगा के सटे पंचायत और गांव को अलर्ट किया है. वहां के लोगों को गंगा के नजदीक नहीं जाने सलाह दी गई है.

जिले के इस्माइलपुर, गोपालपुर के कई सड़कों पर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. कहलगांव के अंठावन, वीरबन्ना कुलकुलिया, घोघा, कुसाहा, प्रशस्तडीह के आसपास के क्षेत्रों में घर में पानी प्रवेश होने लगा है. बाढ़ प्रभावित जो जलस्तर कम होने के कारण घर लौटने लगे थे उन्हें दोबारा परेशानी उठानी पड़ रही है. पीरपैंती प्रखंड के खवासपुर, एकचारी, मोहनपुर टपुआ मार्ग का संपर्क फिर से भंग हो गया है.

वहीं अकबरनगर में दो-तीन दिनों से गंगा नदी और चानन नदी में पानी बढ़ने से कई किसानों की फसल डूब गई. दियारा जाने वाली सड़क फिर से पानी में डूब चुकी है. जिससे पशुओं के लिए फिर से चारा का संकट गहरा गया है. सबसे ज्यादा यहां किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों को फसल के साथ-साथ मवेशियों को रखने और चारा खिलाने में परेशानी हो रही है. पानी बढ़ने के कारण कोठी घाट में छोटी नाव के सारे लोग दियारा जाने लगे हैं. गोपालपुर के इस्माइलपुर बिंद टोली में जलस्तर खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर है.

बता दें कि भागलपुर में गंगा एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है. जिले के 346 गांव पानी से घिरे हुए थे. बीते दिनों पानी उतर रहा था लेकिन एक बार फिर से यहां के हालात बिगड़ने लगे हैं. बाढ़ प्रभावित 14 प्रखंडों की 139 पंचायत की 9.318 लाख आबादी की मुश्किलें अभी भी कम नहीं हुईं हैं. जिले में 9 बाढ़ आपदा राहत केंद्र में से 5 को बंद कर दिया गया है. 254 सामुदायिक रसोई में 244 को बंद कर दिया गया है. अब केवल 10 सामुदायिक किचन चल रहे हैं. ऐसे में लोग पहले से ही परेशान थे अब एक बार फिर उनकी परेशानी और बढ़ गई है.

यह भी पढ़ें- भागलपुर में बाढ़ से पशु पालक परेशान, पशुओं को नहीं मिल रहा है चारा

यह भी पढ़ें- Bhagalpur Flood Update: नहीं थम रहा बाढ़ का कहर, 110 पंचायत में 247 चापाकल डूबे, फिर से आई आफत...

भागलपुर: जिले में गंगा के जलस्तर में वृद्धि (Water Level Of Ganga) होने के बाद फिर से अलग-अलग इलाकों में बाढ़ का पानी घरों तक पहुंचने लगा है. पिछले एक पखवाड़े से बाढ़ के पानी के कारण लोग परेशान थे, लेकिन जलस्तर में कमी होने के बाद बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ था. लेकिन बीते 3 दिन से उत्तराखंड और नेपाल में बारिश होने के कारण बूढ़ी गंडक (Gandak River) के जलस्तर में वृद्धि हुई है, जिसके कारण भागलपुर में गंगा के जलस्तर में वृद्धि हो रही है.

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ऐसे में गंगा के नजदीक रहने वाले निचले इलाके के लोग फिर से पलायन करने को मजबूर हो गए हैं. शनिवार को भागलपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है. बीते 24 घंटे में जलस्तर में 6 सेंटीमीटर वृद्धि हुई है.

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वहीं केंद्रीय जल आयोग ने जलस्तर में 80 सेंटीमीटर वृद्धि होने का अनुमान लगाया है. ऐसे में भागलपुर के सबौर प्रखंड के गंगा के सटे पंचायत और गांव को अलर्ट किया है. वहां के लोगों को गंगा के नजदीक नहीं जाने सलाह दी गई है.

जिले के इस्माइलपुर, गोपालपुर के कई सड़कों पर बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. कहलगांव के अंठावन, वीरबन्ना कुलकुलिया, घोघा, कुसाहा, प्रशस्तडीह के आसपास के क्षेत्रों में घर में पानी प्रवेश होने लगा है. बाढ़ प्रभावित जो जलस्तर कम होने के कारण घर लौटने लगे थे उन्हें दोबारा परेशानी उठानी पड़ रही है. पीरपैंती प्रखंड के खवासपुर, एकचारी, मोहनपुर टपुआ मार्ग का संपर्क फिर से भंग हो गया है.

वहीं अकबरनगर में दो-तीन दिनों से गंगा नदी और चानन नदी में पानी बढ़ने से कई किसानों की फसल डूब गई. दियारा जाने वाली सड़क फिर से पानी में डूब चुकी है. जिससे पशुओं के लिए फिर से चारा का संकट गहरा गया है. सबसे ज्यादा यहां किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों को फसल के साथ-साथ मवेशियों को रखने और चारा खिलाने में परेशानी हो रही है. पानी बढ़ने के कारण कोठी घाट में छोटी नाव के सारे लोग दियारा जाने लगे हैं. गोपालपुर के इस्माइलपुर बिंद टोली में जलस्तर खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर ऊपर है.

बता दें कि भागलपुर में गंगा एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है. जिले के 346 गांव पानी से घिरे हुए थे. बीते दिनों पानी उतर रहा था लेकिन एक बार फिर से यहां के हालात बिगड़ने लगे हैं. बाढ़ प्रभावित 14 प्रखंडों की 139 पंचायत की 9.318 लाख आबादी की मुश्किलें अभी भी कम नहीं हुईं हैं. जिले में 9 बाढ़ आपदा राहत केंद्र में से 5 को बंद कर दिया गया है. 254 सामुदायिक रसोई में 244 को बंद कर दिया गया है. अब केवल 10 सामुदायिक किचन चल रहे हैं. ऐसे में लोग पहले से ही परेशान थे अब एक बार फिर उनकी परेशानी और बढ़ गई है.

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