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हवा के झोंके से गिरने वाले अगुवानी घाट पुल की जांच करने पहुंची कनाडा से आई टीम

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Published : Nov 15, 2022, 9:11 PM IST

बिहार में अगुवानी पुल निर्माण कार्य में हुए हादसे की जांच को लेकर कनाडा की टीम भागलपुर पहुंची. टीम ने बारीकी से जांच की. बता दें कि पुल के पिलर संख्या पांच गिर गया था, जिसमें मजदूर बाल-बाल बच गए थे. पढ़ें पूरी खबर...

सुलतानगंज अगुवानी पुल की जांच करने पहुंची कनाडा की टीम
सुलतानगंज अगुवानी पुल की जांच करने पहुंची कनाडा की टीम

भागलपुरः सुलतानगंज अगुवानी पुल निर्माण कार्य की जांच पड़ताल (Investigate Of Sultanganj Construction Bridge ) करने कनाडा की दो सदस्यीय टीम भागलपुर पहुंची. इस दौरान कनाडा की टीम ने हवा के आंधी से गिरे अगुवानी पिलर संख्या 5 का जायजा लिया. जांच के क्रम में टीम ने कई खामियां को नोटिस किया, जिससे पुल का पिलर गिरा था. हलांकि सुलतानगंज अगुवानी पुल निर्माण की जांच टीम ने जांच के बारे में अब तक कोई खुलासा नहीं की है. कहा कि जांच कर इसकी रिपोर्ट वरीय अधिकारी को सौंपी जाएगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

यह भी पढ़ेंः विकास की ऐसी रफ्तार देखी है क्या? जिस पुल को 2018 में बनना था.. 4 साल बाद भी अधूरा

करोड़ों का हुआ नुकसानः बता दें कि सुलतानगंज में निर्माणाधीन अगुवानी पुल मामूली आंधी में गिर गया था. करीब 1,710 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा यह पुल धराशायी हो गया था. हालांकि इस हादसे जानमाल का नुकसान तो नहीं हुआ था लेकिन सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये की क्षति हुई थी. पुल का ढांचा गिरने के दौरान कई लोगों की जान बच गई थी.

23 फरवरी 2014 को रखी गयी थी आधारशिला: बता दें कि अगुवानी पुल बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. गंगा नदी पर बन रहे अगवानी-सुल्तानगंज पुल पर करीब 1,710 करोड़ रुपयों की लागत आई है. इसकी कुल लंबाई करीब 3.160 किलोमीटर है. इस पुल की आधारशिला 23 फरवरी 2014 को खगड़िया जिले के परबत्ता में सीएम नीतीश कुमार ने रखी थी. 9 मार्च, 2015 को उन्होंने पुल निर्माण का काम शुरू करने के लिए उद्घाटन किया था. खगड़िया की ओर से 16 किलोमीटर और सुल्तानगंज की ओर से चार किलोमीटर लंबे एप्रोच रोड का निर्माण होना है.

उत्तर बिहार झारखंड से जुड़ेगाः इसके बनने से उत्तर बिहार सीधे मिर्जा चौकी के रास्ते झारखंड से भी जुड़ जाएगा. विक्रमशिला सेतु पर भी वाहनों का दबाव कम होगा. वहीं, श्रावणी मेला के दौरान कांवरियों को भी खगड़िया से भागलपुर आने के लिए 90 किलोमीटर की दूरी की जगह केवल 30 किमी का ही सफर करना होगा.

भागलपुरः सुलतानगंज अगुवानी पुल निर्माण कार्य की जांच पड़ताल (Investigate Of Sultanganj Construction Bridge ) करने कनाडा की दो सदस्यीय टीम भागलपुर पहुंची. इस दौरान कनाडा की टीम ने हवा के आंधी से गिरे अगुवानी पिलर संख्या 5 का जायजा लिया. जांच के क्रम में टीम ने कई खामियां को नोटिस किया, जिससे पुल का पिलर गिरा था. हलांकि सुलतानगंज अगुवानी पुल निर्माण की जांच टीम ने जांच के बारे में अब तक कोई खुलासा नहीं की है. कहा कि जांच कर इसकी रिपोर्ट वरीय अधिकारी को सौंपी जाएगी. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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करोड़ों का हुआ नुकसानः बता दें कि सुलतानगंज में निर्माणाधीन अगुवानी पुल मामूली आंधी में गिर गया था. करीब 1,710 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा यह पुल धराशायी हो गया था. हालांकि इस हादसे जानमाल का नुकसान तो नहीं हुआ था लेकिन सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये की क्षति हुई थी. पुल का ढांचा गिरने के दौरान कई लोगों की जान बच गई थी.

23 फरवरी 2014 को रखी गयी थी आधारशिला: बता दें कि अगुवानी पुल बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है. गंगा नदी पर बन रहे अगवानी-सुल्तानगंज पुल पर करीब 1,710 करोड़ रुपयों की लागत आई है. इसकी कुल लंबाई करीब 3.160 किलोमीटर है. इस पुल की आधारशिला 23 फरवरी 2014 को खगड़िया जिले के परबत्ता में सीएम नीतीश कुमार ने रखी थी. 9 मार्च, 2015 को उन्होंने पुल निर्माण का काम शुरू करने के लिए उद्घाटन किया था. खगड़िया की ओर से 16 किलोमीटर और सुल्तानगंज की ओर से चार किलोमीटर लंबे एप्रोच रोड का निर्माण होना है.

उत्तर बिहार झारखंड से जुड़ेगाः इसके बनने से उत्तर बिहार सीधे मिर्जा चौकी के रास्ते झारखंड से भी जुड़ जाएगा. विक्रमशिला सेतु पर भी वाहनों का दबाव कम होगा. वहीं, श्रावणी मेला के दौरान कांवरियों को भी खगड़िया से भागलपुर आने के लिए 90 किलोमीटर की दूरी की जगह केवल 30 किमी का ही सफर करना होगा.

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