भागलपुर: अंगिका भाषा के लोकप्रिय कवि और सैकड़ों अंगिका गीतों के रचयिता भगवान प्रलय का आकस्मिक निधन हो गया है. भगवान प्रलय के निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर है. कवि के निधन पर अजगैबीनाथ साहित्य मंच सुल्तानगंज की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. मंच के अध्यक्ष साहित्यकार भवानंद सिंह प्रशांत ने कहा कि अंगिका भाषा के अद्वितीय कवि भगवान प्रलय का निधन हम लोगों के लिए भारी क्षति है.
ये भी पढ़ें : नहीं रहीं 'बिहार गौरव गान' की रचयिता पद्मश्री डॉ. शांति जैन, कोविड टेस्ट कराने से पहले हुआ निधन
भगवान प्रलय ने अंगिका गीतों को दिलाई है पहचान
भगवान प्रलय ही थे जिन्होंने लोकगीतों के माध्यम से वैश्विक धरातल पर अंगिका को प्रस्तुत किया था. प्रलय अंग की माटी में जन्में जमीनी गीतकार थे. अंगिका के लोकप्रिय कवि एस. के. प्रोग्रामर ने उनके निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए उनको श्रद्धांजलि अर्पित की.
कवियों ने प्रलय के निधन को अपनी व्यक्तिगत क्षति बताई
कवि के निधन पर वरिष्ठ कवि मनीष कुमार गुंज, हीरा प्रसाद हरेंद्र, कवित्री उषा किरण साहा, ब्रह्मदेव बंधु, प्रदीप पाल और अन्य ने शोक व्यक्त किया है. सुल्तानगंज अजगैबीनाथ साहित्य मंच के कवियों ने कहा कि भगवान प्रलय की मौत से कवि जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. आज अगिंका भाषा को नई दिशा देने वाले का अंत हो गया.