भागलपुर: जिले में अपने पिता की हत्या के मामले में एडीजे टू शोभाकांत मिश्रा ने आरोपी पुत्र को उम्रकैद की सजा सुनाई. दरअसल, जिले के कचहरी चौक पर 20 जून 2011 रात को पानी के कारोबारी अमलेंदू गुप्ता की ईंट से कुचलकर कर हत्या कर दी गई थी और उनकी पत्नी सुनीता गुप्ता को घायल कर दिया था. जांच के बाद इस मामले में व्यवसायी का पुत्र अमिया श्री ही अपने पिता का कातिल निकला.
फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर सुनाई गई सजा
इस मामले में कोर्ट ने आरोपी बेटे को तिलकामांझी थाना पुलिस के फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर सजा सुनाई. कोर्ट में गवाहों ने भी आरोपी को खिलाफ बयान दिया जिस आधार पर कोर्ट ने इसे जघन्य अपराध करार देते हुए आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई. व्यवसायी पुत्र ने घरेलू विवाद और संपत्ति पर एकाधिकार के लिए अपने पिता की हत्या कर दी थी. बताया जाता है कि घटना के 1 दिन पहले 19 जून 2011 को हत्यारे बेटे ने मां-बाप के हत्या की साजिश रचते हुए खुद से पूजा घर के पास ईंट का टुकड़ा रखा था.
'मां की भी करना चाहता था हत्या'
भागलपुर कोर्ट के अपर लोक अभियोजन मोहम्मद रियाज हुसैन का कहना है कि आरोपी बेटे ने इस घटना की साजिश रची थी. जून 2011 की रात करीब दो से ढाई बजे के बीच व्यवसायी और उनकी पत्नी एक कमरे में सो रही थी, इस दौरान चार पांच लोग कमरे में आकर उनसे व्यवसाय से संबंधित पेपर और पैसे की मांग की और रकम नहीं देने पर बगल में पहले से रखे ईंट से कुचलकर उनकी हत्या कर दी. इस घटना में उनकी पत्नी सुनीता गुप्ता की भी हत्या करना चाहा. लेकिन वह बच गई थी और वे इस घटना में वे गंभीर रूप से घायल हो गयी थी. उन्होंने घटना के बारे में पुलिस को बताया था. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी बेटे पर कार्रवाई की थी.
उम्रकैद और 50 हजार का जुर्माना हुआ मुकर्रर
इघर, कोर्ट ने इस मामले में सारे सबूत और गवाह आरोपी के खिलाफ होने के बाद अपना फैसला सुनते हुए व्यवसायी के बेटे अमिया श्री को दोषी करार देते हुए धारा -302 में उम्र कैद की सजा और 50 हजार जुर्माना के साथ घारा -307 में 7 वर्ष की सजा 10 हजार रुपया जुर्माना अलग से और जुर्माना नहीं देने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा सुनाई. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त ने अभी तक जितनी भी सजा काटी है. वह इस सजा में समायोजित होगी.