भागलपुर: भाई-बहन के खूबसूरत रिश्ते को समर्पित त्योहार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) आज मनाया जा रहा है. हर साल सावन माह के पूर्णिमा को यह त्योहार (Festival) मनाया जाता है. भागलपुर में (Bhaglapur) में भी रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. लेकिन कुछ ऐसी बहने भी हैं जिन्हें अपने भाई को राखी बांधने के लिए जेल की दहलीज तक आना पड़ा.
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रविवार की सुबह से ही दर्जनों की संख्या में बहनें राखी और मिठाई लिए भागलपुर के केंद्रीय विशेष कारा और शहीद जुब्बा सहनी कारा के बाहर पहुंची थीं. जेल में बंद कैदी भाई की एक झलक पाने के लिए बहनों को घंटों इंतजार करना पड़ा. वहीं जब मुलाकात भी हुई तो वह चंद मिनटों के लिए. जेल प्रशासन ने भाई को राखी बांधने तो दिया लेकिन कोविड-19 प्रोटोकॉल के कारण मिठाई खिलाने से मना कर दिया. जिस कारण बहनों को थोड़ी निराशा भी हुई.
मुंगेर से अपने भाई को जेल में राखी बांधने आई कल्याणी देवी ने बताया कि रक्षा बंधन के मौके पर हर हाल में भाई को जेल में राखी बांधने आती हैं. घर से भाई के लिए मिठाई और राखी लाई हैं. उन्होंने कहा कि आज हम भगवान से दुआ करते हैं कि वह जल्द से जल्द जेल से बाहर आएं. जिससे कि हमें यहां दुबारा नहीं आना पड़े. 14 वर्षों से मेरा भाई पंकज मंडल जेल में बंद है.
जेल में बंद भाइयों को राखी बांधने के लिए दोनों जिलों के बाहर सुबह से ही कतार लग रही. करीब 50 से 60 की संख्या में महिलाएं अपने भाई को राखी बांधने का इंतजार करती नजर आयीं. बता दें कि जेल में राखी के पर्व पर बहनों की मुलाकात के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है. जल्दी बारी आने के लिए महिलाएं सुबह से ही जेल गेट के बाहर पहुंच गई थीं.
बता दें कि भाई बहनों के प्यार का पर्व रक्षाबंधन को लेकर भागलपुर के बाजार पूरी तरह से गुलजार हैं. रविवार का दिन होने के कारण इस रक्षाबंधन का विशेष महत्व है. पंडित बताते हैं कि रविवार के अलावा सावन की आखिरी दिन होने के कारण भी रक्षाबंधन का पर्व का विशेष संयोग है. इस दौरान भाई बहनों पर भगवान शिव की भी कृपा बनी रहेगी.
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इस बार 474 साल बाद राखी पर महासंयोग बन रहा है. इस दौरान कुंभ राशि में गुरु की चाल वक्री रहेगी. इसके साथ ही चंद्रमा भी वहां मौजूद रहेंगे. गुरु और चंद्रमा की इस कॉम्बिनेशन से रक्षाबंधन पर गजकेसरी योग बन रहा है. यह योग मनुष्य की महत्वाकांक्षाएं पूरी करता है. धन, संपत्ति, मकान, वाहन जैसे सुखों की प्राप्ति होती है.
बता दें कि राखी बांधते समय भाई को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके बैठना चाहिए और सिर पर रुमाल रखना चाहिए. बहन पहले अपने भाई के माथे पर टीका लगाएं और उसपर कुछ अक्षत लगाएं. कुछ अक्षत भाई पर आशीर्वाद के रूप में छींटें. इसके बाद बहन नजर उतारने के लिए दीपक जलाकर भाई की आरती उतारें. इसके बाद बहन भाई की दायीं कलाई पर राखी बांधे. इस दौरान बहन को मंत्र ‘ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल बोलना चाहिए.
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