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ग्वारीडीह में मिले चंपा सभ्यता के अवशेष!, खुदाई से खुलेंगे कई राज - Archaeological remains found in Bhagalpur

ग्वारीडीह में खुदाई के क्रम में हजारों वर्ष पुराने अवशेष मिले है. ग्रामीणों का कहना है कि ग्वारीदी टीला पहले करीब 25 बीघा का हुआ करता था. वह कटाव के कारण अब 17 से 18 बीघा का बचा हुआ है.

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Published : Dec 19, 2020, 10:48 PM IST

भागलपुर: जिला के ग्वारीडीह बहियार में कोसी किनारे हजारों साल पहले चंपा सभ्यता के विकसित होने के साक्ष्य के रूप में अवशेष मिल रहे हैं. ग्रामीणों को खुदाई के दौरान वहां से हांडी, पुराने सिक्के, घरा और मोती मिले हैं, जो कि चंपा सभ्यता से भी पहले होने का दावा कर रही है.

पूर्व स्थानीय विधायक इंजीनियर शैलेंद्र ने गोवारीडीह आकर अवशेषों का अवलोकन किया और उन्होंने कहा इसकी सूचना मुख्यमंत्री को दी जाएगी. वहीं, खुदाई से मिले अवशेष की जांच करने भागलपुर जिला के वरीय पदाधिकारी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अवशेषों की जांच की.

Bhagalpur
खुदाई के क्रम में मिले अवशेष

संरक्षण करने की जरुरत
ग्रामीणों का कहना है कि ग्वारीडीह टीला पहले करीब 25 बीघा का हुआ करता था. वह कटाव के कारण अब 17 से 18 बीघा का बचा हुआ है. यदि जल्द संरक्षण नहीं किया गया तो यहां की महत्वपूर्ण जानकारी को कोशी नदी खत्म कर देगी.

भागलपुर: जिला के ग्वारीडीह बहियार में कोसी किनारे हजारों साल पहले चंपा सभ्यता के विकसित होने के साक्ष्य के रूप में अवशेष मिल रहे हैं. ग्रामीणों को खुदाई के दौरान वहां से हांडी, पुराने सिक्के, घरा और मोती मिले हैं, जो कि चंपा सभ्यता से भी पहले होने का दावा कर रही है.

पूर्व स्थानीय विधायक इंजीनियर शैलेंद्र ने गोवारीडीह आकर अवशेषों का अवलोकन किया और उन्होंने कहा इसकी सूचना मुख्यमंत्री को दी जाएगी. वहीं, खुदाई से मिले अवशेष की जांच करने भागलपुर जिला के वरीय पदाधिकारी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अवशेषों की जांच की.

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खुदाई के क्रम में मिले अवशेष

संरक्षण करने की जरुरत
ग्रामीणों का कहना है कि ग्वारीडीह टीला पहले करीब 25 बीघा का हुआ करता था. वह कटाव के कारण अब 17 से 18 बीघा का बचा हुआ है. यदि जल्द संरक्षण नहीं किया गया तो यहां की महत्वपूर्ण जानकारी को कोशी नदी खत्म कर देगी.

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