भागलपुरः तिलकामांझी विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थी और कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण कराया था. जिसमें डॉक्टर सहित नौ पदों पर प्रतिनियुक्ति भी की गई थी. लेकिन फिलहाल यह अस्पताल खुद ही बीमार प्रतीत हो रहा है.
कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में एक ओर जहां स्वास्थ्य सुविधा दुरुस्त किया जा रहा है. वहीं, विश्वविद्यालय के इस सुविधाविहीन स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर तक नहीं दिखे. डॉक्टर समय से पहले ही गायब हो जाते हैं. यहां बहाल कुल 9 स्टाफ में से मात्र 3 ही अस्पताल में उपस्थित थे.
'2-3 घंटे के लिए आते हैं डॉक्टर'
इस संबंध में पूछे जाने पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल अरुण कुमार सिंह ने कहा कि इस बारे में मुझे पूरी जानकारी नहीं है. फिर भी अस्पताल बंद नहीं रहता, खुला ही रहता है. रोस्टर के हिसाब से कर्मचारी आते हैं. दो-तीन घंटे के लिए डॉक्टर भी आते हैं. उन्होंने ईटीवी भारत के संवाददाता को संबोधित करते हुए कहा कि हो सकता है जब आप अस्पताल पहुंचे हों, उस वक्त डॉक्टर कहीं चलें गए हों.
सालों से बंद पड़ी है एक्स-रे मशीन
बता दें कि विश्वविद्यालय के करीब 20 हजार विद्यार्थी और शिक्षक सहित अन्य कर्मियों के लिए इस अस्पताल का निर्माण कराया गया था. अस्पताल में मौजूद कर्मचारी ने बताया कि यहां बरसों पहले एक्स-रे मशीन आई थी, लेकिन आज तक उसका उपयोग नहीं हुआ है.