भागलपुर: बिहार में भूमिहीन लोगों को सरकार बड़ी राहत देने जा रही है. बिहार के राजस्व भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि अगले एक साल के भीतर प्रदेश के सभी भूमिहीनों और गरीबों को तीन से पांच डिसमिल जमीन उपलब्ध कराते हुए उन्हें तमाम बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएगी. दरअसल, प्रावधान के मुताबिक, सरकार किसी भी वर्ग के गरीब भूमिहीनों को जमीन दे (poor will get 5 decimals of land in bihar ) सकती है. लेकिन, यह प्रावधान केवल एससी-एसटी और ईबीसी वर्ग के लिए लागू है.
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गरीब भूमिहीनों को मिलेगी 5 डिसमिल जमीन : आलोक मेहता ने भागलपुर में कहा है कि इस वर्ष के अंत तक तमाम भूमिहीनों और गरीबों को पानी और सड़क से लैस कर मल्टी स्टोरी भवन बनाकर बसाने की तैयारी बिहार सरकार ने कर ली है. उन्होंने कहा कि यह सरकार की प्राथमिकता है. इसी के माध्यम से गरीबों को न्याय मिलेगा. हालांकि, बहुत सारे मामले है, जहां पर पर्चा मिल गया और उसको खाली कराया जा रहा है. यह कोर्ट का मामला है. सिविल मामले में विभाग कुछ नहीं कर सकता है. लेकिन सरकार अपना कमिटमेंट पूरा करेगी.
'बिहार में सीएम नीतीश कुमार के जनता दरबार में 3 माह पहले 70 प्रतिशत मामले ज़मीन विवाद के थे. अब 45 प्रतिशत हुआ है. सरकार ने मुख्यालय स्तर पर मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया है. वहां से ही दाखिल खारिज की मॉनिटरिंग की जा रही है. भूमि सुधार को लेकर कई एक्ट में परिवर्तन भी किया गया है. रजिस्ट्रेशन एक्ट में बदलाव किया गया है. जबकि राजस्व की बढ़ोत्तरी के लिए डीसीएलआर को बीएलडीआर एक्ट के पावर भी दिए गए हैं. मठ, मंदिर और धार्मिक न्यास बोर्ड के कई मामले सामने आते हैं. अगर सही शिकायत मिलेगी तो सरकार उसका भी समाधान संबंधित अधिकारी से कराएंगे.'' - आलोक मेहता, बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री
'अच्छा काम करने वालों को मिलेगा इनाम' : राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने जिले के तमाम सर्किल ऑफिसर, रेवेन्यू ऑफिसर और जिले के जिम्मेदार अधिकारी के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में मंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो अधिकारी अच्छा काम करेंगे उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा और जो अपने परफॉर्मेंस में पिछड़े रहेंगे उन्हें दंडित भी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मैं अपने पदाधिकारियों से अपील करता हूं कि अपना व्यवहार आम जनता के साथ अच्छा रखें. जनप्रतिनिधियों की बातों को जो जन के हित में हो उसे प्राथमिकता दें और उसे सुने.