भागलपुर : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Political Strategist Prashant Kishor) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के दिल्ली दौरा पर कटाक्ष किया है. भागलपुर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार में 10 लाख नौकरी दे दिए तो उनकी पार्टी का झंडा लेकर (Prashant Kishor On Nitish) घूमूंगा. साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार के बयान पर भी वार किया.
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''बिहार में जो राजनीतिक घटनाक्रम है वो केवल राज्य विशिष्ट मुद्दा है. मुझे नहीं लगता कि इससे राष्ट्रीय स्तर पर असर पड़ेगा. कथित तौर पर जो आदमी अभी विपक्ष में है, वो दिल्ली जाकर दूसरे विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करता है. केवल मुलाकात करने से विपक्ष नए तरीके और रणनीति के साथ खड़ा हो रहा है, ऐसा मुझे नहीं लगता है. मैंने तो कहीं ऐसी घोषणा नहीं देखी जिसमें सारे विपक्ष के नेता एक साथ बैठकर किसी चेहरे आदि की घोषणा की हो. अभी मुझे इस प्रयास में कुछ नई बात नहीं दिखती है.''- प्रशांत किशोर, चुनावी रणनीतिकार
PK ने नीतीश को दिया जवाब : प्रशांत किशोर ने भागलपुर में नीतीश कुमार द्वारा उनपर किए गए टिप्पणी का जवाब दिया है. उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार जी यहां के बुजुर्ग नेता हैं, वो कुछ बोलना चाहते हैं तो उनको बोलने दीजिए. व्यक्तिगत टीका टिप्पणी करना ठीक नहीं है. अगर उन्होंने कुछ कहा है तो वो उनकी सोच है. कौन बीजेपी के साथ काम कर रहा है, आपलोग जानते हैं. अभी 1 महीना पहले तक नीतीश जी बीजेपी के साथ ही थे. नीतीश कुमार अगर किसी को इस तरह का सर्टिफिकेट दे रहे हैं तो ये हास्यास्पद है."
ABC और XYZ की राजनीति : नीतीश कुमार पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, "17 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद आपको याद आया कि 10 लाख नौकरी दी जा सकती है, पहले ही दे देना चाहिए था. लेकिन चलिए अब नीतीश कुमार इतने बड़े नेता हैं, उनको A से Z तक पता है. दूसरे को ABC नहीं आता है. उन्होंने कहा है कि 10 लाख नौकरी देंगे, अगर दे देंगे तो हम जैसे लोगों को अभियान चलाने की क्या जरूरत है. अगर 10 लाख नौकरी दे देते हैं तो उनको नेता मानकर जैसे 2015 में उनका काम कर रहे थे, फिर से उनका काम करेंगे. उनका झंडा लेकर घूमेंगे. 10 लाख लोगों को नौकरी दे कर दिखाइए साल भर में. 12 महीना में 1 महीना हो गया है. 12 महीना के बाद उनसे पूछेंगे कि किसको ABC का ज्ञान है और किसको XYZ का ज्ञान है. अगर 10 लाख नौकरी दे दिए तो मान लेंगे कि सर्वव्यापी और सर्वज्ञानी आप ही हैं. एक भगवान ऊपर हैं और एक नीचे आप हैं."
नीतीश ने किया था वार : दरअसल, प्रशांत किशोर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निशाना साधा था. दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि प्रशांत किशोर की बात का कोई मतलब नहीं है. उसको बिहार का कुछ भी मालूम है? अगर वह कोई बात बोलता है तो समझ लीजिये उसका मन बीजेपी के साथ रहने का होगा, बीजेपी को मदद करने का होगा. उनको कुछ भी पता है? एबीसी मालूम है? बिहार में क्या काम हुआ है. ये (प्रशांत किशोर) लोग को मालूम है कि अपना पब्लिसिटी कैसे करना है, स्टेटमेंट कैसे देना है. ये सबका एक्सपर्ट है. वही सब अंड-बंड बोलता रहता है. कोई मतलब है उसके बात का.
जन सुराज अभियान पर पीके : भागलपुर में प्रशांत किशोर ने जन सुराज के विचार को रेखांकित करते हुए बताया कि जन सुराज के माध्यम से वह लोगों के साथ संवाद स्थापित करना चाहते हैं. प्रशांत किशोर ने कहा, "उद्देश्य है बिहार में एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाना. सत्ता परिवर्तन हमारा मकसद नहीं है. अगर पदयात्रा के बाद सब लोगों की सहमति से कोई दल बनता भी है तो वो बिहार के सभी सही लोगों का दल होगा, प्रशांत किशोर का दल नहीं होगा. सब मिलकर अगर तय करेंगे तो दल बनाया जाएगा. अगर दल बनता है तो प्रशांत किशोर उसके नेता नहीं होंगे. मैं अभी लोगों से बात करने, उनकी समस्याओं को समझने में अपना पूरा वक्त लगा रहा हूं."
प्रशांत किशोर ने कहा कि वह 2 अक्तूबर से पाश्चिम चंपारण के गांधी आश्रम से पदयात्रा शुरू करेंगे. इस पदयात्रा के माध्यम से वो बिहार के हर गली-गांव, शहर-कस्बों के लोगों से मुलाकात करेंगे और उनकी समस्याओं को सुनेंगे. उनसे समझेंगे कि कैसे बिहार को बेहतर बनाया जा सकता है. पदयात्रा में जब तक पूरा बिहार पैदल न चल लें तब तक वापस पटना नहीं जाएंगे, समाज में रहेंगे, समाज को समझने का प्रयास करेंगे. इसका एक ही मकसद है कि समाज को मथ कर सही लोगों को एक साथ एक मंच पर लाना। प्रशांत किशोर ने कहा कि पदयात्रा के बाद विकास के 10 सूचकांकों लिए विस्तृत ब्लूप्रिंट जारी करेंगे और सभी समस्यायों का समाधान भी बताएंगे.