भागलपुर: जिले में दूसरे नाम से बेलर बन कर न्यायिक व्यवस्था में रुकावट लाने की कोशिश कर रहे व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर गलत नाम से जमानतदार बन कर कई महीनों से व्यक्ति कानून और पुलिस की आंख में धूल झोंक रहा था.
क्या है मामला
पुलिस के पास कहलगांव थाने का एक मामला आया था. जिसमें ट्रैक्टर की ओर से दुर्घटना का मामला दर्ज कराया गया था. दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी. मामले में जहां आरोपी ने स्थानीय न्यायालय में आ कर अपना बेल कराया था उसके वेरीफिकेशन में पुलिस को काफी दिक्कत आई थी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जिस जमानतदार का नाम और पता उसने दिया था, उस नाम का कोई व्यक्ति उस पते पर नहीं था. ऐसे में जिला एसएसपी आशीष भारती ने मामले को एसपी विनीत कुमार को दे दिया गया. आगे एसपी विनीत कुमार ने मामले की काफी गहनता से जांच की.
फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर हो रही थी जमानतदारी
जांच में यह सामने आया कि एक व्यक्ति ने मोहम्मद इकबाल अहमद के नाम से ड्राइविंग लाइसेंस रखा हुआ था. जिसके मदद से आरोपी को 2014 में ही जमानत मिल गई थी. लेकिन जब केस का ट्रायल चलने लगा तब वह व्यक्ति मामले में फरार पाया जाने लगा. उसकी कोई पहचान नहीं हो पा रही थी. जिसके बाद न्यायालय ने वारंट जारी कर दिया. फिर पुलिस ने ड्राइविंग लाइसेंस की जांच की तो पाया कि ड्राइविंग लाइसेंस पूरी तरह से अवैध है. साथ ही, उक्त व्यक्ति इकबाल अहमद नहीं है. असल में उसका नाम पप्पू दास है. जो कि फर्जी बेलर के रूप में एडवोकेट से संपर्क कर जमानतदार बनता था.
आरोपी पक्ष के एडवोकेट ने बनवाया था लाइसेंस
गिरफ्तार जमानतदार पप्पू दास ने पुलिस को बताया कि इस तरह के काम के लिए उसे पैसे दिए जाते है. पप्पू दास ने यह भी कहा है कि आरोपी पक्ष के एडवोकेट की तरफ से ही अवैध लाइसेंस बनवाया गया था. जांच के बाद यह साफ हो गया कि ट्रैक्टर का मूल मालिक कन्हैया लाल यादव, जिसने अपने स्वार्थ के लिए एक बड़ा गिरोह चलाया. साथ ही, न्यायिक व्यवस्था में रुकावट लाने की कोशिश की.