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भागलपुर: पुलिस ने किया नकली जमानतदार को गिरफ्तार, कानून की आखों में झोंक रहा था धूल

भागलपुर पुलिस को फिर से बड़ी सफलता हाथ लगी है. कई महीनों से दूसरे नाम से जमानतदार बन कर कानून की आंख में धूल झोंकने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

नकली बेलर गिरफ्तार
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Published : Sep 12, 2019, 11:59 PM IST

भागलपुर: जिले में दूसरे नाम से बेलर बन कर न्यायिक व्यवस्था में रुकावट लाने की कोशिश कर रहे व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर गलत नाम से जमानतदार बन कर कई महीनों से व्यक्ति कानून और पुलिस की आंख में धूल झोंक रहा था.

पुलिस ने किया नकली जमानतदार को गिरफ्तार

क्या है मामला
पुलिस के पास कहलगांव थाने का एक मामला आया था. जिसमें ट्रैक्टर की ओर से दुर्घटना का मामला दर्ज कराया गया था. दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी. मामले में जहां आरोपी ने स्थानीय न्यायालय में आ कर अपना बेल कराया था उसके वेरीफिकेशन में पुलिस को काफी दिक्कत आई थी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जिस जमानतदार का नाम और पता उसने दिया था, उस नाम का कोई व्यक्ति उस पते पर नहीं था. ऐसे में जिला एसएसपी आशीष भारती ने मामले को एसपी विनीत कुमार को दे दिया गया. आगे एसपी विनीत कुमार ने मामले की काफी गहनता से जांच की.

फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर हो रही थी जमानतदारी
जांच में यह सामने आया कि एक व्यक्ति ने मोहम्मद इकबाल अहमद के नाम से ड्राइविंग लाइसेंस रखा हुआ था. जिसके मदद से आरोपी को 2014 में ही जमानत मिल गई थी. लेकिन जब केस का ट्रायल चलने लगा तब वह व्यक्ति मामले में फरार पाया जाने लगा. उसकी कोई पहचान नहीं हो पा रही थी. जिसके बाद न्यायालय ने वारंट जारी कर दिया. फिर पुलिस ने ड्राइविंग लाइसेंस की जांच की तो पाया कि ड्राइविंग लाइसेंस पूरी तरह से अवैध है. साथ ही, उक्त व्यक्ति इकबाल अहमद नहीं है. असल में उसका नाम पप्पू दास है. जो कि फर्जी बेलर के रूप में एडवोकेट से संपर्क कर जमानतदार बनता था.

Police arrested fake guarantor
गिरफ्तार जमानतदार के साथ पुलिस

आरोपी पक्ष के एडवोकेट ने बनवाया था लाइसेंस
गिरफ्तार जमानतदार पप्पू दास ने पुलिस को बताया कि इस तरह के काम के लिए उसे पैसे दिए जाते है. पप्पू दास ने यह भी कहा है कि आरोपी पक्ष के एडवोकेट की तरफ से ही अवैध लाइसेंस बनवाया गया था. जांच के बाद यह साफ हो गया कि ट्रैक्टर का मूल मालिक कन्हैया लाल यादव, जिसने अपने स्वार्थ के लिए एक बड़ा गिरोह चलाया. साथ ही, न्यायिक व्यवस्था में रुकावट लाने की कोशिश की.

भागलपुर: जिले में दूसरे नाम से बेलर बन कर न्यायिक व्यवस्था में रुकावट लाने की कोशिश कर रहे व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर गलत नाम से जमानतदार बन कर कई महीनों से व्यक्ति कानून और पुलिस की आंख में धूल झोंक रहा था.

पुलिस ने किया नकली जमानतदार को गिरफ्तार

क्या है मामला
पुलिस के पास कहलगांव थाने का एक मामला आया था. जिसमें ट्रैक्टर की ओर से दुर्घटना का मामला दर्ज कराया गया था. दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी. मामले में जहां आरोपी ने स्थानीय न्यायालय में आ कर अपना बेल कराया था उसके वेरीफिकेशन में पुलिस को काफी दिक्कत आई थी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जिस जमानतदार का नाम और पता उसने दिया था, उस नाम का कोई व्यक्ति उस पते पर नहीं था. ऐसे में जिला एसएसपी आशीष भारती ने मामले को एसपी विनीत कुमार को दे दिया गया. आगे एसपी विनीत कुमार ने मामले की काफी गहनता से जांच की.

फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस पर हो रही थी जमानतदारी
जांच में यह सामने आया कि एक व्यक्ति ने मोहम्मद इकबाल अहमद के नाम से ड्राइविंग लाइसेंस रखा हुआ था. जिसके मदद से आरोपी को 2014 में ही जमानत मिल गई थी. लेकिन जब केस का ट्रायल चलने लगा तब वह व्यक्ति मामले में फरार पाया जाने लगा. उसकी कोई पहचान नहीं हो पा रही थी. जिसके बाद न्यायालय ने वारंट जारी कर दिया. फिर पुलिस ने ड्राइविंग लाइसेंस की जांच की तो पाया कि ड्राइविंग लाइसेंस पूरी तरह से अवैध है. साथ ही, उक्त व्यक्ति इकबाल अहमद नहीं है. असल में उसका नाम पप्पू दास है. जो कि फर्जी बेलर के रूप में एडवोकेट से संपर्क कर जमानतदार बनता था.

Police arrested fake guarantor
गिरफ्तार जमानतदार के साथ पुलिस

आरोपी पक्ष के एडवोकेट ने बनवाया था लाइसेंस
गिरफ्तार जमानतदार पप्पू दास ने पुलिस को बताया कि इस तरह के काम के लिए उसे पैसे दिए जाते है. पप्पू दास ने यह भी कहा है कि आरोपी पक्ष के एडवोकेट की तरफ से ही अवैध लाइसेंस बनवाया गया था. जांच के बाद यह साफ हो गया कि ट्रैक्टर का मूल मालिक कन्हैया लाल यादव, जिसने अपने स्वार्थ के लिए एक बड़ा गिरोह चलाया. साथ ही, न्यायिक व्यवस्था में रुकावट लाने की कोशिश की.

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आज भागलपुर पुलिस को फिर से बड़ी सफलता हाथ लगी है कई महीनों से दूसरे के नाम पर बेलर बंद कर कानून की आंख में धूल झोंकने वाले शख्स को भागलपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है
एक मामला भागलपुर पुलिस के पास जांच के लिए आया था कहलगांव थाना कांड संख्या 433/ 2014 इस मामले में ट्रैक्टर के द्वारा दुर्घटना का मामला दर्ज किया गया था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी उस मामले में जिस अभियुक्त के द्वारा स्थानीय न्यायालय में उपस्थित होकर बिल कराया गया था उसके सत्यापन में पुलिस को काफी दिक्कत आ रही थी क्योंकि जो नाम एवं पता उसमें दिया गया था उस नाम का कोई व्यक्ति उस पते पर था ही नहीं इसलिए एसएसपी भागलपुर आशीष भारती के निर्देशानुसार इस मामले को एसपी विनीत कुमार को जांच के लिए दिया गया था इस मामले में एसपी विनीत कुमार के द्वारा काफी गहनता से जांच की गई ।


Body:तो जांच में प्रकाश में आया कि एक व्यक्ति के द्वारा इकबाल अहमद के नाम से ड्राइविंग लाइसेंस समर्पित किया गया था जिसमें 2014 में ही जमानत मिल गया था लेकिन जब केस का ट्रायल चलने लगा तब वह व्यक्ति इस मामले में फरार पाए जाने लगा क्योंकि इस व्यक्ति की पहचान भी नहीं हो रही थी और यह उपस्थित भी नहीं हो रहा था जिसके बाद न्यायालय के द्वारा वारंट एवं कुर्की की भी जारी किया गया उसके बाद भी उपस्थिति नहीं हो पाई जब ड्राइविंग लाइसेंस की जांच शुरू हुई तो पाया गया कि इस नाम का कोई व्यक्ति के नाम से ड्राइविंग लाइसेंस जारी नहीं हुआ है और ड्राइविंग लाइसेंस पूरी तरह से अवैध है और उक्त व्यक्ति इकबाल अहमद नहीं है जांच के क्रम में पता चला कि जिस फोटो का उक्त लाइसेंस में इस्तेमाल किया गया था उस व्यक्ति का पूर्व में लाइसेंस खो गया था लेकिन किसी तरह का भी मामला लाइसेंस गुमशुदगी को लेकर दर्ज नहीं हुआ था फोटो पर पहचान करा कर तफ्तीश करने के बाद पता चला कि उक्त व्यक्ति का नाम पप्पू दास है जो कि फर्जी वेलर के रूप में अधिवक्ता से संपर्क कर वेलर बनता है पप्पू दास अपने वास्तविक नाम से भी कई मामले में वेलर बन चुका है और साथ ही साथ यह इकबाल अहमद के नाम से भी कई केस में वेलर बन चुका है ।


Conclusion:पप्पू दास ने पुलिस को बताया कि अभी अधिवक्ताओं के द्वारा जमानतदार के रूप में पप्पू दास को संपर्क किया जाता है या पप्पू दास खुद अधिवक्ताओं से संपर्क में रहता है और फर्जी जमानतदार या अभियुक्त के तौर पर इसे न्यायालय के सामने प्रस्तुत किया जाता है इस तरह का काम के लिए पप्पू दास को पैसा दिया जाता है पप्पू दास ने इकबालिया बयान में कहा है कि अभियुक्त पक्ष के अधिवक्ता की तरफ से ही इस तरह का अवैध लाइसेंस बनवाया गया था ताकि इस पूरे मामले में अभी तक के बाद प्रकाश में आई है एक और हत्या के मामले में यह इकबाल अहमद के रूप में जमानतदार के तौर पर न्यायालय के सामने उपस्थित हुआ था । जांच के बाद यह स्पष्ट तौर पर सामने आया की ट्रैक्टर का जो मूल मालिक कन्हैया लाल यादव है वह गोराडीह का रहने वाला है उसके द्वारा अपने निजी स्वार्थ के लिए अधिवक्ता के साथ मिलकर और दलाल एवं न्यायालय के कनीय कर्मचारी की मिलीभगत से एक बड़ा गिरोह कार्य कर रहा है और न्यायिक व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न कर रहा है जिसके बाबत तिलकामांझी थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है और अनुसंधान किया जा रहा है जो भी दोषी हैं उन पर पुलिस की तरफ से कार्रवाई करने के बाद भागलपुर के एसएसपी आशीष भारती ने कही है ।

बाइट आशीष भारती एसएसपी भागलपुर
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