भागलपुरः पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह के राजद से इस्तीफा दिए जाने के बाद बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. साथ ही बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया है. जेडीयू ने कहा है कि राजद में वरिष्ठ नेताओं की कद्र नहीं है. तेजस्वी यादव के उदंड बयानबाजी का खामियाजा राजद को भुगतना पड़ा.
'लालू जी ने बहुत बड़ी गलती की है. लालू जी को पार्टी में किसी वरिष्ठ नेता को पार्टी का नेता बनाना चाहिए था लेकिन उन्होंने एक बच्चे को पार्टी का नेता बना दिया'. नरेंद्र मंडल, सत्तारूढ़ दल सचेतक
ईटीवी भारत से बातचीत में गोपाल मंडल ने कहा कि रघुवंश प्रसाद बहुत दिन से राजद से नाराज चल रहे थे. जिसको लेकर कई बार पार्टी के नेताओं ने उनसे बातचीत भी की. लेकिन तेजस्वी के उदंड बयानबाजी से तंग होकर रघुवंश प्रसाद सिंह ने इस्तीफा दिया. उन्होंने कहा कि जिस नेता की कद्र लालू यादव करते थे, उस नेता की कद्र उनके पुत्र तेजस्वी ने नहीं की.
'अनाप-शनाप बोलते रहते हैं तेजस्वी'
गोपाल मंडल ने कहा कि तेजस्वी राजनीति में नए हैं. वह बिल्कुल भी अपने से बड़े नेताओं की कद्र नहीं करते. उन्होंने कहा कि किसी भी मनुष्य को 40 साल के बाद ही बुद्धि होती है, उससे पहले वो उदंड रहता है. अभी उनको बुद्धि नहीं है इसलिए अनाप-शनाप बोलते रहते हैं.
वहीं, उन्होंने लालू यादव के निर्णय पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब लालू यादव जेल जा रहे थे तो, उन्हें पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता को विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाना चाहिए था. अब्दुलबारी सिद्दीकी को पार्टी का नेता बनाना चाहिए था. लेकिन उन्होंने एक बच्चे (तेजस्वी यादव )को विपक्ष का नेता बनाया. जिस कारण यह सब हो रहा है.
आरजेडी को लगा बड़ा झटका
गौरतलब हो कि रामा सिंह के पार्टी में शामिल करने को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह विरोध कर रहे थे. लेकिन उनके विरोध को दरकिनार किया गया. जिस वजह से आज उन्होंने दिल्ली एम्स में जहां उनका इलाज चल रहा है. वहीं से अपना इस्तीफा लिखकर लालू यादव को भेजा है. बहरहाल बिहार में बड़े जनाधार वाली पार्टी राजद से वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के इस्तीफे से आरजेडी को बड़ा झटका लगा है.