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झारखंड प्रशासनिक सेवा के टॉपर कुमार हर्ष ने ईटीवी भारत को बताया सफलता का राज - झारखंड प्रशासनिक पदाधिकारी

भागलपुर के रहने वाले हर्ष ने झारखंड प्रशासनिक सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर ली है. उनके सफलता हासिल करने के बाद पूरे परिवार में खुशी की लहर दौड़ रही है.

भागलपुर
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Published : Apr 26, 2020, 4:12 PM IST

Updated : Apr 26, 2020, 5:23 PM IST

भागलपुर: जिले के कुमार हर्ष ने छठे झारखंड लोक सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर ली है. कुमार हर्ष को प्रशासनिक कैडर मिला है. इस सफलता को लेकर कुमार हर्ष और उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ रही है. कुमार हर्ष ने अपनी सफलता का राज और खुशियां ईटीवी भारत के साथ शेयर की है.

पेश है एक रिपोर्ट

कुमार हर्ष ने कहा कि इस सफलता को पाने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है. साथ ही साथ उनके पूरे परिवार का सहयोग भी मिला. उनकी इस कामयाबी को हासिल करने में मां-पिता, बहन और बहनोई हैं और पूरे परिवार का योगदान रहा है. इस दौरान मां ने बेटे को मिठाई खिलाकर आशीर्वाद दिया. हर्ष भी मानते हैं कि कुछ भी चीज को पाने के लिए उसे दिल से चाहना काफी जरूरी होता है. उन्होंने कहा कि खुद को सफलता की सूची में पहले से ही शामिल कर लेना भी सफलता का मंत्र है. जिसे मैंने साबित किया है. हर्ष ने कहा कि वे 3 महीने पहले ही खुद को झारखंड प्रशासनिक पदाधिकारी के टॉपर की सूची में शामिल कर चुका थे.

माता-पिता के भरोसा पर खरे उतरे हर्ष
बता दें कि कुमार हर्ष के पिता एनके घोष 2 साल पहले ही रिटायर कर चुके थे. जिसकी वजह से हर्ष पर एक दबाव सा बन गया. फिर भी इस दबाव को हर्ष ने अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया. माता-पिता को भी हर्ष पर पूरा भरोसा था कि एक दिन वह प्रशासनिक सेवा में सफलता प्राप्त करेगा. इसलिए अध्ययन के दौरान माता-पिता ने कभी भी हर्ष को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी और घर की जिम्मेदारियों से पूरी तरह से दूर रखा. वहीं, हर्ष की बहन स्वाति घोष एक निजी बैंक में भागलपुर में ही कार्यरत हैं और हर्ष से बड़ी हैं. उन्होंने भी हमेशा हर्ष को प्रेरणा देने का काम किया और आत्म विश्वास पैदा किया है. इन्हीं तमाम चीजों की वजह से आज हर्ष का नाम टॉपर की सूची में शुमार हुआ है.

रांची सेंट जेवियर्स के छात्र हैं हर्ष
कुमार हर्ष की शिक्षा ज्यादातर भागलपुर से बाहर ही हुई है. रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से हर्ष ने स्नातक की डिग्री पास की है. दो बार कुमार हर्ष ने जेआरएफ की परीक्षा पास की थी. लेकिन हर्ष को प्रशासनिक सेवा में जाने की चाहत काफी ज्यादा थी. इसी वजह से तमाम चीजों को छोड़कर हर्ष ने अपने लक्ष्य को हासिल करने में पूरी मेहनत की. जिसका नतीजा आज सामने है. कुमार हर्ष को मनचाही मंजिल मिल गई है. टॉपर होने की वजह से हर्ष को एडमिनिस्ट्रेटिव कैडर मिला है.

भागलपुर: जिले के कुमार हर्ष ने छठे झारखंड लोक सेवा परीक्षा में सफलता हासिल कर ली है. कुमार हर्ष को प्रशासनिक कैडर मिला है. इस सफलता को लेकर कुमार हर्ष और उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ रही है. कुमार हर्ष ने अपनी सफलता का राज और खुशियां ईटीवी भारत के साथ शेयर की है.

पेश है एक रिपोर्ट

कुमार हर्ष ने कहा कि इस सफलता को पाने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की है. साथ ही साथ उनके पूरे परिवार का सहयोग भी मिला. उनकी इस कामयाबी को हासिल करने में मां-पिता, बहन और बहनोई हैं और पूरे परिवार का योगदान रहा है. इस दौरान मां ने बेटे को मिठाई खिलाकर आशीर्वाद दिया. हर्ष भी मानते हैं कि कुछ भी चीज को पाने के लिए उसे दिल से चाहना काफी जरूरी होता है. उन्होंने कहा कि खुद को सफलता की सूची में पहले से ही शामिल कर लेना भी सफलता का मंत्र है. जिसे मैंने साबित किया है. हर्ष ने कहा कि वे 3 महीने पहले ही खुद को झारखंड प्रशासनिक पदाधिकारी के टॉपर की सूची में शामिल कर चुका थे.

माता-पिता के भरोसा पर खरे उतरे हर्ष
बता दें कि कुमार हर्ष के पिता एनके घोष 2 साल पहले ही रिटायर कर चुके थे. जिसकी वजह से हर्ष पर एक दबाव सा बन गया. फिर भी इस दबाव को हर्ष ने अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया. माता-पिता को भी हर्ष पर पूरा भरोसा था कि एक दिन वह प्रशासनिक सेवा में सफलता प्राप्त करेगा. इसलिए अध्ययन के दौरान माता-पिता ने कभी भी हर्ष को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी और घर की जिम्मेदारियों से पूरी तरह से दूर रखा. वहीं, हर्ष की बहन स्वाति घोष एक निजी बैंक में भागलपुर में ही कार्यरत हैं और हर्ष से बड़ी हैं. उन्होंने भी हमेशा हर्ष को प्रेरणा देने का काम किया और आत्म विश्वास पैदा किया है. इन्हीं तमाम चीजों की वजह से आज हर्ष का नाम टॉपर की सूची में शुमार हुआ है.

रांची सेंट जेवियर्स के छात्र हैं हर्ष
कुमार हर्ष की शिक्षा ज्यादातर भागलपुर से बाहर ही हुई है. रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से हर्ष ने स्नातक की डिग्री पास की है. दो बार कुमार हर्ष ने जेआरएफ की परीक्षा पास की थी. लेकिन हर्ष को प्रशासनिक सेवा में जाने की चाहत काफी ज्यादा थी. इसी वजह से तमाम चीजों को छोड़कर हर्ष ने अपने लक्ष्य को हासिल करने में पूरी मेहनत की. जिसका नतीजा आज सामने है. कुमार हर्ष को मनचाही मंजिल मिल गई है. टॉपर होने की वजह से हर्ष को एडमिनिस्ट्रेटिव कैडर मिला है.

Last Updated : Apr 26, 2020, 5:23 PM IST
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