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गर्मी से हाल-बेहाल, लोगों का भरोसा सुराही, मटका और हाथ पंखा

कुम्हार के द्वारा निर्मित सुराही मटका एवं अन्य सामान की खरीददारी को बढ़ावा देने के लिए कई संस्थाएं और कई लोग कार्य कर रहे हैं. ताकि ऐसे सामानों को तैयार करने वाले कुम्हार आत्मसम्मान के साथ अपनी जिंदगी अपने परिवार के साथ जी सके.

सुराही मटका
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Published : May 14, 2019, 10:15 AM IST

भागलपुर: जैसे-जैसे मौसम का पारा ऊपर चढ़ रहा है. तीखी धूप से लोग परेशान हो रहे हैं. लोग इस चिलचिलाती और उमस भरी गर्मी से राहत पाने को लेकर हर संभव प्रयास कर रहे हैं. साथ ही गर्मी से बचने का उपाय भी ढूंढ रहे हैं. एक तरफ जहां आधुनिक भारत में बेहतरीन क्वालिटी से लैस कूलर और एसी की बिक्री जोरों पर है. वहीं दूसरी तरफ सुराही मटका और हाथ पंखा को भी लोग खूब खरीद रहे हैं.

लोगों ने सुराही और मटके को बताया भरोसेमंद उपाय

एक छोटे दुकान में सुराही बेच रहे शंभू पंडित कहते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस बार की बिक्री काफी बेहतर है. लोग गर्मी से सुकून के लिए सुराही और मटका खरीद रहे हैं. साथ ही साथ शंभू पंडित हाथ पंखा भी बेच रहे हैं. आधुनिक भारत , डिजिटल इंडिया के चीजों के अलावा भी लोग पारंपरिक चीजों को लाइफ लाइन के तौर पर रखना चाहते है. इसलिए शायद फिर से पारंपरिक जीवन शैली के साथ जीने के लिए सुराही और पंखा की खरीदारी कर रहे है.

खरीददारी करते खरीददार

वहीं, एक ग्राहक ने बताया कि सुराही का पानी पीने से गर्मी में काफी राहत मिलती है. फ्रिज का पानी मुझे पसंद नहीं है. बिजली की भी बहुत ज्यादा स्थिति खराब होने की वजह से भी लोगों ने सुराही और मटके को अपना एक भरोसेमंद उपाय के तौर पर देखते हैं. इसलिए गर्मी में लोग सुराही और मटका खरीद कर गर्मी से राहत का उपाय कर लेते हैं.

अच्छी खासी मटके के बिक्री से रोजी रोटी चल रही है- दुकानदार

भागलपुर के घंटाघर के पास सुराही और मटका बेच रहे श्रवण कुमार ने कहा कि इन दिनों जार वाले पानी की वजह से सुराही की बिक्री पर असर पड़ा है. लेकिन लोग अभी भी साल में हर रोज लगभग 35 से 50 के आसपास सुराही और मटका की खरीददारी कर रहे हैं. जिस कारण से इस भीषण गर्मी में रोजी रोटी ठीक से चल रही है.कुम्हार के द्वारा निर्मित सुराही मटका एवं अन्य सामान की खरीददारी को बढ़ावा देने के लिए कई संस्थाएं और कई लोग कार्य कर रहे हैं. ताकि ऐसे सामानों को तैयार करने वाले कुम्हार आत्मसम्मान के साथ अपनी जिंदगी अपने परिवार के साथ जी सके.

भागलपुर: जैसे-जैसे मौसम का पारा ऊपर चढ़ रहा है. तीखी धूप से लोग परेशान हो रहे हैं. लोग इस चिलचिलाती और उमस भरी गर्मी से राहत पाने को लेकर हर संभव प्रयास कर रहे हैं. साथ ही गर्मी से बचने का उपाय भी ढूंढ रहे हैं. एक तरफ जहां आधुनिक भारत में बेहतरीन क्वालिटी से लैस कूलर और एसी की बिक्री जोरों पर है. वहीं दूसरी तरफ सुराही मटका और हाथ पंखा को भी लोग खूब खरीद रहे हैं.

लोगों ने सुराही और मटके को बताया भरोसेमंद उपाय

एक छोटे दुकान में सुराही बेच रहे शंभू पंडित कहते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस बार की बिक्री काफी बेहतर है. लोग गर्मी से सुकून के लिए सुराही और मटका खरीद रहे हैं. साथ ही साथ शंभू पंडित हाथ पंखा भी बेच रहे हैं. आधुनिक भारत , डिजिटल इंडिया के चीजों के अलावा भी लोग पारंपरिक चीजों को लाइफ लाइन के तौर पर रखना चाहते है. इसलिए शायद फिर से पारंपरिक जीवन शैली के साथ जीने के लिए सुराही और पंखा की खरीदारी कर रहे है.

खरीददारी करते खरीददार

वहीं, एक ग्राहक ने बताया कि सुराही का पानी पीने से गर्मी में काफी राहत मिलती है. फ्रिज का पानी मुझे पसंद नहीं है. बिजली की भी बहुत ज्यादा स्थिति खराब होने की वजह से भी लोगों ने सुराही और मटके को अपना एक भरोसेमंद उपाय के तौर पर देखते हैं. इसलिए गर्मी में लोग सुराही और मटका खरीद कर गर्मी से राहत का उपाय कर लेते हैं.

अच्छी खासी मटके के बिक्री से रोजी रोटी चल रही है- दुकानदार

भागलपुर के घंटाघर के पास सुराही और मटका बेच रहे श्रवण कुमार ने कहा कि इन दिनों जार वाले पानी की वजह से सुराही की बिक्री पर असर पड़ा है. लेकिन लोग अभी भी साल में हर रोज लगभग 35 से 50 के आसपास सुराही और मटका की खरीददारी कर रहे हैं. जिस कारण से इस भीषण गर्मी में रोजी रोटी ठीक से चल रही है.कुम्हार के द्वारा निर्मित सुराही मटका एवं अन्य सामान की खरीददारी को बढ़ावा देने के लिए कई संस्थाएं और कई लोग कार्य कर रहे हैं. ताकि ऐसे सामानों को तैयार करने वाले कुम्हार आत्मसम्मान के साथ अपनी जिंदगी अपने परिवार के साथ जी सके.

Intro:ADHUNIK BHARAT ME BHI GARMI SE RAHAT KE LOG KHAREED RAHE HAIN MAKE IN INDIA SURAHI MATKA AUR HAATH PANKHA

जैसे-जैसे मौसम का पारा ऊपर चढ रहा है और तीखी धूप से लोग परेशान लग रहे हैं साथ ही साथ इस चिलचिलाती और उमस भरी गर्मी से राहत को लेकर लोग हर संभव उपाय ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं जहां एक तरफ आधुनिक भारत में बेहतरीन क्वालिटी से लैस कूलर और एसी की बिक्री जोरों पर है वहीं दूसरी तरफ पहले के जमाने में इस्तेमाल होने वाले और गर्मी से राहत देने वाली सुराही मटका और हाथ पंखा का बाजार में भी काफी लोग गर्मी से उपाय ढूंढने के लिए सुराही मटका और हाथ पंखा खरीद रहे हैं जहां एक तरफ कुम्हार के द्वारा निर्मित सुराही मटका एवं अन्य सामान की खरीद को बढ़ावा देने के लिए कई संस्थाएं और कई लोग कार्य कर रहे हैं ताकि ऐसे सामानों को तैयार करने वाले कुम्हार आत्मसम्मान के साथ अपनी जिंदगी अपने परिवार के साथ जी सकते हैं।


Body:एक छोटे से कोने में सुराही बेच रहे शंभू पंडित कहते हैं कि पिछले साल की तुलना में इस बार की बिक्री काफी बेहतर है लोग गर्मी से सुकून के लिए सुराही और मटका खरीद रहे हैं साथ ही साथ शंभू मंडल हाथ पंखा भी बेच रहे हैं आधुनिक भारत डिजिटल इंडिया के चीजो के अलावा भी लोग पारंपरिक चीजों को लाइफ लाइन के तौर पर रखना चाहते है इसलिए शायद फिर से पारंपरिक जीवन शैली के साथ जीने की जुगत में लग गए हैं सुराही की खरीदारी कर रहे एक ग्राहक ने बताया सुराही का पानी पीने के साथ ही गर्मी से काफी ज्यादा राहत मिलती है और फ्रिज का पानी मुझे पसंद नहीं है बिजली की भी बहुत ज्यादा स्थिति खराब होने की वजह से भी लोगों ने सुराही और मटके को अपना एक भरोसेमंद उपाय के तौर पर देखते हैं इसलिए गर्मी में लोग सुराही और मटका खरीद कर गर्मी से राहत का उपाय कर लेते हैं।


Conclusion:भागलपुर के घंटाघर के पास सुराही और मटका बेच रहे श्रवण कुमार बाजार से लाकर सुराही बेचते हैं उनका कहना है इन दिनों जार वाले पानी की वजह से सुराही की बिक्री पर असर पड़ा है लेकिन उनका कहना है कि अभी है इस साल में हर रोज लगभग 35 40 50 के आसपास सुराही और मटका की बिक्री हो जा रही है जिसकी वजह से इस भीषण गर्मी में रोजी रोटी ठीक से चल रही है।

बाइट: शंभू पंडित दुकानदार
बाइट: श्रवण कुमार दुकानदार
बाइट: खरीददार
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