भागलपुरः जिले के सन्हौला प्रखंड स्थित माधवपुर बथानी पंचायत के प्राथमिक विद्यालय केमाचक में समय से पहले स्कूल बंद मिला. ईटीवी भारत की टीम जब स्कूल पहुंची तो उस समय स्कूल में 2:30 बज रहे थे. सिर्फ एक शिक्षिका वहां मौजूद थी. वह भी स्कूल बंद कर के जा रही थी. उन्होंने बताया कि स्कूल बंद नहीं हुआ है. जब वह नाश्ता करने के लिए गईं तो सारे छात्र बाउंड्री वॉल नहीं होने के कारण भाग गए.
50 बच्चे को पढ़ाने के लिए एक टीचर
स्कूल में मौजूद इकलौती शिक्षिका किरण कुमारी ने बताया कि इस स्कूल में 85 छात्र पढ़ते हैं और 3 शिक्षिकाएं पढ़ाती हैं. आज 50 छात्र लगभग उपस्थित थे और मैं अकेले पढ़ा रही थी बाकी दो शिक्षिका मुझे बिना बताए चली गईं. उन्होंने कहा कि रीता कुमारी यहां की प्रधानाचार्य हैं और वह भी बिना बताए आज बीआरसी की मीटिंग में चली गईं.
प्रधानाचार्य को बंद स्कूल की जानकारी नहीं
पूरे स्कूल का जायजा लेने से पता चला कि स्कूल में कोई भी छात्र उपस्थित नहीं है और क्लास में ताला लगा हुआ है. केवल एक रसोईया वहां मौजूद है. इस संबंध में जब प्रधानाचार्य रीता कुमारी से फोन पर बात की गई, तो उन्होंने कहा कि वे बीआरसी की मीटिंग में आई हुई हैं. उन्होंने कहा कि स्कूल में शिक्षिका पढ़ा रही है और स्कूल खुला हुआ है बाकी हमें कुछ नहीं पता.
हम इसमें कुछ नहीं कर सकतेः प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी
इस संबंध में जब हमने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी से पूछा, तो उन्होंने कैमरे के सामने आकर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि आपने जो देखा वही सही है. हम इसमें कुछ नहीं कर सकते. मेरे संज्ञान में जब मामला आएगा. तो हम जवाब मांगेंगे और हम से यदि कोई जवाब मांगेगा तो हम देंगे.
समय से पहले स्कूल बंद होना सरासर गलत
वहीं कहलगांव विधायक सदानंद सिंह ने इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि समय से पहले यदि स्कूल बंद था, तो यह सरासर गलत है. स्कूल में शिक्षक को रहना चाहिए था. साथ ही यदि कोई शिक्षिका कह रही है कि बाउंड्री वॉल नहीं होने के कारण छात्र भाग गए थे. तो यह गलत बात है. छात्र तभी भागते हैं जब शिक्षक नहीं रहते या छात्र को शिक्षक सही से नहीं पढ़ाते. विधायक ने कहा कि इस संबंध में हम जांच करेंगे और कार्रवाई के लिए अधिकारी को पत्र भी लिखेंगे. वहीं उन्होंने अधिकारी द्वारा गैर जिम्मेदार बयान देने पर कहा कि उन्हें अपनी जिम्मेदारी को समझना चाहिए था. उन्हें स्कूल बंद होने के बारे में बताना चाहिए था, जो उन्होंने नहीं बताया.