भागलपुरः बारिश का मौसम शुरू होते ही जिले में विषैले सांप दिखाई देने लगते हैं. इस बार वन विभाग को सांपों की चिंता सताने लगी है. भागलपुर में पाए जाने वाले अधिकांश सांप विषैले नहीं हैं. जिले में तीन सांप ऐसे हैं जो विषैला हैं. लेकिन डर के कारण लोग उसे भी मार देते हैं. वैसे तो भागलपुर में सांपों की लगभग 20 प्रजातियां पाई जाती है और बारिश के मौसम में सांपों के बिल में पानी जमा होने के कारण वह आबादी वाले क्षेत्र में पहुंच जाते हैं. जिसे लोग मार देते हैं.
बारिश में दिखने लगते हैं कई तरह के सांप
अब सांपों को बचाने के लिए वन विभाग ने टोल फ्री नंबर जारी किया है. जिस पर फोन करते ही एक घंटे के अंदर वन विभाग की रेस्क्यू टीम वहां पहुंच जाएगी और सांप को पकड़ कर घने जंगल में छोड़ देगा. वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत सांप संरक्षित श्रेणी में है. सांप को मारना, पकड़ना व दिखावा कर खेल करना अपराध की श्रेणी में आता है.
वन विभाग की अच्छी पहल
वहीं, गंगा किनारे रहने वाले संजय ठाकुर ने बताया कि बाढ़ के दिनों में पानी बढ़ जाता है. जिस वजह से सांप के बिलों में पानी चला जाता है और वह वहां से निकलकर हम लोगों के घरों और दुकानों में चला आता हैं. जिसके बाद हम लोग सांप को देखते ही उसे मार देते हैं. अब वन विभाग ने जो पहल की है. वह काफी अच्छी पहल है. अब हम फोन कर वन विभाग को सांप मिलने की जानकारी देंगे.
सांपों को बचाने की कवायद
वहीं गंगा किनारे बरारी के रहने वाले साजन कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष जब बाढ़ आया था, तो उनके घरों और दुकानों में पानी भर गया था. पानी निकलने के बाद जब चाचा दुकान खोलने के लिए गए, तो वहां सांप था और चाचा को काट लिया था. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. 2 दिन रहने के बाद वह स्वस्थ हुए. सांप को हम लोगों ने पकड़ कर जंगल में छोड़ दिया था. लेकिन अब वन विभाग ने जो रेस्क्यू टीम का गठन किया है. वह बहुत ही सराहनीय काम है. अब सांप मिलने पर उन्हें बुलाया जाएगा.
वन विभाग ने जारी किया टोल फ्री नंबर
डीएफओ एस सुधाकर ने बताया कि बारिश के मौसम में काफी सांप निकलता है. उसके बिल में पानी जाने के कारण वह भीड़भाड़ वाले इलाकों की तरफ भागते हैं और लोग देखते ही उसे मार देते हैं. इसका संरक्षण जरूरी है. इसलिए विभाग ने टोल फ्री नंबर 9430205658 जारी किया है. लोग सुबह 6 बजे से शाम के 8 बजे तक सांप निकलने या बंदर सहित अन्य वन्यजीवों के निकलने की जानकारी दे सकते हैं.
भागलपुर में पाई जाती है सांपों की 20 प्रजातियां
वहीं, जानकारी मिलने के एक घंटे के अंदर रेस्क्यू टीम वहां पहुंचेगी और वहां से सांप को पकड़ कर घने जंगल में छोड़ देगी. वहीं उन्होंने कहा कि किसी लोगों को यदि सांप कहीं दिखाई दे तो उसे पकड़ने का भी प्रयास नहीं करें और ना ही मारने का प्रयास करें. अधिकांश सांप विषैले नहीं है, 3 सांप ही विषैले है, उसे भी नहीं मारे रेस्क्यू टीम को उसकी जानकारी दें. सांप हमारे इकोसिस्टम के लिए बहुत जरूरी है. सांपों की संख्या धीरे-धीरे घटती जा रही है.
गांव के लोग सांप के काटने पर नहीं कराते इलाज
वहीं, सिविल सर्जन डॉ. विजय सिंह ने फोन पर बातचीत में बताया कि सांप काटने से हुई मौत का आंकड़ा पिछले वर्ष सात से आठ था. अधिकतर लोग गांव देहात में सांप काटने पर लेकर अस्पताल नहीं जाते हैं और झाड़-फूंक में लग जाते हैं. जिससे उनकी मौत हो जाती हैं. जिसके कारण उन लोगों का आंकड़ा हम लोगों के पास नहीं आ पाता है.
सांप से बचने के लिए बरते सावधानियां
सांप से बचने के लिए रात में चप्पल पहनकर चले, साथ में टॉर्च रखे, जंगल झाड़ी वाले जगहों पर पैर रखने से पहले सुनिश्चित कर लें कि वहां पहले से कोई सांप बैठा तो नहीं, ईद के ढेर मलवा अनाज, सब्जियों के अवशेष को निवास स्थान से दूर रखना चाहिए. सोने के लिए उची बिस्तर और मच्छरदानी प्रयोग करें. सांपों को काटने के बाद एंटी स्नेक वेनम 65 वायल दवा उपलब्ध है.