भागलपुरः व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-11 अतुल वीर सिंह ने 3 साल की बेटी की हत्या के मामले में दोषी पिता रोशन यादव को उम्र कैद की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माना राशि नहीं देने पर अभियुक्त को 6 माह की अतिरिक्त कारावास काटनी होगी. न्यायाधीश ने अपने फैसले में अभियुक्त पिता को भारतीय दंड विधान संहिता की धारा 302 में उम्र कैद और 50 हजार के जुर्माने के साथ ही साक्ष्य छुपाने के जुर्म में धारा 201 में 3 साल का कारावास और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जिसमें दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी.
उम्रकैद के साथ 50 हजार का जुर्माना
बाथ थाना क्षेत्र के हल्कराचक गांव के रहने वाले रोशन यादव की पत्नी रूणा देवी ने अपने पति पर बेटी की हत्या कर शव कुएं में फेंकने का मुकदमा दर्ज करवाया था. इस केस में विशेष लोक अभियोजक सत्येंद्र कुमार मिश्रा ने पीड़िता रूणा देवी का पक्ष मजबूती से न्यायालय में रखा. जिस पर व्यवहार न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-11 अतुल वीर सिंह बेटी का हत्या के मामले में दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
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चुपके से बेटी को कुएं में फेंका था
घटना वाली रात दोषी पिता ने जब घर में सब लोग सो गए तब वह बीमार बेटी को चुपके से उठाकर बेहियार स्थित एक कुएं में जिंदा फेंक आया. किसी को शक न हो इसके लिए उसने खुद ही सुबह हल्ला मचाया कि उसकी बेटी गायब है. गांव वाले जब बेहियार के कुएं में तैरता शव देखा तब पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने शव निकालकर घर वालों से पूछताछ की तब पत्नी ने घटना से पहले रात झगड़ा वाली बात बताया और कहा कि पति हमेशा बेटी को मार देने की बात करता था. जिस पर पुलिस ने रोशन से सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल किया. दरअसल बच्ची की जन्म के एक साल बाद से ही काफी तबीयत खराब रहती थी. जिसके इलाज में काफी पैसा लग रहा था. इसलिए दोषी बार-बार उसे मारने की बात करता था.