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मंजूषा कला को लेकर पहली बार फैशन शो का आयोजन, युवा कलाकारों ने किया कैटवॉक - मंजूषा पेटिंग से सजे परिधान पहनकर रैंप पर कैटवॉक किया

अंग प्रदेश की मशहूर लोक कला मंजूषा को बढ़ावा देने के लिए कई छात्रों ने भागलपुर में पहली बार मंजूषा पेटिंग से सजे परिधान पहनकर रैंप पर कैटवॉक किया. कैटवॉक करने के बाद सभी छात्र काफी खुश नजर आए.

मंजूषा कला
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Published : Feb 22, 2020, 8:10 AM IST

भागलपुर: अंग प्रदेश की मशहूर लोक कला मंजूषा पेटिंग को लेकर एक फैशन शो का आयोजन किया गया. बता दें कि भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड में 6 दिवसीय मंजूषा महोत्सव सह प्रदर्शनी लगाई गई है. उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान ने इसका आयोजन किया है. अंग प्रदेश की लोक कला मंजूषा को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए हर तरह से संस्थान के साथ-साथ भागलपुर के लोक कलाकारों के जरिए भी लगातार कोशिश की जाती रही है. लेकिन, भागलपुर केजेएस एजुकेशन के बच्चों की तरफ से , इस बार एक नई पहल की गई है. ये सभी बच्चे मूल रूप से फैशन डिजाइनिंग के प्रवेश परीक्षा की पढ़ाई करते हैं.

bhagalpur
रैंप पर कैटवॉक करते छात्र-छात्राएं

कैटवॉक के बाद खुश नजर आए छात्र
अंग प्रदेश की प्राचीन लोक कला मंजूषा का काफी समृद्ध इतिहास रहा है. ऐसा माना जाता है कि पहली बार सती बिहुला ने ही मंजूषा उकेर कर यमराज को दिया था. इसके बाद ही यमराज ने सती बिहुला के पति को जीवित कर दिया था. इस घटना के बाद लोक कला मंजूषा की ख्याति पूरे प्रदेश में फैल गई. अब मंजूषा को बढ़ावा देने के लिए कई छात्रों ने भागलपुर में पहली बार मंजूषा पेटिंग से सजे परिधान पहनकर रैंप पर कैटवॉक किया. कैटवॉक करने के बाद सभी छात्र काफी खुश नजर आए.

देखें पूरी रिपोर्ट

'लोक कला मंजूषा भी बनने जा रही है फैशन स्टेटस'
रैंप पर कैटवॉक करने वाली ऐश्वर्या ने कहा कि शुरूआत में थोड़ा नर्वस फील कर रही थी लेकिन, रैंप पर जाने के बाद अच्छा लगा. वहीं, अंकित ने कहा कि मुझे इस कार्यक्रम मे रैंप पर वॉक करके काफी अच्छा लगा. वहीं, इतिहास पर शोध करने वाले पारिजात सिंह ने कहा कि अंग प्रदेश का बड़ा वैभवशाली इतिहास रहा है और यहां की मंजूषा को लेकर जिस तरह से युवाओं की ओर से फैशन शो किया जा रहा है, लोक कला मंजूषा भी फैशन स्टेटस बनने जा रही है.

भागलपुर: अंग प्रदेश की मशहूर लोक कला मंजूषा पेटिंग को लेकर एक फैशन शो का आयोजन किया गया. बता दें कि भागलपुर के सैंडिस कंपाउंड में 6 दिवसीय मंजूषा महोत्सव सह प्रदर्शनी लगाई गई है. उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान ने इसका आयोजन किया है. अंग प्रदेश की लोक कला मंजूषा को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए हर तरह से संस्थान के साथ-साथ भागलपुर के लोक कलाकारों के जरिए भी लगातार कोशिश की जाती रही है. लेकिन, भागलपुर केजेएस एजुकेशन के बच्चों की तरफ से , इस बार एक नई पहल की गई है. ये सभी बच्चे मूल रूप से फैशन डिजाइनिंग के प्रवेश परीक्षा की पढ़ाई करते हैं.

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रैंप पर कैटवॉक करते छात्र-छात्राएं

कैटवॉक के बाद खुश नजर आए छात्र
अंग प्रदेश की प्राचीन लोक कला मंजूषा का काफी समृद्ध इतिहास रहा है. ऐसा माना जाता है कि पहली बार सती बिहुला ने ही मंजूषा उकेर कर यमराज को दिया था. इसके बाद ही यमराज ने सती बिहुला के पति को जीवित कर दिया था. इस घटना के बाद लोक कला मंजूषा की ख्याति पूरे प्रदेश में फैल गई. अब मंजूषा को बढ़ावा देने के लिए कई छात्रों ने भागलपुर में पहली बार मंजूषा पेटिंग से सजे परिधान पहनकर रैंप पर कैटवॉक किया. कैटवॉक करने के बाद सभी छात्र काफी खुश नजर आए.

देखें पूरी रिपोर्ट

'लोक कला मंजूषा भी बनने जा रही है फैशन स्टेटस'
रैंप पर कैटवॉक करने वाली ऐश्वर्या ने कहा कि शुरूआत में थोड़ा नर्वस फील कर रही थी लेकिन, रैंप पर जाने के बाद अच्छा लगा. वहीं, अंकित ने कहा कि मुझे इस कार्यक्रम मे रैंप पर वॉक करके काफी अच्छा लगा. वहीं, इतिहास पर शोध करने वाले पारिजात सिंह ने कहा कि अंग प्रदेश का बड़ा वैभवशाली इतिहास रहा है और यहां की मंजूषा को लेकर जिस तरह से युवाओं की ओर से फैशन शो किया जा रहा है, लोक कला मंजूषा भी फैशन स्टेटस बनने जा रही है.

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