भागलपुर : बिहार के भागलपुर जिले में गंगा नदी में कटाव (Erosion in Ganga At Bhagalpur) के कारण कई घर गंगा में बह गए है. बड़े पैमाने पर कटाव के कारण दर्जनों घर और पेड़ गंगा में डूब गए है. ग्रामीणों के मुताबिक अभी तक कोई भी उनके बचाव में नहीं आया है. कटवा के कारण गांव के कई परिवार पलायन करने के लिए मजबूर है.
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गंगा नदी में समा गया घर : अकेले भागलपुर जिले के रंगरा प्रखंड के तिनटंगा दियारा पंचायत अंतर्गत ज्ञानी दास टोला में एक सप्ताह में कई घर गंगा नदी में समा चुका (House Drowned In Ganga River) हैं. पिछले दो वर्षों से हो रहे लगातार तेज कटाव होने से अब तक 150 से अधिक लोगों का घर गंगा के कटाव की भेंट चढ़ चुके हैं. इसके अलावे दियारा वासियों के हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन नदी में समा चुकी है.
''पिछले साल 2020 और 2021 में जिन लोगों का घर कटाव की भेंट चढ़ा था, pfmcsx अधिकतर महादलित परिवार के लोग थे. हालांकि बहुत सारे लोग विस्थापित होकर पूर्णिया के रुपौली, कटिहार के फलका, पोठिया, भागलपुर के ओरिया, नवगछिया आदि जगहों पर चले गए हैं. जो लोग यहां बचे उन लोगों के पास जमीन और अन्य विकल्प नहीं रहने के कारण आसपास के विद्यालयों के मैदान में शरण लिए हुए हैं. जहां प्लास्टिक और बोरे की सहायता से बांस से टांग कर अपना जीवन गुजार रहे हैं.'' - महेंद्र राम, ग्रामीण
''हमलोग कटाव पीड़ित परिवार मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहें हैं. हमलोगों को न तो शुद्ध पानी पीने को मिल रहा है और ना ही शौचालय नसीब है. हमलोग धूप बरसात में अपने बच्चों को लेकर किसी सरकारी भवन में सर छुपाने को मजबूर हैं. यहां पर रात के अंधेरों में मोमबत्ती या दीया जलाकर रात गुजार रहे हैं.'' - अगिया देवी, कटाव पीड़ित
इस बीच, DM सुब्रत कुमार सेन ने कहा है कि, ''सबौर में एक जगह पर कटाव हो रहा है। कटाव में अगर गृह क्षति होगी तो गृह क्षति का अनुदान हम अभिलेख स्वीकृत कराकर संबंधित लाभुकों को देंगे."
"पीड़ित परिवारों को सहायता देने के लिए पिछले साल पंचायत स्तर पर आम सभा की बैठक में पीड़ित परिवार को जमीन मुहैया करवाने के लिए सीओ और डीएम को सूची सौंपी गई थी. इसके बावजूद सैकड़ों घर इस वर्ष के भीषण कटाव में फिर समा गए हैं. मगर अबतक कोई देखने वाला नहीं है." - गणेश प्रसाद मंडल, मुखिया, तीनटंगा दियारा दक्षिणी पंचायत