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भागलपुर: वेतन रोके जाने के खिलाफ कुलसचिव के कार्यालय में टीएनबी कॉलेज के कर्मचारियों ने किया हंगामा

विश्वविद्यालय के कुलसचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने 14 कर्मचारी के नियुक्ति को अवैध घोषित किया है. जिसके आधार पर इन लोगों का वेतन रोका गया है और तत्काल इन लोगों से सेवा नहीं लिया जा रहा है.

टीएनबी कॉलेज के कर्मचारियों ने किया हंगामा
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Published : Nov 11, 2019, 6:18 PM IST

भागलपुर: बिहार सरकार ने टीएनबी कॉलेज में कार्यरत 14 कर्मचारियों की सेवा को अवैध करार दिया था. जिसकी वजह से 14 कर्मचारियों के वेतन को रोक दिया गया है. इसी के विरोध में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलसचिव के दफ्तर में अवैध घोषित किए गए कर्मचारियों ने सोमवार को जमकर हंगामा किया. इस दौरान काफी देर तक कुल सचिव और कर्मचारियों के बीच बहस हुई.

कुलसचिव की ओर से भेजा गया था पत्र
राज्य सरकार के आदेश के अनुसार कुलसचिव की ओर से टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य को एक पत्र भेजा गया. जिसमें अवैध घोषित किए गए कर्मचारी से तत्काल सेवा नहीं लेने का आदेश दिया गया. टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय कुमार चौधरी ने पत्र के आलोक में आदेश जारी किया कि अवैध घोषित किए गए सभी कर्मचारी को अगस्त 2019 और उसके आगे के महीने का वेतन नहीं भेजा जाएगा. साथ ही उक्त कर्मियों से महाविद्यालय में सेवा तत्कालिक प्रभाव से अगले आदेश तक सेवा नहीं ली जाएगी. राज्य सरकार की ओर से घोषित किए गए 14 अवैध कर्मचारी में से 3 सेवानिवृत्त हो गये हैं जिसमें से एक की मृत्यु हो गयी है.

पेश है रिपोर्ट

11 सितंबर 2014 को दिया गया निर्णय
बता दें कि 1987 में तत्कालीन प्राचार्य की ओर से बहाल किए गए इन कर्मचारियों के मामले में शिक्षा विभाग के विशेष सचिव ने सुनवाई कर 11 सितंबर 2014 को निर्णय दिया था कि इन कर्मचारियों की नियुक्ति गलत है. तत्कालीन शिक्षा सचिव ने तब इस तरह की बहाली से जुड़े एक पुराने मामले में कोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया था. इसी तरह इन 14 कर्मचारियों के मामले में भी प्राचार्य नियुक्ति करने के लिए अधिकृत नहीं थे और बहाली असृजित और अस्वीकृत पद पर हुई थी.

tnb college employee created ruckus in bhgalpur
कर्मचारियों को समझाते कुलसचिव

14 नवंबर तक होगी मामले की जांच
कर्मचारी और कुलसचिव के बीच करीब 1 घंटे बहस होने के बाद समझौता हुआ. कुलसचिव ने 14 नवंबर तक मामले की जांच करने की बात कहकर कर्मचारियों को शांत किया. टीएनबी कॉलेज के कर्मचारी अमरेंद्र झा ने कहा कि टीएनबी कॉलेज के 14 कर्मचारियों के साथ अन्याय हुआ है. कुलसचिव ने 14 नवंबर तक समस्या का समाधान करने की बात कही है.

tnb college employee created ruckus in bhgalpur
अमरेंद्र झा, कर्मचारी

कुलपति के आने के बाद होगी कार्रवाई
विश्वविद्यालय के कुलसचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने 14 कर्मचारी के नियुक्ति को अवैध घोषित किया है. जिसके आधार पर इन लोगों का वेतन रोका गया है और तत्काल इन लोगों से सेवा नहीं लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमने उन्हें 14 नवंबर तक रुकने के लिए कहा है. एक-दो दिन में कुलपति विश्वविद्यालय आएंगे. उनसे मिलकर इन लोगों की समस्या पर चर्चा करेंगे. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

भागलपुर: बिहार सरकार ने टीएनबी कॉलेज में कार्यरत 14 कर्मचारियों की सेवा को अवैध करार दिया था. जिसकी वजह से 14 कर्मचारियों के वेतन को रोक दिया गया है. इसी के विरोध में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलसचिव के दफ्तर में अवैध घोषित किए गए कर्मचारियों ने सोमवार को जमकर हंगामा किया. इस दौरान काफी देर तक कुल सचिव और कर्मचारियों के बीच बहस हुई.

कुलसचिव की ओर से भेजा गया था पत्र
राज्य सरकार के आदेश के अनुसार कुलसचिव की ओर से टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य को एक पत्र भेजा गया. जिसमें अवैध घोषित किए गए कर्मचारी से तत्काल सेवा नहीं लेने का आदेश दिया गया. टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय कुमार चौधरी ने पत्र के आलोक में आदेश जारी किया कि अवैध घोषित किए गए सभी कर्मचारी को अगस्त 2019 और उसके आगे के महीने का वेतन नहीं भेजा जाएगा. साथ ही उक्त कर्मियों से महाविद्यालय में सेवा तत्कालिक प्रभाव से अगले आदेश तक सेवा नहीं ली जाएगी. राज्य सरकार की ओर से घोषित किए गए 14 अवैध कर्मचारी में से 3 सेवानिवृत्त हो गये हैं जिसमें से एक की मृत्यु हो गयी है.

पेश है रिपोर्ट

11 सितंबर 2014 को दिया गया निर्णय
बता दें कि 1987 में तत्कालीन प्राचार्य की ओर से बहाल किए गए इन कर्मचारियों के मामले में शिक्षा विभाग के विशेष सचिव ने सुनवाई कर 11 सितंबर 2014 को निर्णय दिया था कि इन कर्मचारियों की नियुक्ति गलत है. तत्कालीन शिक्षा सचिव ने तब इस तरह की बहाली से जुड़े एक पुराने मामले में कोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया था. इसी तरह इन 14 कर्मचारियों के मामले में भी प्राचार्य नियुक्ति करने के लिए अधिकृत नहीं थे और बहाली असृजित और अस्वीकृत पद पर हुई थी.

tnb college employee created ruckus in bhgalpur
कर्मचारियों को समझाते कुलसचिव

14 नवंबर तक होगी मामले की जांच
कर्मचारी और कुलसचिव के बीच करीब 1 घंटे बहस होने के बाद समझौता हुआ. कुलसचिव ने 14 नवंबर तक मामले की जांच करने की बात कहकर कर्मचारियों को शांत किया. टीएनबी कॉलेज के कर्मचारी अमरेंद्र झा ने कहा कि टीएनबी कॉलेज के 14 कर्मचारियों के साथ अन्याय हुआ है. कुलसचिव ने 14 नवंबर तक समस्या का समाधान करने की बात कही है.

tnb college employee created ruckus in bhgalpur
अमरेंद्र झा, कर्मचारी

कुलपति के आने के बाद होगी कार्रवाई
विश्वविद्यालय के कुलसचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने 14 कर्मचारी के नियुक्ति को अवैध घोषित किया है. जिसके आधार पर इन लोगों का वेतन रोका गया है और तत्काल इन लोगों से सेवा नहीं लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमने उन्हें 14 नवंबर तक रुकने के लिए कहा है. एक-दो दिन में कुलपति विश्वविद्यालय आएंगे. उनसे मिलकर इन लोगों की समस्या पर चर्चा करेंगे. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Intro:बिहार सरकार ने टीएनबी कॉलेज में कार्यरत 14 कर्मचारियों की सेवा को अवैध करार दिया था , जिसके कारण 14 कर्मचारियों के वेतन को रोक दिया गया है । उसी के विरोध में तिलकामांझी मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलसचिव के दफ्तर में अवैध घोषित किए गए कर्मचारियों ने सोमवार को जमकर हंगामा किया । इस दौरान काफी देर तक कुल सचिव और कर्मचारियों के बीच तू तू मैं मैं होती रही ।


राज्य सरकार के आदेश के अनुसार कुलसचिव द्वारा टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य को एक पत्र भेजा गया जिसमें अवैध घोषित किए गए कर्मचारी से तत्काल सेवा नहीं लेने का आदेश दिया गया । टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय कुमार चौधरी ने पत्र के आलोक में आदेश जारी किया कि अवैध घोषित किए गए सभी कर्मचारी को अगस्त 2019 एवं उसके आगे के महीने का वेतन दवा नहीं भेजा जाएगा और उक्त कर्मियों से महाविद्यालय में सेवा तत्कालिक प्रभाव से अगले आदेश तक सेवा नहीं ली जाएगी ।
राज्य सरकार द्वारा घोषित किए गए 14 अवैध कर्मचारी में से 3 सेवानिवृत्त हो गये हैं जिसमें से एक की मृत्यु हो गयी है ।


मालूम हो कि 1987 में तत्कालीन प्राचार्य द्वारा बहाल किए गए इन कर्मचारियों के मामले में शिक्षा विभाग के विशेष सचिव ने सुनवाई कर एक 11 सितंबर 2014 को निर्णय दिया था कि इन कर्मचारियों की नियुक्ति गलत है । तत्कालीन शिक्षा सचिव ने तब इस तरह की बहाली से जुड़े एक पुराने मामले में कोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया था । इसी तरह इन 14 कर्मचारियों के मामले में भी प्राचार्य नियुक्ति करने के लिए अधिकृत नहीं थे और बहाली असृजित और अस्वीकृत पद पर हुई थी ।


कर्मचारी और कुलसचिव के बीच करीब 1 घंटे तू तू मैं मैं होने के बाद समझौता हुआ । कुलसचिव ने 14 नवंबर तक मामले की जांच करने की बात कहकर कर्मचारियों को शांत किया ।


Body:टीएनबी कॉलेज के कर्मचारी अमरेंद्र झा का कहना है कि उन लोगों को सेवा में 1987 में आने के बाद से जुलाई 2019 तक का वेतन और बकाए का भुगतान हुआ है । अमरेंद्र झा ने कहा कि कुलाधिपति एवं हाई कोर्ट के द्वारा अवमाननावाद में पारित आदेश के आलोक में 32 वर्षों से वेतन भुगतान पा रहे है ।टीएनबी कॉलेज के 14 कर्मचारियों के साथ अन्याय हुआ है । उन्होंने कहा कि सरकार के विशेष सचिव के सुनवाई प्रतिवेदन जिसके विरुद्ध हाई कोर्ट में याचिका दायर की जा चुकी है इसके बावजूद राज्य सरकार के विशेष सचिव के पत्र के आधार पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा 14 कर्मचारियों का कॉलेज की सूची से प्राचार्य द्वारा नाम हटाया गया है ,जिस कारण वेतन रुका है । आज हम लोग उसको लेकर कुलसचिव से मिलने आए थे । अमरेंद्र झा ने कहा कि कुलसचिव ने 14 नवंबर तक समस्या का समाधान करने की बात कही है ।


विश्वविद्यालय के कुलसचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने 14 कर्मचारी के नियुक्ति को अवैध घोषित किया है । जिसके आधार पर इन लोगों का वेतन रोका गया है और तत्काल इन लोगों से सेवा नहीं लिया जा रहा है । इसी के विरोध में शआज यहां हमसे मिलने आए थे । हमने उन्हें 14 नवंबर तक रुकने के लिए कहा है एक-दो दिन में कुलपति विश्वविद्यालय आएंगे उनसे मिलकर इन लोगों की समस्या पर चर्चा करेंगे । इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी । उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों का कहना था कि अवैध घोषित का पत्र मिलने के बाद हाईकोर्ट में याचिका डायल किया गया है जहां मामला लंबित है , इसलिए वेतन नहीं रोका जाना चाहिए था, जिसको लेकर कर्मचारी यहां आए थे ।


Conclusion:visual
byte - अमरेंद्र कुमार झा ( टीएनबी कॉलेज कर्मचारी )
byte - अरुण कुमार सिंह ( कुलसचिव )

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