भागलपुर: बिहार सरकार ने टीएनबी कॉलेज में कार्यरत 14 कर्मचारियों की सेवा को अवैध करार दिया था. जिसकी वजह से 14 कर्मचारियों के वेतन को रोक दिया गया है. इसी के विरोध में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलसचिव के दफ्तर में अवैध घोषित किए गए कर्मचारियों ने सोमवार को जमकर हंगामा किया. इस दौरान काफी देर तक कुल सचिव और कर्मचारियों के बीच बहस हुई.
कुलसचिव की ओर से भेजा गया था पत्र
राज्य सरकार के आदेश के अनुसार कुलसचिव की ओर से टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य को एक पत्र भेजा गया. जिसमें अवैध घोषित किए गए कर्मचारी से तत्काल सेवा नहीं लेने का आदेश दिया गया. टीएनबी कॉलेज के प्राचार्य डॉ संजय कुमार चौधरी ने पत्र के आलोक में आदेश जारी किया कि अवैध घोषित किए गए सभी कर्मचारी को अगस्त 2019 और उसके आगे के महीने का वेतन नहीं भेजा जाएगा. साथ ही उक्त कर्मियों से महाविद्यालय में सेवा तत्कालिक प्रभाव से अगले आदेश तक सेवा नहीं ली जाएगी. राज्य सरकार की ओर से घोषित किए गए 14 अवैध कर्मचारी में से 3 सेवानिवृत्त हो गये हैं जिसमें से एक की मृत्यु हो गयी है.
11 सितंबर 2014 को दिया गया निर्णय
बता दें कि 1987 में तत्कालीन प्राचार्य की ओर से बहाल किए गए इन कर्मचारियों के मामले में शिक्षा विभाग के विशेष सचिव ने सुनवाई कर 11 सितंबर 2014 को निर्णय दिया था कि इन कर्मचारियों की नियुक्ति गलत है. तत्कालीन शिक्षा सचिव ने तब इस तरह की बहाली से जुड़े एक पुराने मामले में कोर्ट के आदेश का हवाला भी दिया था. इसी तरह इन 14 कर्मचारियों के मामले में भी प्राचार्य नियुक्ति करने के लिए अधिकृत नहीं थे और बहाली असृजित और अस्वीकृत पद पर हुई थी.
![tnb college employee created ruckus in bhgalpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5029757_pic.jpg)
14 नवंबर तक होगी मामले की जांच
कर्मचारी और कुलसचिव के बीच करीब 1 घंटे बहस होने के बाद समझौता हुआ. कुलसचिव ने 14 नवंबर तक मामले की जांच करने की बात कहकर कर्मचारियों को शांत किया. टीएनबी कॉलेज के कर्मचारी अमरेंद्र झा ने कहा कि टीएनबी कॉलेज के 14 कर्मचारियों के साथ अन्याय हुआ है. कुलसचिव ने 14 नवंबर तक समस्या का समाधान करने की बात कही है.
![tnb college employee created ruckus in bhgalpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/5029757_pic-2.jpg)
कुलपति के आने के बाद होगी कार्रवाई
विश्वविद्यालय के कुलसचिव अरुण कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने 14 कर्मचारी के नियुक्ति को अवैध घोषित किया है. जिसके आधार पर इन लोगों का वेतन रोका गया है और तत्काल इन लोगों से सेवा नहीं लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमने उन्हें 14 नवंबर तक रुकने के लिए कहा है. एक-दो दिन में कुलपति विश्वविद्यालय आएंगे. उनसे मिलकर इन लोगों की समस्या पर चर्चा करेंगे. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.