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भागलपुर: फ्लैग मार्च के दौरान पुलिस और ग्रामीणों में भिड़ंत, फायरिंग में एक युवक जख्मी

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Published : Jul 10, 2022, 10:57 AM IST

बकरीद के अवसर पर रंगरा ओपी पुलिस द्वारा निकाले गए फ्लैग मार्च में ग्रामीणों और पुलिस (Flag march In naugachhiya for Bakrid) के बीच झड़प हुई है. इसी बीच फायरिंग में एक युवक घायल हो गया. पढ़ें पूरी खबर...

भागलपुर में बकरीद
भागलपुर में बकरीद

भागलपुर: बकरीद पर्व से एक दिन पहले बिहार के भागलपुर में पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई है. जिले के नवगछिया क्षेत्र में पुलिस फ्लैग मार्च निकालकर लोगों से शांति की अपील कर रही थी. इसी क्रम में साधोपुर गांव में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हो गई. इस झड़प में एक किशोर को गोली लग गई, वहीं दो दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गये. इस हिंसक झड़प के बाद पुलिस ने पूरे गांव को देर रात तक छावनी में तब्दील कर दिया.

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दरअसल, मामला यह था कि नवगछिया के कुछ इलाकों में जिला पुलिस के जवान बकरीद पर्व को लेकर फ्लैग मार्च निकालकर शांति की अपील कर रहे थे. वहीं, साधोपुर गांव के ग्रामीणों ने पुलिस पर नाबालिग को गोली मार घायल करने का आरोप लगाते हुए हिंसक झड़प करते हुए कुछ पुलिस वालों को बंधक बना लिया. वहीं सूचना मिलने पर पहुंचे पुलिसबलों ने जबावी कार्रवाई करते हुए गांव में हवाई फायरिंग की.

इस घटना में रंगरा ओपी थानाध्यक्ष माहताब खान समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गये. वहीं इस झड़प की शुरुआत में हुए कथित रूप से पुलिस फायरिंग में घायल हुए राजीव कुमार(14 वर्ष) पिता (स्व:अरूण मंडल) को इलाज के लिए नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में भर्ती किया गया. जहां से डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए भागलपुर मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया. ग्रामीणों के द्वारा पुलिस की कथित गोलीबारी में राजीव कुमार के जांघ में गोली लगी है. वहीं इस झड़प में घायल पुलिसकर्मियों में रंगरा थानाध्यक्ष माहताब खान, पीएसआई शशि कुमार, एसडीपीओ का गार्ड शशि कुमार साह, सिपाही पवन कुमार यादव, हवलदार महेश कुमार राय, सहित कुल 26 पुलिसकर्मी और चौकीदार शामिल है.

इस हिंसक झड़प में घायल हुए एसडीपीओ के गार्ड शशि कुमार साह का इलाज नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में चल रहा है, जबकि 17 पुलिसकर्मियों का इलाज रंगरा सीएचसी में कराया गया. उसके बाद अन्य कर्मियों को स्थानीय स्तर पर किया गया. वहीं इस हिंसक घटना में पुलिसवालों ने ग्रामीणों पर आरोप लगाया है कि ग्रामीणों ने एक पुलिसकर्मी का कारतूस से भरे मैगजीन को तोड़ दिया. पुलिस के पास कुल 20 कारतूस थे जिनमें मात्र चार कारतूस एकत्र किया और 16 कारतूस गायब है.

वहीं, ग्रामीणों ने एसडीपीओ गार्ड के पिस्टल को क्षतिग्रस्त कर दिया और रंगरा पुलिस के वाहन और पुलिस की नौ मोटरसाइकिल को भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने कुल चार राउंड गोलीबारी की है. वहीं पुलिस आत्मरक्षा के लिए हवाई फायरिंग की बात बोल रही है. घटना के बाद नवगछिया के एसडीपीओ दिलीप कुमार उसी गांव में कैंप कर रहे हैं. साधोपुर गांव को पुलिस छावनी में तब्दील किया गया है.

साधोपुर के ग्रामीणों का आरोप है कि दोपहर बाद रंगरा के थानाध्यक्ष माहताब खान, पीएसआई शशि कुमार और अन्य पुलिसकर्मी एक हत्याकांड में आरोपी वरुण मंडल को गिरफ्तार करने गांव में आये थे. वरुण मंडल लंबे समय से गांव नहीं आया है. पुलिस ने वरूण मंडल के भतीजे राजीव कुमार से वरुण का पता पूछने लगे. वहीं किशोर राजीव ट्यूशन पढ़ने जा रहा था तो उसने जानकारी नहीं होने की बात कही. उसके बाद पुलिस ने राजीव के साथ सख्ती की. उसके बावजूद भी राजीव इनकार कर रहा था.

पुलिस पर ग्रामीणों का यह आरोप है कि रंगरा ओपी थानाध्यक्ष माहताब खान उसके बाद गुस्से में आ गये और अपने पिस्तौल से राजीव के पैर में गोली मार दी. जिसके बाद पुलिस बलों को वहां पर ग्रामीणों ने बंधक बना लिया. जिसके बाद गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल आकर गांव की कई महिलाओं और पुरूषों को लाठी डंडे से जबरदस्त पिटाई कर दी.

इस झड़प के बाद गांव के कुछ लड़के तीन जिंदा कारतूस भी दिखा रहे थे. उन लड़कों ने अधिकारी को बताया कि पुलिस ने जब उनलोगों पर हमला बोला, उसी समय कारतूस जमीन पर गिर गया था. ग्रामीणों ने एसपी को बताया कि पुलिस ने बेवजह इस तरह की कार्रवाई की है. रंगरा थाना के सभी पुलिसकर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई होनी चाहिए.



ये भी पढ़ें-राहत: अब 1 KM पैदल चलकर दरभंगा एयरपोर्ट जाने का झंझट खत्म, नए ब्रिज बनने से सीधे टर्मिनल तक जाएंगे यात्री

एसपी ने क्या कहा? : वहीं एसपी सुशांत कुमार सरोज (SP Sushant Kumar Saroj) ने बताया कि प्रखंड में बकरीद को लेकर फ्लैग मार्च निकाला गया था. फ्लैग मार्च सधुवा इलाके से शुरू किया गया था. रंगरा, मुरली, बनिया होते हुए सघोपुर के रास्ते सभी पुलिसकर्मी जहांगीरपुर जाने वाले थे. पुलिस के द्वारा फ्लैग मार्च के दौरान दोहरे हत्याकांड का इनामी अपराधी वरूण मंडल अपने घर में बैठा हुआ था. जब पुलिस करीब पहुंची तो पुलिस को देखते ही वरूण ने गोली चला दी. गोली की आवाज सुनते ही जब पुलिसकर्मी नजदीक पहुंचे तो देखा कि गांव के ही किशोर राजीव कुमार को गोली लगी है. इसके बाद वहां के ग्रामीणों ने पुलिस पर गोली मारकर घायल करने का आरोप लगाते हुए गाली गलौज करने लगे. उसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया और पुलिसकर्मियों को बंधक बना कर सड़क जाम कर उपद्रव करने लगे.

भागलपुर: बकरीद पर्व से एक दिन पहले बिहार के भागलपुर में पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हुई है. जिले के नवगछिया क्षेत्र में पुलिस फ्लैग मार्च निकालकर लोगों से शांति की अपील कर रही थी. इसी क्रम में साधोपुर गांव में पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हो गई. इस झड़प में एक किशोर को गोली लग गई, वहीं दो दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गये. इस हिंसक झड़प के बाद पुलिस ने पूरे गांव को देर रात तक छावनी में तब्दील कर दिया.

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दरअसल, मामला यह था कि नवगछिया के कुछ इलाकों में जिला पुलिस के जवान बकरीद पर्व को लेकर फ्लैग मार्च निकालकर शांति की अपील कर रहे थे. वहीं, साधोपुर गांव के ग्रामीणों ने पुलिस पर नाबालिग को गोली मार घायल करने का आरोप लगाते हुए हिंसक झड़प करते हुए कुछ पुलिस वालों को बंधक बना लिया. वहीं सूचना मिलने पर पहुंचे पुलिसबलों ने जबावी कार्रवाई करते हुए गांव में हवाई फायरिंग की.

इस घटना में रंगरा ओपी थानाध्यक्ष माहताब खान समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गये. वहीं इस झड़प की शुरुआत में हुए कथित रूप से पुलिस फायरिंग में घायल हुए राजीव कुमार(14 वर्ष) पिता (स्व:अरूण मंडल) को इलाज के लिए नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में भर्ती किया गया. जहां से डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उसे बेहतर इलाज के लिए भागलपुर मायागंज अस्पताल रेफर कर दिया. ग्रामीणों के द्वारा पुलिस की कथित गोलीबारी में राजीव कुमार के जांघ में गोली लगी है. वहीं इस झड़प में घायल पुलिसकर्मियों में रंगरा थानाध्यक्ष माहताब खान, पीएसआई शशि कुमार, एसडीपीओ का गार्ड शशि कुमार साह, सिपाही पवन कुमार यादव, हवलदार महेश कुमार राय, सहित कुल 26 पुलिसकर्मी और चौकीदार शामिल है.

इस हिंसक झड़प में घायल हुए एसडीपीओ के गार्ड शशि कुमार साह का इलाज नवगछिया अनुमंडल अस्पताल में चल रहा है, जबकि 17 पुलिसकर्मियों का इलाज रंगरा सीएचसी में कराया गया. उसके बाद अन्य कर्मियों को स्थानीय स्तर पर किया गया. वहीं इस हिंसक घटना में पुलिसवालों ने ग्रामीणों पर आरोप लगाया है कि ग्रामीणों ने एक पुलिसकर्मी का कारतूस से भरे मैगजीन को तोड़ दिया. पुलिस के पास कुल 20 कारतूस थे जिनमें मात्र चार कारतूस एकत्र किया और 16 कारतूस गायब है.

वहीं, ग्रामीणों ने एसडीपीओ गार्ड के पिस्टल को क्षतिग्रस्त कर दिया और रंगरा पुलिस के वाहन और पुलिस की नौ मोटरसाइकिल को भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है. ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने कुल चार राउंड गोलीबारी की है. वहीं पुलिस आत्मरक्षा के लिए हवाई फायरिंग की बात बोल रही है. घटना के बाद नवगछिया के एसडीपीओ दिलीप कुमार उसी गांव में कैंप कर रहे हैं. साधोपुर गांव को पुलिस छावनी में तब्दील किया गया है.

साधोपुर के ग्रामीणों का आरोप है कि दोपहर बाद रंगरा के थानाध्यक्ष माहताब खान, पीएसआई शशि कुमार और अन्य पुलिसकर्मी एक हत्याकांड में आरोपी वरुण मंडल को गिरफ्तार करने गांव में आये थे. वरुण मंडल लंबे समय से गांव नहीं आया है. पुलिस ने वरूण मंडल के भतीजे राजीव कुमार से वरुण का पता पूछने लगे. वहीं किशोर राजीव ट्यूशन पढ़ने जा रहा था तो उसने जानकारी नहीं होने की बात कही. उसके बाद पुलिस ने राजीव के साथ सख्ती की. उसके बावजूद भी राजीव इनकार कर रहा था.

पुलिस पर ग्रामीणों का यह आरोप है कि रंगरा ओपी थानाध्यक्ष माहताब खान उसके बाद गुस्से में आ गये और अपने पिस्तौल से राजीव के पैर में गोली मार दी. जिसके बाद पुलिस बलों को वहां पर ग्रामीणों ने बंधक बना लिया. जिसके बाद गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल आकर गांव की कई महिलाओं और पुरूषों को लाठी डंडे से जबरदस्त पिटाई कर दी.

इस झड़प के बाद गांव के कुछ लड़के तीन जिंदा कारतूस भी दिखा रहे थे. उन लड़कों ने अधिकारी को बताया कि पुलिस ने जब उनलोगों पर हमला बोला, उसी समय कारतूस जमीन पर गिर गया था. ग्रामीणों ने एसपी को बताया कि पुलिस ने बेवजह इस तरह की कार्रवाई की है. रंगरा थाना के सभी पुलिसकर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई होनी चाहिए.



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एसपी ने क्या कहा? : वहीं एसपी सुशांत कुमार सरोज (SP Sushant Kumar Saroj) ने बताया कि प्रखंड में बकरीद को लेकर फ्लैग मार्च निकाला गया था. फ्लैग मार्च सधुवा इलाके से शुरू किया गया था. रंगरा, मुरली, बनिया होते हुए सघोपुर के रास्ते सभी पुलिसकर्मी जहांगीरपुर जाने वाले थे. पुलिस के द्वारा फ्लैग मार्च के दौरान दोहरे हत्याकांड का इनामी अपराधी वरूण मंडल अपने घर में बैठा हुआ था. जब पुलिस करीब पहुंची तो पुलिस को देखते ही वरूण ने गोली चला दी. गोली की आवाज सुनते ही जब पुलिसकर्मी नजदीक पहुंचे तो देखा कि गांव के ही किशोर राजीव कुमार को गोली लगी है. इसके बाद वहां के ग्रामीणों ने पुलिस पर गोली मारकर घायल करने का आरोप लगाते हुए गाली गलौज करने लगे. उसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस पर हमला कर दिया और पुलिसकर्मियों को बंधक बना कर सड़क जाम कर उपद्रव करने लगे.

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