भागलपुर : बिहार में एक तरफ सुशासन का दावा किया जा रहा है और दूसरी तरफ ऐसी घटनाएं हो रही है, जो इस दावे की पोल खोल दे रही है. दरअसल, भागलपुर में एक मुखिया ने अधिकारियों के सामने अपने पंचायत के दो लोगों को बुरी तरह से पीट डाला. इस घटना के बाद लोकपाल भी सहमें नजर आए और खुद को असुरक्षित बताया. गौरतलब हो कि भागलपुर के लोकपाल कार्यालय में मारपीट की घटना सामने आई है. यहां सुनवाई के दौरान ही आरोपी मुखिया ने शिकायतकर्ता को पीट दिया.
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मुखिया पर घोटाला करने का आरोप : मिली जानकारी के अनुसार भागलपुर समाहरणालय स्थित लोकपाल कार्यालय में मनरेगा में 62 लाख 98 हजार रुपये के घोटाले की सुनवाई चल रही थी. मदरौनी पंचायत के मुखिया अजीत कुमार सिंह उर्फ मुन्ना पर पंचायत के ही एक परिवार ने आरोप लगाया था. इसी शिकायत की सुनवाई लोकपाल आलोक कुमार मिश्रा कर रहे थे. इसी दौरान आरोपी दबंग मुखिया ने शिकायतकर्ता पिता-पुत्र से मारपीट शुरू कर दी.
लोकपाल की सुनवाई के दौरान की पिटाई : बताया जाता है कि मुखिया अजीत सिंह ने दोनों बाप-बेटे को बुरी तरह पीटा. इस घटना को देख लोकपाल कार्यालय से तुरंत पुलिस को सूचना दी गई. सूचना मिलते ही पुलिस वहां पहुंची और दोनों बाप-बेटे और आरोपी मुखिया को थाने ले गई. पुलिस ने घायल पिता-पुत्र को इंजरी कटा कर इलाज के लिए भेज दिया. वहीं दूसरी ओर मुखिया ने भी थाने में लिखित शिकायत की है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
मारपीट के वक्त मौजूद थे कई पदाधिकारी : पीड़ित पिता अमरेंद्र कुमार ने बताया कि मुखिया अजीत कुमार सिंह काफी दबंग हैं. पंचायत के हर काम में मनमानी करते हैं और इसके खिलाफ आवाज उठाने वाले की पिटाई कर देते हैं. मैंने मनरेगा में 63 लाख रुपये के घोटाला को लेकर विभाग को आवेदन दिया था और स्थल जांच की बात कही थी. इसी मामले की आज लोकपाल सुनवाई कर रहे थे, तभी यह घटना हुई. वहीं अमरेंद्र कुमार के पुत्र ब्रजेश सिंह ने कहा कि सुनवाई चल ही रही थी, तभी मुखिया गाली गलौज करने लगे.
"लोकपाल पदाधिकारी के सामने ही मुखिया अजीत सिंह मुन्ना मेरे पिता और मुझसे मारपीट करने लगे और मारकर घायल कर दिया. उस समय वहां लोकपाल के अलावा भी कई पदाधिकारी मौजूद थे". - ब्रजेश सिंह, पीड़ित
लोकपाल कार्यालय में सुरक्षा पर उठे सवाल: इस मामले को लेकर लोकपाल आलोक मिश्रा का कहना है कि मदरौनी पंचायत के मुखिया अजित कुमार सिंह उर्फ मुन्ना के खिलाफ अमरेंद्र कुमार और उसके बेटे बृजेश कुमार ने शिकायत की थी. इसी मामले को लेकर आज सुनवाई थी. मैं बुक देख ही रहा था तभी दोनों में झड़प हो गई. इस कार्यालय में हमलोग बिल्कुल असुरक्षित हैं. कभी भी कुछ हो सकता है. मैंने इससे पहले जिलाधिकारी एवं अन्य वरीय पदाधिकारी को सुरक्षा को लेकर आवेदन भी दिया है, लेकिन अभी तक कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई है.
"मुखिया अजित कुमार सिंह के खिलाफ शिकायत की सुनवाई हो रही थी. इसी दौरान दोनों पक्ष में पहले काफी तीखी बहस चल रही थी. मैंने इस पर ध्यान नहीं दिया, अचानक से दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए. यहां सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है. काम करने में भी काफी डर लगता है".- आलोक मिश्रा, लोकपाल