भागलपुर: 28 नवंबर से दिल्ली बॉर्डर पर विभिन्न किसान संगठन केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में किसान संगठनों ने 26 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया है. जिसका समर्थन कांग्रेस पार्टी भी कर रही है.
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''बिहार में भारत बंद का असर दिखाई देगा. भारत बंद को जनता का भरपूर साथ मिलेगा. इसके अलावा बिहार में जिस तरह से सदन में विधायकों के साथ घिनौना कृत्य हुआ है, उसके खिलाफ भी हम लोग प्रदर्शन करेंगे और दोषी पदाधिकारी को बर्खास्त करने की मांग करेंगे''- अजीत शर्मा, कांग्रेस विधायक दल के नेता
पुलिसिया कार्रवाई से दबाया प्रदर्शन
कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि बिहार में पुलिस कानून के खिलाफ सदन में विपक्ष ने प्रदर्शन किया और उस प्रदर्शन को दबाने के लिए सरकार ने जिस तरह से पुलिसिया कार्रवाई की है. उसके खिलाफ भी प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि विधायक को जूते से मारना जनता को जूते से मारने के बराबर है, क्योंकि जनता ने ही विधायक को चुनकर भेजा है और वो जनता की आवाज को सदन में रखने का काम करते हैं.
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कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन
उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है, ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पुलिसकर्मी को बर्खास्त करने की मांग करते हैं और साथ ही जब तक कृषि कानून को भारत सरकार वापस नहीं ले लेती है, कांग्रेस पार्टी किसानों के आंदोलन का समर्थन करती रहेगी. उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती रहेगी.
26 मार्च को किसानों का भारत बंद
बता दें कि 26 मार्च को कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए 4 महीने पूरे हो जाएंगे. इसी अवसर किसान संगठनों ने भारत बंद की घोषणा की है. शुक्रवार सुबह 6 बजे से शाम के 6 बजे तक भारत बंद रहेगा. इस दौरान किसान कृषि कानून की प्रति को जलाकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे. किसान संगठनों ने शुक्रवार को सुबह 6 बजे से शाम के 6 बजे तक सभी दुकानें, डेयरी और हर चीज को बंद करने का निर्णय लिया है.
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किसानों की शांतिपूर्ण आंदोलन की अपील
वहीं, मेडिकल सोर्सेस और जरूरी सेवा को नहीं रोका जाएगा. इस दौरान किसी को परेशान नहीं करने की अपील की गई है. किसान संगठनों ने अपील की है कि कोई फैक्ट्री, कंपनी बंद नहीं कराई जाएगी और ना ही सड़क को जाम किया जाएगा. वाहनों को भी जहां-तहां नहीं रोका जाएगा. किसान संगठनों ने जनता से अपील की है कि इस जन आंदोलन में स्वेच्छा से शामिल हों.