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भागलपुर: अस्पताल में ऑक्सीजन प्रेशर में कमी की शिकायत, मरीजों को हो रही परेशानी - lack of oxygen pressure in hospital

जवाहर नेहरु मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन प्रेशर में कमी से मरीज के परिजन परेशान हैं. हांलाकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि तकनीकी समस्या के कारण दिक्कत होती है. लेकिन फिलहाल इसे दुरुस्त कर लिया गया है.

ऑक्सीजन प्रेशर में कमी की शिकायत
ऑक्सीजन प्रेशर में कमी की शिकायत
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Published : May 6, 2021, 10:48 PM IST

भागलपुर: जिले के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में कोरोना के मरीज बढ़ने के साथ ही अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से दर्जनों से अधिक मौत होने की बात सामने आई थी. मृतक के परिजनों ने कि अस्पताल में ऑक्सीजन प्रेशर की कमी की बात बता कर आए दिन हंगामा भी कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें : भागलपुर: डीआईजी ने कई इलाकों का किया निरीक्षण, शहर वासियों से सहयोग की अपील

मरीज की हुई थी मौत
दरअसल, कुछ दिनों पहले पीरपैंती के रहने वाले संक्रमित मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हो गई थी. परिजनों ने बताया था उस दौरान ऑक्सीजन सप्लाई में लगे पाइपलाइन में जाम होने की बात बताई गई थी लेकिन अब उसे दुरुस्त करने की बात कहीं जा रही है

फिलहाल पाइपलाइन दुरुस्त
वहीं, ऑक्सीजन सुपरवाइजर कुणाल कुमार ने बताया कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में सिलेंडर मौजूद है. कहा कि कभी-कभी नोजल और पाइप लाइन में समस्या आने की वजह से प्रेशर की शिकायत रहती है. उसे समय पर ही दुरुस्त कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि पाइप लगे हुए बहुत दिन हो गए हैं. जिस वजह से जाम भी हो जाता है. उन्होंने कहा कि 2 महीने पहले ही ठीक किया गया है. उन्होंने कहा कि सीरियस पेशेंट जो यहां आता है. उसे अधिकतर ऑक्सीजन का प्रेशर कम मिलता है. ऐसे मरीज को छोटा सिलेंडर से ऑक्सीजन दिया जाता है.

देखें वीडियो

डीएम ने तकनीकी समस्या की कही बात
वहीं इस मसले पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि पाइपलाइन से सप्लाई में कुछ-कुछ तकनीकी समस्या कभी-कभी आ जाती है. पाइपलाइन में जाम लग जाता है. उसे ठीक भी तुरंत किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में 24 घंटे, सातों दिन सप्लाई एजेंसी और टेक्नीशियन की टीम तीनों शिफ्ट में लगे हुए हैं. कहीं से कोई शिकायत मिलती है तो उसे तुरंत ठीक किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें : कोरोना से मौत होने पर परिजनों को सप्ताह भर के अंदर मिले 4 लाख का मुआवजा: अजीत शर्मा

बता दें कि मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में पाइपलाइन के द्वारा ऑक्सीजन की सप्लाई मरीजों के बेड तक किया जाता है. मरीज को ऑक्सीजन का प्रेशर कम मिलता है. जिस कारण मरीज की मौत हो जाती है. हालांकि, कोरोना के दूसरे लहर के आने से पहले अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीजन पाइपलाइन को ठीक किया था और उसे बदला भी है. बावजूद अस्पताल में समय-समय पर ऑक्सीजन की कमी और प्रेशर की कमी को लेकर मरीज के परिजन हंगामा करते रहे हैं.

भागलपुर: जिले के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में कोरोना के मरीज बढ़ने के साथ ही अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी की वजह से दर्जनों से अधिक मौत होने की बात सामने आई थी. मृतक के परिजनों ने कि अस्पताल में ऑक्सीजन प्रेशर की कमी की बात बता कर आए दिन हंगामा भी कर रहे हैं.

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मरीज की हुई थी मौत
दरअसल, कुछ दिनों पहले पीरपैंती के रहने वाले संक्रमित मरीज की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हो गई थी. परिजनों ने बताया था उस दौरान ऑक्सीजन सप्लाई में लगे पाइपलाइन में जाम होने की बात बताई गई थी लेकिन अब उसे दुरुस्त करने की बात कहीं जा रही है

फिलहाल पाइपलाइन दुरुस्त
वहीं, ऑक्सीजन सुपरवाइजर कुणाल कुमार ने बताया कि अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में सिलेंडर मौजूद है. कहा कि कभी-कभी नोजल और पाइप लाइन में समस्या आने की वजह से प्रेशर की शिकायत रहती है. उसे समय पर ही दुरुस्त कर दिया जाता है. उन्होंने कहा कि पाइप लगे हुए बहुत दिन हो गए हैं. जिस वजह से जाम भी हो जाता है. उन्होंने कहा कि 2 महीने पहले ही ठीक किया गया है. उन्होंने कहा कि सीरियस पेशेंट जो यहां आता है. उसे अधिकतर ऑक्सीजन का प्रेशर कम मिलता है. ऐसे मरीज को छोटा सिलेंडर से ऑक्सीजन दिया जाता है.

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डीएम ने तकनीकी समस्या की कही बात
वहीं इस मसले पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि पाइपलाइन से सप्लाई में कुछ-कुछ तकनीकी समस्या कभी-कभी आ जाती है. पाइपलाइन में जाम लग जाता है. उसे ठीक भी तुरंत किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में 24 घंटे, सातों दिन सप्लाई एजेंसी और टेक्नीशियन की टीम तीनों शिफ्ट में लगे हुए हैं. कहीं से कोई शिकायत मिलती है तो उसे तुरंत ठीक किया जा रहा है.

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बता दें कि मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में पाइपलाइन के द्वारा ऑक्सीजन की सप्लाई मरीजों के बेड तक किया जाता है. मरीज को ऑक्सीजन का प्रेशर कम मिलता है. जिस कारण मरीज की मौत हो जाती है. हालांकि, कोरोना के दूसरे लहर के आने से पहले अस्पताल प्रबंधन ने ऑक्सीजन पाइपलाइन को ठीक किया था और उसे बदला भी है. बावजूद अस्पताल में समय-समय पर ऑक्सीजन की कमी और प्रेशर की कमी को लेकर मरीज के परिजन हंगामा करते रहे हैं.

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