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20 साल पहले भी विस्फोट से दहला था भागलपुर का ये मोहल्ला, फिर गई 14 की जान, DGP ने ये कहा..

भागलपुर के तातारपुर थाना क्षेत्र के जिस मोहल्ले में बम विस्फोट (Bomb Blast In Kajvalichak Mohalla Bhagalpur) में 14 लोगों की मौत हुई है, वहां 20 साल पहले भी भीषण ब्लास्ट हुआ था. साल 2002 में हुए ब्लास्ट में चार लोगों की मौत हो गई थी. बिहार डीजीपी ने इस पर बड़ा बयान दिया है.

Bomb Blast
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Published : Mar 4, 2022, 6:43 PM IST

पटनाः बिहार के भागलपुर में हुए विस्फोट मामले (Bhagalpur blast case) में प्रदेश के डीजीपी का बयान (Bihar DGP SK Singhal) आया है. डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि यह विस्फोट एक घर में हुआ है, जहां बिना लाइसेंस पटाखा बनाने का कारोबार सालों से चल रहा था. इसकी सूचना स्थानीय थाने को भी थी, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. मामले में स्थानीय थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है. अब इस मामले की जांच एटीएस की टीम करेगी.

इसे भी पढ़ें- भागलपुर में भीषण ब्लास्ट, जमींदोज हुए मकान.. अब तक 14 की मौत

गुरुवार रात हुए विस्फोट से 14 लोगों की मौत हो गई और 10 लोग जख्मी हैं. वैसे, यह कोई पहली बार नहीं है कि भागलपुर के इन घरों में विस्फोट हुए हैं. साल 2002 में भी इन घरों में विस्फोट हुए थे, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी.

इसे भी पढ़ें- भागलपुर ब्लास्ट मामलाः कांग्रेस का तंज- 'CM नीतीश खुद गृह मंत्री हैं.. बिहार में अपराध पर बात ही नहीं करते'

डीजीपी ने जानकारी देते हुए बताया कि लीलावती देवी के घर में यह धमाका हुआ, जिसमें अकेले उनके परिवार के पांच लोगों की जान गई है. उन्होंने बताया कि आज से करीब 20 साल पहले भी काजवलीचक मुहल्ले में पटाखा बनाने के दौरान विस्फोट हुआ था. 24/10/2002 को हुए विस्फोट केस में तरातपुर थाने में मामला भी दर्ज किया गया था.

उस ब्लास्ट के बाद मामले को ठंडे बस्ते में रख दिया गया, जिसका नतीजा ये हुआ कि 14 लोगों की जान फिर चली गई. डीजीपी ने बताया कि घटनास्थल पर लोगों के रेस्क्यू के दौरान पटाखा बनाने के रैपर, प्लास्टिक सीट, बारूद सहित अन्य सामान मिले हैं.

स्थानीय लोग बताते हैं कि यह विस्फोट इतना भयानक था कि पूरा इलाका दहल उठा. पटाखा बनाने के क्रम में अवैध रूप से बारूद जमा किए जाते हैं. इस बाबत थाने में कई बार शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई.

इधर, डीजीपी ने कहा कि यह स्थानीय थाना की जिम्मेदारी होती है कि उनके क्षेत्र में क्या कुछ गतिविधियां चल रही हैं, इसे सुनिश्चित करें. इस कारण बिना लाइसेंस पटाखा बनाए जाने के मामले में थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है. डीजीपी ने बताया कि पुलिस प्रशासन को एक बार फिर से पुलिस मैन्यूअल के तहत जांच करवाए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है.

एसके सिंघल ने आगे बताया कि घटनास्थल से मलबा हटा लिया गया है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, तथ्य सामने आ रहे हैं. पटना एटीएस की टीम अब मामले की जांच करेगी.

इसे भी पढ़ें- पाकिस्तान की मस्जिद में धमाका, 30 की मौत

बता दें कि गुरुवार रात करीब 11 बजे भागलपुर के तातारपुर थाना इलाके के काजवलीचक मोहल्ला स्थित एक घर में धमाका हुआ. धमाके बाद वहां तबाही का मंजर पसर गया. जिस घर में धमाका हुआ, वह तो जमींदोज हो ही गया, आसपास के कई घर भी क्षतिग्रस्त हो गए, जिसमें अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है.

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पटनाः बिहार के भागलपुर में हुए विस्फोट मामले (Bhagalpur blast case) में प्रदेश के डीजीपी का बयान (Bihar DGP SK Singhal) आया है. डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि यह विस्फोट एक घर में हुआ है, जहां बिना लाइसेंस पटाखा बनाने का कारोबार सालों से चल रहा था. इसकी सूचना स्थानीय थाने को भी थी, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. मामले में स्थानीय थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है. अब इस मामले की जांच एटीएस की टीम करेगी.

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गुरुवार रात हुए विस्फोट से 14 लोगों की मौत हो गई और 10 लोग जख्मी हैं. वैसे, यह कोई पहली बार नहीं है कि भागलपुर के इन घरों में विस्फोट हुए हैं. साल 2002 में भी इन घरों में विस्फोट हुए थे, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी.

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डीजीपी ने जानकारी देते हुए बताया कि लीलावती देवी के घर में यह धमाका हुआ, जिसमें अकेले उनके परिवार के पांच लोगों की जान गई है. उन्होंने बताया कि आज से करीब 20 साल पहले भी काजवलीचक मुहल्ले में पटाखा बनाने के दौरान विस्फोट हुआ था. 24/10/2002 को हुए विस्फोट केस में तरातपुर थाने में मामला भी दर्ज किया गया था.

उस ब्लास्ट के बाद मामले को ठंडे बस्ते में रख दिया गया, जिसका नतीजा ये हुआ कि 14 लोगों की जान फिर चली गई. डीजीपी ने बताया कि घटनास्थल पर लोगों के रेस्क्यू के दौरान पटाखा बनाने के रैपर, प्लास्टिक सीट, बारूद सहित अन्य सामान मिले हैं.

स्थानीय लोग बताते हैं कि यह विस्फोट इतना भयानक था कि पूरा इलाका दहल उठा. पटाखा बनाने के क्रम में अवैध रूप से बारूद जमा किए जाते हैं. इस बाबत थाने में कई बार शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई.

इधर, डीजीपी ने कहा कि यह स्थानीय थाना की जिम्मेदारी होती है कि उनके क्षेत्र में क्या कुछ गतिविधियां चल रही हैं, इसे सुनिश्चित करें. इस कारण बिना लाइसेंस पटाखा बनाए जाने के मामले में थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है. डीजीपी ने बताया कि पुलिस प्रशासन को एक बार फिर से पुलिस मैन्यूअल के तहत जांच करवाए जाने का आदेश जारी कर दिया गया है.

एसके सिंघल ने आगे बताया कि घटनास्थल से मलबा हटा लिया गया है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, तथ्य सामने आ रहे हैं. पटना एटीएस की टीम अब मामले की जांच करेगी.

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बता दें कि गुरुवार रात करीब 11 बजे भागलपुर के तातारपुर थाना इलाके के काजवलीचक मोहल्ला स्थित एक घर में धमाका हुआ. धमाके बाद वहां तबाही का मंजर पसर गया. जिस घर में धमाका हुआ, वह तो जमींदोज हो ही गया, आसपास के कई घर भी क्षतिग्रस्त हो गए, जिसमें अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है.

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