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बिहार बंगाली समिति ने तैयार की मशहूर उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की ऑयल पेंटिंग - शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का जन्मदिन

भागलपुर में बिहार बंगाली समिति ने अनोखी तरह से मशहूर उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय को याद किया है. उन्होंने उपन्यासकार की बेहद खूबसूरत ऑयल पेंटिंग तैयार की है.

शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की ऑयल पेंटिंग
शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की ऑयल पेंटिंग
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Published : Aug 27, 2020, 12:56 PM IST

भागलपुर: शरतचंद्र चट्टोपाध्याय, यह नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है. देवदास और परिणीता जैसे उपन्यासों की रचना करने वाले उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय आज गुमनामी के शिकार हो गए हैं. ऐसे में बिहार बंगाली समिति ने शरतचंद्र के कार्यों और योगदान के लिए एकबार फिर उन्हें याद किया है.

जिले में बिहार बंगाली समिति की ओर से उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की बेहद खूबसूरत ऑयल पेंटिंग तैयार की गई है. मशहूर उपन्यासकार के जन्मदिन के मौके पर आगामी 17 सितंबर को इस पेंटिंग को भागलपुर स्टेशन परिसर में लगाया जाएगा. ईटीवी भारत की पहल पर पहले भी स्टेशन परिसर में शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की तस्वीर लगाई गई थी.

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शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की ऑयल पेंटिंग के साथ लोग

भागलपुर में शरतचंद्र चट्टोपाध्याय
मशहूर उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का बचपन और युवावस्था बिहार के भागलपुर में ही गुजरा. वे जिले के छोटी दुर्गा चरण स्कूल में अपनी प्राथमिक शिक्षा के लिए जाते थे. बाद में आगे की पढ़ाई के लिए वे बाहर चले गए. बिहार बंगाली समिति के बुद्धिजीवियों की ओर से भागलपुर के स्थानीय जेएस गार्डन में शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की ऑयल पेंटिंग को स्टेशन परिसर में लगाने को लेकर विचार-विमर्श किया गया.

क्या कहते हैं बुद्धिजीवी
बिहार बंगाली समिति की तरफ से शिक्षाविद राजीव कांत मिश्रा ने बताया कि भागलपुर से जुड़े कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पूरे देश और दुनिया में काफी ख्याति प्राप्त की. वैसे लोगों को पुनर्जीवित कर शहर के लोगों को उनके बारे में जागरुकता फैलाने की कोशिश की जा रही है. फोटो गैलरी और अन्य माध्यमों से लोगों के बीच महान हस्तियों को जिंदा रखने की कवायद है. बिहार बंगाली समिति के सचिव तापस घोष देवाशीष बनर्जी समेत कई बुद्धिजीवी ने भागलपुर से जुड़ी बड़ी हस्तियों को लेकर चौक-चौराहों और अन्य स्थलों पर प्रतिमा और तस्वीरें लगाकर उन्हें पुनर्जीवित करने की बात कही.

भागलपुर: शरतचंद्र चट्टोपाध्याय, यह नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है. देवदास और परिणीता जैसे उपन्यासों की रचना करने वाले उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय आज गुमनामी के शिकार हो गए हैं. ऐसे में बिहार बंगाली समिति ने शरतचंद्र के कार्यों और योगदान के लिए एकबार फिर उन्हें याद किया है.

जिले में बिहार बंगाली समिति की ओर से उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की बेहद खूबसूरत ऑयल पेंटिंग तैयार की गई है. मशहूर उपन्यासकार के जन्मदिन के मौके पर आगामी 17 सितंबर को इस पेंटिंग को भागलपुर स्टेशन परिसर में लगाया जाएगा. ईटीवी भारत की पहल पर पहले भी स्टेशन परिसर में शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की तस्वीर लगाई गई थी.

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शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की ऑयल पेंटिंग के साथ लोग

भागलपुर में शरतचंद्र चट्टोपाध्याय
मशहूर उपन्यासकार शरतचंद्र चट्टोपाध्याय का बचपन और युवावस्था बिहार के भागलपुर में ही गुजरा. वे जिले के छोटी दुर्गा चरण स्कूल में अपनी प्राथमिक शिक्षा के लिए जाते थे. बाद में आगे की पढ़ाई के लिए वे बाहर चले गए. बिहार बंगाली समिति के बुद्धिजीवियों की ओर से भागलपुर के स्थानीय जेएस गार्डन में शरतचंद्र चट्टोपाध्याय की ऑयल पेंटिंग को स्टेशन परिसर में लगाने को लेकर विचार-विमर्श किया गया.

क्या कहते हैं बुद्धिजीवी
बिहार बंगाली समिति की तरफ से शिक्षाविद राजीव कांत मिश्रा ने बताया कि भागलपुर से जुड़े कई ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पूरे देश और दुनिया में काफी ख्याति प्राप्त की. वैसे लोगों को पुनर्जीवित कर शहर के लोगों को उनके बारे में जागरुकता फैलाने की कोशिश की जा रही है. फोटो गैलरी और अन्य माध्यमों से लोगों के बीच महान हस्तियों को जिंदा रखने की कवायद है. बिहार बंगाली समिति के सचिव तापस घोष देवाशीष बनर्जी समेत कई बुद्धिजीवी ने भागलपुर से जुड़ी बड़ी हस्तियों को लेकर चौक-चौराहों और अन्य स्थलों पर प्रतिमा और तस्वीरें लगाकर उन्हें पुनर्जीवित करने की बात कही.

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