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भागलपुरः पुरातत्व विभाग ने किया CTS कैंपस का निरीक्षण, दिखी 200 साल पुरानी दीवार

बिहार विरासत विकास समिति के कार्यकारी निदेशक विजय कुमार चौधरी ने कहा कि कहा कि यहां कि खुदाई पटना विश्व विद्यालय ने कराया था. तब जो अवशेष मिले थे उसे  पटना विश्व विद्यालय में अभी तक संभाल कर रखा गया है.

सीटीएस का निरीक्षण
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Published : Aug 17, 2019, 10:49 AM IST

भागलपुर: चंपा के धरोहरों की खोज तथा उसके अध्ययन के लिए शुक्रवार को पुरातत्व विभाग की टीम ने नाथनगर के धार्मिक स्थलों और सीटीएस परिसर का निरीक्षण किया. इस मौके पर भागलपुर रेंज के डीआईजी विकास वैभव भी मौजूद थे. निरीक्षण दौरान टीम को 2800 साल पुरानी चीजें मिली हैं.

भागलपुर
सीटीएस परिसर का निरीक्षण किया गया


मौजूद है 200 साल पुरानी दिवार
मनसकामना मंदिर का भी निरीक्षण किया गया. यहां 100 साल पुरानी मुर्तियां देखने की मिली. सीटीएस परिसर में 200 साल पहले शून्य कुषाण काल में बनी दीवार का भी निरीक्षण किया गया. शोध के लिए टीम अपने साथ कुछ अवशेष भी ले गई. बिहार विरासत विकास समिति के कार्यकारी निदेशक विजय कुमार चौधरी ने कहा कि कहा कि यहां कि खुदाई पटना विश्व विद्यालय ने कराया था. तब जो अवशेष मिले थे उसे पटना विश्व विद्यालय में संभाल कर रखा गया है.

विभाग के कार्यकारी निदेशक का बयान


'चंपा विश्व का सबसे पहला नगर'
विजय कुमार चौधरी ने बताया कि वो पुरातत्व के दृष्टिकोण से चंपा के घरोहर को देखने आए थे. विभाग आगे इस पर काम कर सकती है. वहीं, डीआईजी विकास वैभव ने कहा कि चंपा को साहित्य में विश्व का सबसे पहला नगर भी कहा गया है. नाथनगर के इलाके में अब भी इसके अवशेष मौजूद हैं. जिसपर शोध किया जा सकता है. इससे हमें अपने प्रचीन संस्कृती की जानकारी मिलेगी.

भागलपुर: चंपा के धरोहरों की खोज तथा उसके अध्ययन के लिए शुक्रवार को पुरातत्व विभाग की टीम ने नाथनगर के धार्मिक स्थलों और सीटीएस परिसर का निरीक्षण किया. इस मौके पर भागलपुर रेंज के डीआईजी विकास वैभव भी मौजूद थे. निरीक्षण दौरान टीम को 2800 साल पुरानी चीजें मिली हैं.

भागलपुर
सीटीएस परिसर का निरीक्षण किया गया


मौजूद है 200 साल पुरानी दिवार
मनसकामना मंदिर का भी निरीक्षण किया गया. यहां 100 साल पुरानी मुर्तियां देखने की मिली. सीटीएस परिसर में 200 साल पहले शून्य कुषाण काल में बनी दीवार का भी निरीक्षण किया गया. शोध के लिए टीम अपने साथ कुछ अवशेष भी ले गई. बिहार विरासत विकास समिति के कार्यकारी निदेशक विजय कुमार चौधरी ने कहा कि कहा कि यहां कि खुदाई पटना विश्व विद्यालय ने कराया था. तब जो अवशेष मिले थे उसे पटना विश्व विद्यालय में संभाल कर रखा गया है.

विभाग के कार्यकारी निदेशक का बयान


'चंपा विश्व का सबसे पहला नगर'
विजय कुमार चौधरी ने बताया कि वो पुरातत्व के दृष्टिकोण से चंपा के घरोहर को देखने आए थे. विभाग आगे इस पर काम कर सकती है. वहीं, डीआईजी विकास वैभव ने कहा कि चंपा को साहित्य में विश्व का सबसे पहला नगर भी कहा गया है. नाथनगर के इलाके में अब भी इसके अवशेष मौजूद हैं. जिसपर शोध किया जा सकता है. इससे हमें अपने प्रचीन संस्कृती की जानकारी मिलेगी.

Intro:भागलपुर: -नाथनगर चंपा के धरोहरों की खोज तथा उसके अध्ययन करने के लिए शुक्रवार को पटना से पुरातत्व विभाग की आई टीम ने रेंज डीआईजी विकास वैभव के साथ नाथनगर के धार्मिक स्थलों व सीटीएस परिसर का निरीक्षण किया। टीम द्वारा सीटीएस परिसर स्थित एक गड्ढे नुमा जगह पर पहुंचे वहां शून्य कुषाण काल के बने दीवाल का निरीक्षण किया और कुछ अवशेष इकट्ठा किए और साथ ले गए।  इसके बाद टीम महाशय ड्योढ़ी स्थित भैरव स्थान, ठाकुरबाड़ी, जमुनिया नदी की तरफ जाकर उसके तट का निरीक्षण किया। मुगल काल में बने महासय ड्योढ़ी की बनावट देख अधिकारी व साथी टीम आश्चर्यचकित रह गयी। पटना से आई जांच टीम के एक्सिक्यूटिव डायरेक्टर विजय कुमार चौधरी ने कहा कि जनपद के छठी शताब्दी ईसा पूर्व में सबसे शक्तिशाली महाजनपदों में चंपा एक है। यहां की खुदाई 30 साल पहले पटना विश्वविद्यालय ने कराया था। यहां से जो उस वक्त कुलावशेष मिले उसे पटना विश्वविद्यालय में अबतक संभाल के रखा गया है। साथ ही उन्होंने बताया कि यहां जो पूराअवशेष मिला है वैसा पुुुरे बिहार मे सबसे अलग है। अगर ऐसे स्थलों का पुरातात्विक उत्खनन कराया जाए तो इतिहास के कई दबे परत भी खुलने की संभावना है। Body: सबसे शक्तिशाली महाजनपदों में चंपा एक है।Conclusion:वहीं डीआईजी ने भी कलेक्ट किये अवशेषों को देखकर रोचक बताया। मौके पर सीटीएस प्राचार्य विजय प्रसाद, सीडीआई अमित कुमार सहित कई सदस्य मौजूद थे। 
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