भागलपुर: चंपा के धरोहरों की खोज तथा उसके अध्ययन के लिए शुक्रवार को पुरातत्व विभाग की टीम ने नाथनगर के धार्मिक स्थलों और सीटीएस परिसर का निरीक्षण किया. इस मौके पर भागलपुर रेंज के डीआईजी विकास वैभव भी मौजूद थे. निरीक्षण दौरान टीम को 2800 साल पुरानी चीजें मिली हैं.
मौजूद है 200 साल पुरानी दिवार
मनसकामना मंदिर का भी निरीक्षण किया गया. यहां 100 साल पुरानी मुर्तियां देखने की मिली. सीटीएस परिसर में 200 साल पहले शून्य कुषाण काल में बनी दीवार का भी निरीक्षण किया गया. शोध के लिए टीम अपने साथ कुछ अवशेष भी ले गई. बिहार विरासत विकास समिति के कार्यकारी निदेशक विजय कुमार चौधरी ने कहा कि कहा कि यहां कि खुदाई पटना विश्व विद्यालय ने कराया था. तब जो अवशेष मिले थे उसे पटना विश्व विद्यालय में संभाल कर रखा गया है.
'चंपा विश्व का सबसे पहला नगर'
विजय कुमार चौधरी ने बताया कि वो पुरातत्व के दृष्टिकोण से चंपा के घरोहर को देखने आए थे. विभाग आगे इस पर काम कर सकती है. वहीं, डीआईजी विकास वैभव ने कहा कि चंपा को साहित्य में विश्व का सबसे पहला नगर भी कहा गया है. नाथनगर के इलाके में अब भी इसके अवशेष मौजूद हैं. जिसपर शोध किया जा सकता है. इससे हमें अपने प्रचीन संस्कृती की जानकारी मिलेगी.