भागलपुरः बिहार के भागलपुर सृजन घोटाला में बिहार सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई की अनुशंसा पर बिहार सरकार ने तत्कालीन उप समाहर्ता दीवान जाफर हुसैन खान के खिलाफ निंदन की कार्रवाई की है. इसके साथ ही तीन वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई है. यह कार्रवाई सामान्य प्रशासन विभाग की ओर की गई है.
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अधिकारी को दोषी पाया गया थाः सीबीआई की जांच रिपोर्ट में अधिकारी को दोषी बताया गया था. उसी के बाद बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी ने कार्रवाई की है. सामान्य प्रशासन विभाग ने आरोपी अधिकारी दीवान जाफर हुसैन खान को आरोप वर्ष 2014-15 में निंदन की सजा दी है. सीबीआई ने 22 नवंबर 2019 को बिहार सरकार को रिपोर्ट की थी, जिसमें गंभीर उक्त अधिकारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे.
चेक त्रुटिपूर्ण रहने के बाद भी अनुशंसाः बिहार सरकार की विभागीय कार्यवाही में प्रमाणित हो गया की चेक त्रुटिपूर्ण रहने के बावजूद आरोपी अफसर द्वारा अनुशंसित किया गया. लिहाजा उक्त सरकारी राशि जिला पदाधिकारी भागलपुर के खाते में जमा न होकर सृजन महिला विकास सहयोग समिति भागलपुर के खाते में बैंक द्वारा जमा कर दिया गया.
डीएम के नाम से चेक जारी नहीं हुआः इंडियन बैंक भागलपुर में खाता खुलवाने के बाद जिला पदाधिकारी भागलपुर द्वारा ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में सरकारी खाता के चेक द्वारा 12 करोड़ 20 लाख 15 हजार एवं पीएनबी के चेक से 9 करोड़ 75 लाख 63047 रुपए इंडियन बैंक के मैनेजर के पक्ष में निर्गत किया गया. जबकि या खाता जिला पदाधिकारी भागलपुर के नाम से था. डीएम के नाम से चेक जारी होना चाहिए था.
वेतन वृद्धि रोकः जांच में पाया गया कि अकाउंट पेई चेक हमेशा अकाउंट होल्डर के नाम से निर्गत होता है, ना कि उस शाखा के प्रबंधक के नाम से होता है. दो चेक में एक जिला पदाधिकारी खाता में जमा होना और दूसरा चेक सृजन विकास महिला विकास समिति के खाते में जमा होना बैंक की गलती तो है ही, अधिकारी भी बच नहीं सकते. लिहाजा सरकार ने निंदन और तीन वेतन वृद्धि असंचयात्मक प्रभाव से रोक का दंड लगाया है.
सृजन घोटाला क्या हैः बता दें कि भागलपुर में सृजन नाम से चल एनजीओ के खाते में फर्जी तरीके से सरकारी रुपए को ट्रांसफर कर लिया गया था. 750 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला सामने आया था. 2004 से लेकर 2014 के बीच कई बार सृजन के खाते में फर्जी तरीके से रुपए ट्रांसफर किए गए थे. से जुड़ा है जो 2004 से ही चल रहा था. यह एनजीओ महिलाओं के लिए काम करता था. इस घोटाला में जिले के डीएम से लेकर तमाम बड़े अधिकारी का हाथ था, जिसकी जांच अभी तक सीबीआई कर रही है.