भागलपुर: इन दिनों पूरे विश्व में कोरोना वायरस ने आतंक मचा रखा है. इस वायरस के खौफ ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है. वहीं, जिले के मायागंज इलाके के कोइरीटोला के आसपास लगातर सूअरों की मौत हो रही है. सूअरों की मौत से शहर के लोग भयभीत हैं. स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि सूअरों की हो रही लगातार मौत को लेकर जिला प्रशासन किसी तरह की कोई मुकम्मल व्यवस्था नहीं कर रही है.
शुक्रवार को 10 सूअरों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि सूअरों की मौत का आंकड़ा बढ़कर अब 300 के पार पहुंच गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में लगभग 200 से ऊपर सूअरों को दफनाया गया है.
'जांच के नाम पर हो रही खानापूर्ति'
इस मामले पर स्थानीय निवासी राजीव कुमार ने बताया कि इलाके में प्रतिदिन 10 सूअरों की मौत हो रही है. सभी मृत सूअरों को इसी इलाके में दफनाया जा रहा है. इस वजह से आस-पास के लोग काफी डरे हुए हैं. लगातार हो रही सूअरों की मौत के बारे में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी गई. कुछ दिन पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम यहां पहुंची थी. वे लोग कुछ सैंपल लेकर वापस चले गए. विभाग जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति कर रही है.
'निगम करा रहा क्षेत्र में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव'
सूअरों की मौत के बारे में स्थानीय वार्ड पार्षद पवन कुमार ने बताया कि इलाके में लगातार सूअरों की मौत हो रही है. मामले की जानकारी निगम के वरीय अधिकारियों को दे दी गई है. नगर निगम क्षेत्र में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करवा रही है. इसके अलावे मृत सूअरों को दफनाने के लिए जेसीबी की व्यवस्था की गई है. मृत सूअरों को दफनाने के लिए कम से कम 10 फीट गड्ढा किया जा रहा है. इसके बाद मृत सूअरों को गड्ढें में दफनाया जा रहा है.
इलाके के लोगों का मुख्य पेशा सूअर पालन
गौरतलब है कि मायागंज इलाके के कोइरीटोला और आसपास के मोहल्ले के लोगों का मुख्य पेशा सूअर पालन है. इलाके के लोगों की जीविका सूअरों के सहारे ही चलता है. सूअर पालक मुकेश का कहना है कि कर्ज लेकर सूअर पालन शुरू किया था. जितने भी सूअर थे सभी की मौत हो चुकी है. सूअरों की मौत ने हमारे जीविका पर संकट ला दिया है. बता दें कि इलाके में पिछले 1 सप्ताह में लगभग 300 से अधिक सूअरों की मौत हो चुकी है. भागलपुर के अलग-अलग इलाकों में ये मौते हो रही है. इस वजह से इलाके के लोगों में भय का माहौल पनपता जा रहा है. वहीं, इस मामले पर निगम प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोई कार्रावाई नहीं कर रही है. जिस वजह से इलाके के लोगों में विभाग के प्रति आक्रोश बढ़ रहा है.