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बेगूसराय में बिना ट्रेवल हिस्ट्री और कॉन्टेक्ट के कोरोना से संक्रमित हो रहे लोग

कोरोना वायरस संक्रमण के मामले में बेगूसराय जिले के लोग लंबे समय से त्रस्त हैं. जिले में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 352 हो चुकी है. वहीं, अभी भी एक हजार से ज्यादा सैंपल के रिपोर्ट आने बाकी हैं.

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Published : Jun 23, 2020, 4:20 PM IST

डीएम अरविंद कुमार वर्मा
डीएम अरविंद कुमार वर्मा

बेगूसराय: जिले में कोरोना संक्रमण के मामले में बिहार में सर्वोच्च स्थान पर काबिज है. जिला प्रशासन के लिए परेशानी की बात यह है कि जो नए मामले आए हैं, उनका ना ही कोई ट्रैवल हिस्ट्री है ना ही कॉन्ट्रैक्ट हिस्ट्री है. ऐसे में कोरोना संक्रमित होने की बात पर जिला प्रशासन अलर्ट मोड़ में है, क्योंकि कम्यूनिटी स्प्रेड की यही शुरुआती लक्षण होते हैं. लंबे समय बीत जाने के बावजूद भी लोगों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. जिले में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 352 पहुंच चुकी है. वहीं, अभी भी एक हजार से ज्यादा सैंपल के रिपोर्ट आने बाकी हैं, यानी कि आने वाले दिनों में यह संख्या और भी बढ़ सकती है.

डीएम ने चिकित्सकों से किया अनुरोध
डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने शहर से लेकर गांव तक के चिकित्सकों से विशेष अनुरोध किया है कि वह कोरोना वायरस काल में अगर समाज को अपनी सेवा देना चाहते हैं, तो इससे बढ़िया मौका नहीं मिल सकता है. क्योंकि अभी जिस दौर में बेगूसराय जिले में संक्रमण की स्थिति है. वो काफी चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि अगर बुनियादी बातों को ध्यान में रखकर हम आगे नहीं बढे़, तो भविष्य में यह और खतरनाक रूप ले सकता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

जिला प्रशासन अलर्ट
डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि जिले में रिकवरी रेट काफी अच्छा है और अब संक्रमितों की संख्या मात्र 63 रह गई है. संक्रमण के ज्यादातर मामले प्रवासी मजदूरों से जुड़े थे. उन्हीं की ज्यादातर रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. लेकिन, परेशानी और चिंता की बात यह है कि जो नए मामले आ रहे हैं, उनकी न तो कोई ट्रैवल हिस्ट्री है और न ही कांटेक्ट हिस्ट्री. ऐसे में जिला प्रशासन पूरी तरह सजग और सचेत होकर संक्रमण रोकने का उपाय कर रहा है.

ज्यादा से ज्यादा संदिग्धों की होगी जांच
डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने बताया की जिले में अब रैंडम सेंपलिंग व्यापक तौर पर शुरू किया गया है. खासतौर पर 65 वर्ष से ज्यादा उम्र वर्ग के लोगों, शारीरिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति और गर्भवती महिलाएं को चिन्हित कर इनकी सूची बनाई जा रही है. प्रारंभिक तौर पर इनकी सैंपल जांच के लिए भेजी जाएगी. वहीं, डीएम ने बताया कि संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन ने यह रणनीति बनाई है कि अब ज्यादा से ज्यादा संदिग्धों की सैंपलिंग की जाएगी. इसके लिए जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण स्तर तक के डॉक्टरों की सहयोग की जरूरत है.

बेगूसराय: जिले में कोरोना संक्रमण के मामले में बिहार में सर्वोच्च स्थान पर काबिज है. जिला प्रशासन के लिए परेशानी की बात यह है कि जो नए मामले आए हैं, उनका ना ही कोई ट्रैवल हिस्ट्री है ना ही कॉन्ट्रैक्ट हिस्ट्री है. ऐसे में कोरोना संक्रमित होने की बात पर जिला प्रशासन अलर्ट मोड़ में है, क्योंकि कम्यूनिटी स्प्रेड की यही शुरुआती लक्षण होते हैं. लंबे समय बीत जाने के बावजूद भी लोगों को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. जिले में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 352 पहुंच चुकी है. वहीं, अभी भी एक हजार से ज्यादा सैंपल के रिपोर्ट आने बाकी हैं, यानी कि आने वाले दिनों में यह संख्या और भी बढ़ सकती है.

डीएम ने चिकित्सकों से किया अनुरोध
डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने शहर से लेकर गांव तक के चिकित्सकों से विशेष अनुरोध किया है कि वह कोरोना वायरस काल में अगर समाज को अपनी सेवा देना चाहते हैं, तो इससे बढ़िया मौका नहीं मिल सकता है. क्योंकि अभी जिस दौर में बेगूसराय जिले में संक्रमण की स्थिति है. वो काफी चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि अगर बुनियादी बातों को ध्यान में रखकर हम आगे नहीं बढे़, तो भविष्य में यह और खतरनाक रूप ले सकता है.

देखें पूरी रिपोर्ट

जिला प्रशासन अलर्ट
डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि जिले में रिकवरी रेट काफी अच्छा है और अब संक्रमितों की संख्या मात्र 63 रह गई है. संक्रमण के ज्यादातर मामले प्रवासी मजदूरों से जुड़े थे. उन्हीं की ज्यादातर रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. लेकिन, परेशानी और चिंता की बात यह है कि जो नए मामले आ रहे हैं, उनकी न तो कोई ट्रैवल हिस्ट्री है और न ही कांटेक्ट हिस्ट्री. ऐसे में जिला प्रशासन पूरी तरह सजग और सचेत होकर संक्रमण रोकने का उपाय कर रहा है.

ज्यादा से ज्यादा संदिग्धों की होगी जांच
डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने बताया की जिले में अब रैंडम सेंपलिंग व्यापक तौर पर शुरू किया गया है. खासतौर पर 65 वर्ष से ज्यादा उम्र वर्ग के लोगों, शारीरिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति और गर्भवती महिलाएं को चिन्हित कर इनकी सूची बनाई जा रही है. प्रारंभिक तौर पर इनकी सैंपल जांच के लिए भेजी जाएगी. वहीं, डीएम ने बताया कि संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन ने यह रणनीति बनाई है कि अब ज्यादा से ज्यादा संदिग्धों की सैंपलिंग की जाएगी. इसके लिए जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण स्तर तक के डॉक्टरों की सहयोग की जरूरत है.

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