बेगूसराय: जिले में 303 एकड़ में फैला मछलियों का कैच कोला जलकर जिला के महत्वपूर्ण जलकरो में से एक है. लेकिन बीते कुछ सालों से दो पक्षों के बीच उपजे विवाद के कारण इस जलकर में शिकार नहीं किया जा रहा. जिससे 450 मछुआरों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद में दोनों ही पक्ष एक-दूसरे पर कानून का उल्लंघन का आरोप लगा रहे हैं. इस संबंध में विभागीय आदेश के बाद बुधवार को वोटिंग के जरिए इस विवाद को सुलझाने का प्रयास किया गया.
हंगामे के बीच शुरू हुई इस बैठक में अधिकारियों की मौजूदगी में 18 अक्टूबर 2019 और 3 जनवरी 2020 से बैठक के प्रस्ताव को ध्वनिमत से पास करते हुए अध्यक्ष सुरेंद्र सहनी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. मंत्री ललन सहनी के प्रस्ताव को पारित किया गया.
मत्स्य जीवी सहयोग समिति की बैठक
जिला सहकारिता अधिकारी के आदेश पर बेगूसराय प्रखंड मत्स्य जीवी सहयोग समिति लिमिटेड चांदपुरा की प्रबंध कार्यकारिणी की सदर प्रखंड के किसान सभा भवन में विशेष बैठक हुई. जिसमें बेगूसराय प्रखंड मत्स्य जीवी सहयोग समिति लिमिटेड चांदपुरा ने 18 अक्टूबर 2019 को बुलाई गई बैठक की वंचित सदस्यों को जलकर में हिस्सेदारी देने पर चर्चा शुरू हुई. हंगामे के बीच 7-4 सदस्यों की बहुमत से समिति की पिछली बैठक की संपुष्टि की गई. इसकी अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र साहनी ने की. अध्यक्ष का आरोप है कि मंत्री विभाग को ग़ुमराह करने का काम कर रहे हैं.
प्रस्ताव में 3 सदस्यों ने समर्थन
वहीं, अध्यक्ष की ओर से लाए गए प्रस्ताव का 3 सदस्यों ने समर्थन किया. जबकि बेगूसराय प्रखंड मत्स्य जीवी सहयोग समिति के मंत्री कोषाध्यक्ष ललन कुमार सहनी के समर्थन में 6 सदस्यों ने अध्यक्ष के प्रस्ताव का विरोध करते हुए इसे खारिज कर दिया. साथ ही साथ 18 अक्टूबर 2019 वह 3 जनवरी 2020 की बुलाई गई बैठक में लिए गए प्रस्ताव को बहुमत से पारित करने की स्वीकृति दी गई. बैठक में पर्यवेक्षक के रूप में प्रखंड सहकारिता अधिकारी मनीष कुमार और मत्स्य प्रसार अधिकारी मनोज कुमार मौजूद रहे. मंत्री ललन सहनी का आरोप है कि अध्यक्ष सुरेंद्र सहनी और उनके समर्थक जलकर में बिना पैसा लगाये और बिना मछली गिराए जबरदस्ती हिस्सेदारी चाहते हैं.
अध्यक्ष की मनमानी चलते अटका मामला
मंत्री का आरोप है कि अध्यक्ष की मनमानी के चलते ये मामला लटका हुआ है. जिससे 450 मछुआरे के सामने भुखमरी की स्थिति बनी हुई है. वहीं, इस मामले में मत्स्य प्रसार अधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि यह मामला काफी लंबे समय से विवाद में है. जिसे वोटिंग कराकर सुलझाया जा रहा है. कुल मिलाकर बैठक में बहुमत से प्रस्ताव पारित होने के बाद कैथ कोला जलकर के विवाद का मामला सुलझाने का रास्ता साफ हो गया है. बता दें कि जिले में मछलियों के लिए कैथ कोला जलकर प्रसिद्ध है. इस जलकर से 400 से अधिक सदस्यों का जीवनयापन भी होता है.