बेगूसराय: बिहार सरकार की ओर से महज एक हजार रुपये मानदेय राशि बढ़ाए जाने से आक्रोशित शिक्षा सेवक, तालिमी मरकज और टोला सेवक के कर्मियों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान बेगूसराय ट्रैफिक चौक से कचहरी रोड होते हुए कैंटीन चौक तक एक प्रतिरोध मार्च निकाला गया. जो कैंटीन चौक पहुंच कर सभा में तब्दील हो गया.
सीएम का पुतला दहन
इस दौरान कैंटीन चौक पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा का पुतला दहन किया गया. इस प्रदर्शन में बेगूसराय के सभी तालिमी मरकज और टोला सेवक ने हिस्सा लिया. प्रदर्शन कर रहे लोगों ने आने वाले चुनाव में नीतीश कुमार को सबक सिखाने की बात कही.
403 टोला सेवक कर रहे काम
बता दें बिहार सरकार महादलित और अल्पसंख्यक अति पिछड़ा के लिए अक्षर आंचल योजना चला रही है. जिसमें महिला और कमजोर बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकार ने मानदेय पर शिक्षा सेवक और शिक्षा सेवक तालिमी मरकज को बहाल कर रखा है. बेगूसराय में तकरीबन 403 टोला सेवक और तालिमी मरकज काम कर रहे हैं.
कई बार किया आंदोलन
इनका कहना है कि सरकार पिछले 5 वर्षों से सिर्फ दस हजार मानदेय दे रही है. इसको लेकर कई बार आंदोलन भी किया गया है. लेकिन सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली है. चुनावी वर्ष होने के कारण उन्हें उम्मीद थी कि सरकार इनके मानदेय को सही तरीके से बढ़ायेगी. लेकिन ऐसा ना होकर सरकार ने मानदेय के रूप में सिर्फ एक हजार रुपये अप्रैल 2021 से बढ़ाया है.
तालिमी मरकज में नाराजगी
सरकार के इस रवैये से शिक्षा सेवक तालिमी मरकज में काफी नाराजगी देखी जा रही है. सरकार के इसी फैसले से आक्रोशित लोगों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका. इनकी मांग है कि सरकार इन्हें सरकारी शिक्षक के समान सुविधाएं उपलब्ध कराएं. नहीं तो आने वाले चुनाव में वह नीतीश कुमार को सबक सिखाने का काम करेंगे.
कई लोग रहे मौजूद
इस मौके पर तालिमी मरकज के जिला सचिव मोहम्मद अकबर, शंभू रजक, भीम सदा, मोहम्मद मुर्शीद, मोहम्मद अमजद, पप्पू कुमार, मोहम्मद सुभान अहमद हुसैन, लालबाबू चौधरी, लालू रजक, रीता देवी, अंबिका परवीन सहित आदि मौजूद रहे.