बेगूसरायः बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर अक्सर सवाल खड़े किया जाता हैं. समय-समय ऐसे कई उदाहरण भी सामने आते हैं, जब इन व्यवस्थाओं पर लोग उंगली उठाने को विवश होते हैं. बिहार के नंबर 1 अस्पतालों में शुमार बेगूसराय सदर अस्पताल (Bad Condition Of Begusarai Sadar Hospital) भी मरीजों के पैमाने पर खरा नहीं उतर पा रहा है. कुछ लोग यहां बेहतर स्वास्थ व्यवस्था की बात करते हैं तो कुछ लोग स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी (Lack of Doctors In Begusarai Sadar Hospital) का रोना रोकर व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हैं.
ये भी पढ़ेंः रात में ना जाएं सिवान सदर अस्पताल, मोबाइल टार्च के सहारे कराना होगा इलाज!
अस्पताल पर निर्भर है 30 लाख की आबादीः की बेगूसराय की कुल आबादी तकरीबन 30 लाख के करीब है. ऐसे में बेगूसराय अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने का भले ही दावा बेगूसराय सिविल सर्जन के द्वारा किया जाता रहा हो. लेकिन आज भी यहां स्पेशलिस्ट डॉक्टर, चिकित्सक, नर्स और स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी है. बेगूसराय सदर अस्पताल में प्रतिदिन 800 से 1000 मरीज इलाज के लिए आते हैं. वहीं, महीने में आंकड़े के हिसाब से तकरीबन 30 हजार के करीब मरीज पहुंचते हैं.
153 चिकित्सक की जगह पर 133 डॉक्टर उपलब्धः पूरे जिला में 30 लाख लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए 133 चिकित्सक मौजूद हैं. जबकि यहां 153 चिकित्सक होना चाहिए था. यानि पद के हिसाब से 20 पद अब भी रिक्त हैं. वहीं, विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या मात्र 39 हैं, जो बहुत कम है. जिला में कुल 465 ANM कार्यरत हैं, 173 जीएनएम कार्यरत हैं. जबकि 189 ANM और 178 जीएनएम के पद के रिक्त होने की जानकारी है. पूरे जिले में मात्र 19 महिला डॉक्टर कार्यरत हैं. बात करें सदर अस्पताल की तो बेगूसराय सदर अस्पताल में 14 चिकित्सक पदस्थापित हैं, जिनमें 4 महिला चिकित्सक शामिल हैं.
अस्पताल की व्यवस्था में गिरावट की शिकायतः इस संबंध में पूछे जाने पर निवर्तमान डिप्टी मेयर राजीव कुमार का कहना है कि मैं बरसों से सदर अस्पताल से जुड़ा हूं. पहले के पदाधिकारी के समय में जो व्यवस्थाएं यहां थी उस व्यवस्था में अब गिरावट आई है. आज की तारीख में कोई ना कोई कमी चाहे वह साफ सफाई, डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मियों की कमी,संसाधन की कमी जैसी व्यवस्था में गिरावट आई है.

दवा ठीक से नहीं मिल पातीः वहीं, स्पताल में भर्ती मरीज केदारनाथ गुप्ता का कहना है कि डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं पर उनकी बीमारी जड़ से ठीक नहीं हो पा रही है. मरीज का कहना है कि यहां चर्म रोग के डॉक्टर के नहीं रहने के कारण चर्म रोग की समुचित इलाज और दवा ठीक से नहीं मिल पा रही है. हालांकि उन्होंने खानपान और सारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त बताया.
खाने पीने की व्यवस्था में कोई कमी नहीं ः वहीं अस्पताल में भर्ती जीतू पासवान ने कहा कि उन्हें इलाज में कोई कमी समझ में नहीं आती है. उनका समुचित इलाज हो रहा और खाने पीने की कोई कमी नहीं है. इस संबंध में अस्पताल में ही भर्ती दिलों राय नामक व्यक्ति ने बताया कि यहां खानपान की पूरी व्यवस्था है और डॉक्टर भी उनकी सही तरीके से देख रेख करते है. वह यहां की व्यवस्था से संतुष्ट हैं.
"आज ही यहां भर्ती हुए हैं, भर्ती के बाद से ड्रेसिंग अभी तक नहीं हो पाया है. कुछ माह पहले हमारा पैर टूट गया था और वो प्राइवेट में लाखो रुपया खर्च कर चुके हैं अब हमारे पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं, इसलिए थक हार कर सदर अस्पताल मे भर्ती हुए हैं. अब देखते हैं यहां कैसी स्वास्थ्य व्यवस्था मिल पाती है"- मरीज
"13 सितंबर से यहां भर्ती हैं. डॉक्टर टाइम पर आते ही नहीं हैं. ना मरीज को समय देते हैं. डॉक्टर जब आते हैं तो एक दो मरीज को देखने के बाद वापस हो जाते हैं. दूसरे मरीजों से कुछ नहीं पूछते हैं, यहां के इलाज से हम संतुष्ट नहीं हैं. बाकी सारी व्यवस्थाएं ठीक हैं"- मरीज

डॉक्टर और कर्मी के लिए भोजन की व्यवस्थाः अस्पताल में आम मरीजों के अलावा डॉक्टर और कर्मी के भोजन आदि की व्यवस्था के लिए संचालित दीदी की रसोई शहर के दूसरे रेस्टुरेंट की तरह ही साफ सुथरा है. जहां दावा किया जाता है कि सस्ते में शुद्ध भोजन की व्यवस्था है. इस संबंध में रेनू कुमारी ने बताया कि यहां सस्ते दाम पर भोजन उपलब्ध कराया जाता है. यहां का पराठा खास तौर पर पसंद करते है 30 से 50 रुपये के बीच लोग भरपेट भोजन करते है.
चिकित्सक की कमी होने से थोड़ी है परेशानीः वहीं, बेगूसराय जिला में स्वास्थ्य व्यवस्था के सवाल पर पूछे जाने पर सिविल सर्जन प्रमोद कुमार सिंह ने बताया कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था उत्कृष्ट कोटि की भले ही ना हो पर सामान्य से बेहतर जरूर है. उन्होंने सदर अस्पताल में इलाज के संबंध में बताया कि यहां जो भी मरीज आ रहे हैं उनका सही तरीके से केयर हो रहा है. यहां दवा उपलब्ध है चिकित्सक उपलब्ध है. सुदूर क्षेत्रों जैसे पीएससी सीएससी में चिकित्सक की कमी होने की वजह से थोड़ी परेशानी कभी-कभी आ जाती है. दूसरी जगह से चिकित्सकों को भेजकर वहां 24×7 सेवा उपलब्ध कराया जा रहा है.
"व्यवस्था संतोषजनक है, लेकिन सरकार इसे और उत्कृष्ट बनाने के लिए मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री लगे हुए हैं, दिनों दिन इसमें सुधार होता जा रहा है. यहां डेंटल, फिजीशियन, सर्जन डायलिसिस सिटी स्कैन डिजिटल, एक्स-रे फिजियोथेरेपी आदि की सुबिधा उपलब्ध है. पीएससी से जो भी रेफर मरीज आते हैं उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है. पीएससी में पर्याप्त मात्रा में 24 घंटा एंबुलेंस मौजूद है. सदर अस्पताल ने उत्कृष्ट सेवा देकर लोगों की जान बचाई है. यहां नियमित कैंप लगाकर ब्लड कलेक्शन का काम होता है"- प्रमोद कुमार शर्मा, सिविल सर्जन
स्वास्थ्य कर्मियों की बहाली की मांगः अस्पताल में आए मरीजों का कहना है कि आम लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग को खुद बीमार होने से बचना होगा. सरकार को एक खास नीति बनाकर डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की बहाली करनी होगी. नहीं तो आम लोगों को दुरुस्त रखने वाला सरकारी अस्पताल खुद बीमार पड़ता जाएगा.
ये भी पढ़ेंः बेगूसराय: फिटनेस सर्टिफिकेट चाहिए तो 500 रुपये नजराना लाइए