बेगूसराय: जिले में कोरोना महामारी का प्रकोप जारी है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग के निर्देश और सरकार की ओर से बार-बार अनुरोध किए जाने के बाद भी निजी अस्पताल के डॉक्टर कोरोना के संदिग्ध मरीजों का जानकारी छुपा रहे हैं. ऐसे कई मामले प्रकाश में आने के बाद डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने सिविल सर्जन को ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई का आदेश दिया है.
बता दें कि जिले में बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या को लेकर जिला प्रशासन काफी अलर्ट है. इसी कड़ी में जिला प्रशासन ने जिले के निजी डॉक्टरों और अस्पतालों को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि कोई ऐसे मरीज जिन में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो इसकी तत्काल सूचना सिविल सर्जन को दी जाए. वहीं, कोरोना संदिग्ध मरीज को सदर अस्पताल तक पहुंचाने का प्रयास किया जाए. अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
![order for action on private hospitals that hide the identity and information of corona patients](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/bh-bgs-dm-action-pkg-7203139_24062020213948_2406f_03768_755.jpg)
'कोरोना संदिग्ध मरीजों से संक्रमण फैलने का खतरा'
इस मामले को लेकर डीएम ने कहा कि कई ऐसे मामले देखे गए हैं जब कोरोना के लक्षण पाए जाने वाले मरीज निजी अस्पतालों में इलाज करवाने पहुंचे. वहां उसकी और अधिक तबियत बिगड़ने पर उन्हें सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है. लेकिन वो सदर अस्पताल न आकर किसी दूसरे निजी अस्पताल पहुंच जाते हैं. ऐसे मरीजों के संपर्क में आने से अन्य दूसरे लोग भी संक्रमित हो जाते हैं.
कई डॉक्टरों और अस्पतालों को किया गया शो-कॉज
इसके अलावे डीएम ने कहा कि हाल के दिनों में निजी चिकित्सकों की ओर से कुछ लापरवाही देखी गई है. जबकि बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि संक्रमित मरीजों को उचित देखरेख में सदर अस्पताल पहुंचाया जाए. जिससे कि कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके. साथ ही डीएम ने बताया कि जिले में कई डॉक्टरों और निजी अस्पतालों की लापरवाही सामने आई थी. जिसके बाद संबंधित लोगों को शो कॉज किया गया है. लेकिन अभी तक संतोष जनक जवाब प्राप्त नहीं हो पाया है. ऐसे में बेगूसराय के सिविल सर्जन को कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है.