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बेगूसराय: नगर परिषद गठन के दौरान परिसीमन पर उठे सवाल, जांच करने पहुंचे अधिकारी - बलिया में परसीमन गड़बड़ी

जांच टीम के सदस्यों ने नगर कार्यालय में सीओ अमृतराज बंधु, प्रखंड कृषि पदाधिकारी विनोद कुमार सिंह से परिसीमन में शामिल गांवों की कृषि और गैर योग्य भूमि की जानकारी ली गई. इस दौरान आपत्ति और दावा के आवेदनों को लेकर डीडीसी सुशांत कुमार के नेतृत्व में जांच टीम ने दावा किये गए स्थल का भी निरीक्षण किया.

Begusarai
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Published : Jan 3, 2021, 7:12 PM IST

बेगूसराय: दिसंबर माह में सरकार की ओर से बिहार के कई नगर पंचायतों को नगर परिषद में बदलने की घोषणा की गई थी. इस फैसले के बाद उसके परसीमन पर उठे सवाल के बाद अब परसीमन की सच्चाई की जांच को लेकर टीम विभिन्न जगहों पर पहुंचने लगी है. इसी क्रम में रविवार को नगर परिषद के परिसीमन पर दावा आपत्ति की जांच में जिला अधिकारी द्वारा गठित 6 सदस्यों की टीम बलिया नगर पंचायत कार्यालय पहुंची.

जांच टीम के सदस्यों ने नगर कार्यालय में सीओ अमृतराज बंधु, प्रखंड कृषि पदाधिकारी विनोद कुमार सिंह से परिसीमन में शामिल गांवों की कृषि और गैर योग्य भूमि की जानकारी ली गई. इस दौरान आपत्ति और दावा के आवेदनों को लेकर डीडीसी सुशांत कुमार के नेतृत्व में जांच टीम दावे किए गए स्थल का भी निरीक्षण किया, जबकि जांच के दौरान नगर कार्यपालक मो. जफर इकबाल के मौजूद नहीं रहने पर अधिकारियों ने नाराजगी भी जताई.

क्या कहते हैं एसडीओ डॉ. उत्तम कुमार
इस संबंध में एसडीओ डॉ. उत्तम कुमार ने बताया कि जिला अधिकारी ने नगर परीसिमन पर आने वाले दावा आपत्ति आवेदनों के आलोक में 6 सदस्यीय टीम गठित कर इसकी जांच कर प्रतिवेदन सौंपने का आदेश दिया है. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से 26 दिसंबर 2020 को अधिसूचना जारी कर बलिया नगर पंचायत को नगर परिषद में तब्दील किया गया था.

परिसीमन में नगर पंचायत द्वारा बड़ी बलिया दक्षिणी पंचायत का पूर्ण भाग और बड़ी बलिया उतरी पंचायत का आंशिक भाग जोड़ने का प्रस्ताव भेजा गया था. इस नगर के लोग अधिसूचना जारी होने के 1 माह तक दावा आपत्ति आवेदन जमा करवा सकते हैं. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान टीम के द्वारा गैर कृषि योग्य भूमि और जनसंख्या के बारे में जानकारी ली गई.

ये भी पढ़ें: बिहार में किसी भी दिन शुरू हो सकता है वैक्सीनेशन: मंगल पांडे

एसडीओ डॉ. उत्तम कुमार ने बताया कि जांच के दौरान उपायुक्त के द्वारा नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को उपस्थित रहने का आदेश दिया गया था. बावजूद वे बिना सूचना के गायब पाये गए. साथ ही इस दौरान नगर पंचायत के कई युवाओं ने प्रस्तावित परिसीमन में एक ही समुदाय के गांव को जोड़ने का आरोप भी नगर पंचायत पर लगाया है.

इस मामले को लेकर भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री राजेश अम्बष्ट के द्वारा उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद को भी आवेदन दिया गया था. साथ ही कई नगर वासियों के द्वारा जिला अधिकारी अरविंद कुमार वर्मा को भी दावा आपत्ति का आवेदन दिया है.

बेगूसराय: दिसंबर माह में सरकार की ओर से बिहार के कई नगर पंचायतों को नगर परिषद में बदलने की घोषणा की गई थी. इस फैसले के बाद उसके परसीमन पर उठे सवाल के बाद अब परसीमन की सच्चाई की जांच को लेकर टीम विभिन्न जगहों पर पहुंचने लगी है. इसी क्रम में रविवार को नगर परिषद के परिसीमन पर दावा आपत्ति की जांच में जिला अधिकारी द्वारा गठित 6 सदस्यों की टीम बलिया नगर पंचायत कार्यालय पहुंची.

जांच टीम के सदस्यों ने नगर कार्यालय में सीओ अमृतराज बंधु, प्रखंड कृषि पदाधिकारी विनोद कुमार सिंह से परिसीमन में शामिल गांवों की कृषि और गैर योग्य भूमि की जानकारी ली गई. इस दौरान आपत्ति और दावा के आवेदनों को लेकर डीडीसी सुशांत कुमार के नेतृत्व में जांच टीम दावे किए गए स्थल का भी निरीक्षण किया, जबकि जांच के दौरान नगर कार्यपालक मो. जफर इकबाल के मौजूद नहीं रहने पर अधिकारियों ने नाराजगी भी जताई.

क्या कहते हैं एसडीओ डॉ. उत्तम कुमार
इस संबंध में एसडीओ डॉ. उत्तम कुमार ने बताया कि जिला अधिकारी ने नगर परीसिमन पर आने वाले दावा आपत्ति आवेदनों के आलोक में 6 सदस्यीय टीम गठित कर इसकी जांच कर प्रतिवेदन सौंपने का आदेश दिया है. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से 26 दिसंबर 2020 को अधिसूचना जारी कर बलिया नगर पंचायत को नगर परिषद में तब्दील किया गया था.

परिसीमन में नगर पंचायत द्वारा बड़ी बलिया दक्षिणी पंचायत का पूर्ण भाग और बड़ी बलिया उतरी पंचायत का आंशिक भाग जोड़ने का प्रस्ताव भेजा गया था. इस नगर के लोग अधिसूचना जारी होने के 1 माह तक दावा आपत्ति आवेदन जमा करवा सकते हैं. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान टीम के द्वारा गैर कृषि योग्य भूमि और जनसंख्या के बारे में जानकारी ली गई.

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एसडीओ डॉ. उत्तम कुमार ने बताया कि जांच के दौरान उपायुक्त के द्वारा नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को उपस्थित रहने का आदेश दिया गया था. बावजूद वे बिना सूचना के गायब पाये गए. साथ ही इस दौरान नगर पंचायत के कई युवाओं ने प्रस्तावित परिसीमन में एक ही समुदाय के गांव को जोड़ने का आरोप भी नगर पंचायत पर लगाया है.

इस मामले को लेकर भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री राजेश अम्बष्ट के द्वारा उप मुख्यमंत्री तारकेश्वर प्रसाद को भी आवेदन दिया गया था. साथ ही कई नगर वासियों के द्वारा जिला अधिकारी अरविंद कुमार वर्मा को भी दावा आपत्ति का आवेदन दिया है.

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