बेगूसराय: जिले के खोदावंदपुर कृषि विज्ञान केंद्र में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम आयोजित की गई. वहीं, इस कार्यक्रम का उद्घाटन स्थानीय सांसद सह केंद्रीय पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह ने की. इस दौरान कार्यक्रम के पूर्व केन्द्रीय मंत्री व कुलपति के द्वारा संयुक्त रूप से पौधरोपण किया गया.
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व्यवसायिक खेती को बढ़ावा दें कृषि वैज्ञानिक
'किसानों को व्यवसायिक खेती के लिए प्रोत्साहित करें. कृषि वैज्ञानिक किसानों को जागरूक कर उन्हें खेती के नवीनतम तकनीकों की जानकारी दें. तभी हमारा समाज आत्म निर्भर बनेगा. जबतक अन्नदाता किसान आत्मनिर्भर नहीं होंगे, तब तक विकास की गाड़ी आगे नहीं बढ़ेगी.'- गिरिराज सिंह, सांसद
वहीं, उन्होंने कहा कि बिहार में किसानों के पास वर्तमान समय में 0.12 हेक्टेयर ही जमीन है. ऐसी परिस्थिति में गेहूं और धान उपजाने से काम नहीं चलेगा. किसानों को दलहन, तेलहन, सब्जी, फल, मसाला उत्पादन जैसी व्यवसायिक खेती करनी होगी. जमीन के भौतिक स्तर के अनुरूप कृषि कार्य को चुनना होगा. इसके अलावे पशुपालन, मत्स्य पालन, डेयरी उद्योग से जुड़ना होगा.
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कृषि और पशुपालन सिक्के के दो पहलू
बरौनी डेयरी के प्रबंध निदेशक सुनील रंजन मिश्रा ने कहा कि कृषि और पशुपालन एक सिक्के के दो पहलू हैं. पशुपालन को कृषि से अलग नहीं किया जा सकता. आज डेयरी उद्योग से जुड़कर हजारों परिवार लाभान्वित हो रहे हैं. महिलाएं भी इसमें पिछे नहीं है. बरौनी डेयरी दूध उत्पादक किसानों को उनका मुनाफा दे रही है.